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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : विरासत और गढ़ बचाने की चुनौती, तीसरे चरण के चुनाव में नीरा, सुनीता, सविता व अंबा पर रहेगी नजर
विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 दिसंबर को उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर की 14 सीटों समेत कुल 17 सीटों पर वोट डाले जायेंगे.इस चरण की कई सीटों पर भाजपा का कब्जा है. कोडरमा से भाजपा की विधायक व मंत्री डॉ नीरा यादव पर अपनी सीट बचाने की चुनौती रहेगी. कई सीटों पर महागठबंधन के […]
विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 दिसंबर को उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर की 14 सीटों समेत कुल 17 सीटों पर वोट डाले जायेंगे.इस चरण की कई सीटों पर भाजपा का कब्जा है. कोडरमा से भाजपा की विधायक व मंत्री डॉ नीरा यादव पर अपनी सीट बचाने की चुनौती रहेगी. कई सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी चुनौती देते दिख रहे हैं. वहीं विरासत को संभाले रखने का दबाव भी प्रत्याशियों पर है.
कोडरमा : नीरा को बागी शालिनी दे रहीं हैं चुनौती, राजद के नये चेहरे ने बढ़ाया रोमांच
कुल वोटर 339865
पुरुष वोटर 177739
महिला वोटर 162122
कुल प्रत्याशी 17
मुख्य प्रत्याशी
नीरा यादव भाजपा
अमिताभ कुमार राजद
शालिनी गुप्ता आजसू
रमेश हर्षधर झाविमो
कोडरमा विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी संघर्ष रोमांचक हो गया है. शिक्षा मंत्री सह भाजपा प्रत्याशी डॉ नीरा यादव को इस बार पार्टी से बागी होकर आजसू से चुनाव लड़ रही शालिनी गुप्ता से चुनौती मिल रही है. वहीं नामांकन में अचानक हुए फेरबदल के बाद महागठबंधन से राजद के प्रत्याशी अमिताभ कुमार ने रोमांच बढ़ा दिया है.
अमिताभ राजनीति में नये चेहरे हैं. इस सीट पर जातीय समीकरण निर्णायक साबित होगा. कोडरमा सीट पर स्टार प्रचारकों के वार ने भी राजनीतिक फिजा को बदला है. भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक की गोलबंदी में जुटी है, तो राजद अपने पुराने गढ़ में दोबारा आगे निकलने की कोशिश में जुटा है. आजसू से मैदान में उतरी शालिनी भी पूरा दम-खम दिखा रही है. वहीं झाविमो ने यादव रमेश हर्षधर को मैदान में उतारा है.
वैसे तो कोडरमा से कुल 17 प्रत्याशी मैदान में हैं, पर चार में से तीन एक ही जाति से आते हैं. ऐसे में इस वोट बैंक का बिखराव निर्णायक होगा. कोडरमा से राज्य में पांच साल शिक्षा मंत्री रही डॉ नीरा यादव खुद उम्मीदवार हैं. आजसू से शालिनी गुप्ता के आने के बाद यह सीट प्रतिष्ठा का बन गया है. कोडरमा की भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी का गृह क्षेत्र है.
हजारीबाग : भाजपा के मनीष को अपना किला बचाने की चुनौती, मुकाबला रोचक
कुल वोटर 383643
पुरुष वोटर 202486
महिला वोटर 182156
कुल प्रत्याशी 15
मुख्य प्रत्याशी
मनीष जायसवाल भाजपा
डॉ रामचंद्र प्रसाद कांग्रेस
मुन्ना सिंह झाविमो
नदीम खान एआइएमआइएम
हजारीबाग सदर विधानसभा सीट से 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी मनीष जायसवाल, महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ आरसी मेहता और झाविमो प्रत्याशी मुन्ना सिंह के बीच है. वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इतहादुल मुस्लिमीन के प्रत्याशी नदीम खान भी चुनाव मैदान में हैं. मनीष जायसवाल ने दोबारा किला फतह करने के लिए अपनी बिसात बिछायी है.
कांग्रेस प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में भाग्य आजमा कर इनकंबैंसी से अपने को अलग रखे हुए हैं. वहीं झाविमो के प्रत्याशी मुन्ना सिंह काफी पहले से चुनावी तैयारी में जुटे हुए थे. उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर झाविमो से चुनाव लड़ मुकाबले को रोचक बना दिया है.
गौरतलब है कि मनीष जायसवाल भाजपा के लिए उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय सीट सदर को सिरमौर बनाये रखना चाहते हैं. इसके लिए भाजपा ने यहां तैयारी भी की हुई है. वहीं कांग्रेस की हजारीबाग में परंपरागत वोट रहे हैं और इस महागठबंधन के कारण झामुमो-राजद के साथ मिल कर हजारीबाग की सीट पर वापसी का जोर लगा रहे हैं. झाविमो व एआइएमआइएम के उम्मीदवारों ने मुकाबले को रोचक बनाया है.
रामगढ़ : सांसद बन गये चंद्रप्रकाश चौधरी पत्नी सुनीता को विरासत बचाने की चुनौती
कुल वोटर 313021
पुरुष वोटर 164227
महिला वोटर 148792
कुल प्रत्याशी 25
मुख्य प्रत्याशी
सुनीता चौधरी आजसू
रणंजय कुमार भाजपा
ममता देवी कांग्रेस
खुर्शीद अहमद कुरेशी भाकपा
रामगढ़ सीट से पिछले तीन चुनाव से आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी विजयी होते आ रहे हैं. इस बार उनके गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद आजसू के टिकट पर उनकी पत्नी सुनीता चौधरी चुनाव मैदान में हैं. सुनीता चौधरी के समक्ष अपने पति की परंपरागत सीट बचाने की चुनौती है.
चुनाव मैदान में भाजपा ने रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू को चुनाव मैदान में उतारा है. यह पार्टी के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं. वहीं कांग्रेस ने महिला ममता देवी को उम्मीदवार बना कर चुनौती पेश की है. आजसू के किले में सेंधमारी को लेकर भाजपा व कांग्रेस की ओर से गोलबंदी की जा रही है. भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के खुर्शीद अहमद कुरैशी व उर्फ आजाद सिंह समेत अन्य 25 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी के चुनाव मैदान में रहने की वजह से यह हॉट सीट बन हुआ है.
आजसू के किले को भेदने में भाजपा व कांग्रेस गोलबंदी कर रही है. आजसू से पहले रामगढ़ की सीट भाजपा की थी. पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सीएम बनने के बाद यहीं से चुनाव लड़े और जीते थे. तब उन्हें वामदल के प्रत्याशी से चुनौती मिली थी, जिसकी सीटिंग सीट पर विधायक भेड़ा सिंह की मौत के बाद उप चुनाव हुआ था.
बरही : परिस्थिति बदली, तो पाला बदल कर चुनाव मैदान में हैं मनोज व उमाशंकर
कुल वोटर 287477
पुरुष वोटर 151024
महिला वोटर 136452
कुल प्रत्याशी 14
मुख्य प्रत्याशी
मनोज कुमार यादव भाजपा
उमाशंकर अकेला कांग्रेस
अरविंद यादव झाविमो
रामानुज कुमार सीपीआइ
बरही विधानसभा सीट से 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. फिलहाल इस सीट पर राजनीतिक स्थिति बदली हुई है. कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी पाला बदल कर चुनाव मैदान में हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दल बदल कर आये नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. विधायक मनोज यादव कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो उमाशंकर अकेला भाजपा छोड़ कर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं.
बरही विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. मनोज यादव और उमाशंकर अकेला दोनों राजनीति के महारथी हैं. क्षेत्र की जनता के नब्ज को दोनों प्रत्याशी जानते हैं. राजनीतिक समीकरण बनाने के लिए अंतिम समय तक जुगाड़ की राजनीति इस सीट पर होगी. जातीय गोलबंदी की मजबूती पर अंतिम दांव लगेगा.
भाजपा कांग्रेस दोनों मतों के बिखराव को समेटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. संघर्षपूर्ण मुकाबला में परिणाम का फासला कम अंतर का होनेवाला है. झाविमो के अरविंद यादव और सीपीआइ के रामानुज कुमार भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने में जुटे हैं. भाजपा व कांग्रेस ने इस सीट पर पाला बदल कर अाने वाले नेताओं को प्रत्याशी बनाया है.
बड़कागांव : विरासत बचाने उतरी अंबा प्रसाद, मिल रही आजसू व भाजपा से चुनौती
कुल वोटर 340095
पुरुष वोटर 180506
महिला वोटर 159589
कुल प्रत्याशी 23
मुख्य प्रत्याशी
लोकनाथ महतो भाजपा
अंबा प्रसाद कांग्रेस
रोशन लाल चौधरी आजसू
दुर्गाचरण प्रसाद झाविमो
बड़कागांव सीट में वर्तमान विधायक निर्मला देवी और पूर्व विधायक योगेंद्र साव की पुत्री अंबा प्रसाद और पिछले चुनाव में 411 मत से हारे आजसू प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी के बीच आर-पार की लडाई है.
भाजपा ने लोकनाथ महतो को उम्मीदवार बना कर परंपरागत वोट बैंक के सहारे नैया पार करने की कोशिश की है. वहीं भाजपा और आजसू पार्टी के बीच का गठबंधन टूटने का फायदा कांग्रेस लेना चाहती है. वहीं आजसू दो बार की हार को हर हाल में जीत में बदलने की कोशिश में लगी है. भाजपा के लोकनाथ महतो और झाविमो के दुर्गा चरण प्रसाद दोनों दलों कांग्रेस और आजसू के प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. औद्योगिक क्षेत्र के रूप में तब्दील बड़कागांव सीट पर चुनावी रोमांच भी कम नहीं है. सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की साख भी इस सीट से जुडी है.
यहां पूर्व मंत्री सह गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई रौशनलाल चौधरी चुनाव मैदान में है. योगेंद्र के जेल और निर्मला के राज्य बदर के बाद महागठबंधन से अंबा की उम्मीदवारी.औद्योगिक क्षेत्र की सीट होने के कारण भी सबकी नजर है.
मांडू : आमने-सामने हैं टेकलाल के दोनों पुत्र, बागी महेश व तिवारी महतो भी प्रभावी
कुल वोटर 386229
पुरुष वोटर 203745
महिला वोटर 182483
कुल प्रत्याशी 22
मुख्य प्रत्याशी
जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा
रामप्रकाश भाई पटेल झामुमो
कुमार महेश सिंह निर्दलीय
तिवारी महतो आजसू पार्टी
मांडू विधानसभा सीट पर झामुमो के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय टेकलाल महतो के दोनों पुत्र आमने सामने हैं. भाजपा ने इस बार झामुमो छोड़ कर आये विधायक जय प्रकाश भाई पटेल को प्रत्याशी बनाया है. वहीं झामुमो ने स्वर्गीय टेकलाल महतो के बड़े पुत्र राम प्रकाश भाई पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. राजनीतिक परिस्थिति बदलने के बाद झामुमो से दो बार विधायक रहे जेपी पटेल इस बार भाजपा के रथ पर सवार हैं.
वहीं पिछले चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़ कर दूसरे नंबर पर रहे कुमार महेश सिंह बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा-आजसू गठबंधन टूटने से महतो बहुल्य विधानसभा में तिवारी महतो के आने से मुकाबला रोचक हो गया है. शह मात की खेल में सभी उम्मीदवार अपनी जमीन तलाश रहे हैं. वहीं झाविमो उम्मीदवार चंद्रनाथ भाई पटेल भी जोर अजमाइश में जुटे हैं.
यह सीट झामुमो की परंपरागत सीट रही है. स्वर्गीय टेकलाल महतो के दोनों पुत्र के चुनाव लड़ने से रोमांच बढ़ गया है. भाजपा व झामुमो के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की बन गयी है. भाजपा को बागी महेश सिंह व आजसू प्रत्याशी से टक्कर मिल रही है.
सिमरिया : विधायक को रोक भाजपा ने नया चेहरा उतारा, हर दल दे रहे हैं चुनौती
कुल वोटर 328819
पुरुष वोटर 173207
महिला वोटर 155612
कुल प्रत्याशी 18
मुख्य प्रत्याशी
योगेंद्र नाथ बैठा कांग्रेस
किशुन दास भाजपा
मनोज कुमार चंद्रा आजसू
रामदेव सिंह भोगता झाविमो
यह विधानसभा 1977 में बड़कागांव से अलग होकर बना था. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इस बार के चुनाव में दलों के और निर्दलीय मिला कर कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा ने वर्तमान विधायक गणेश गंझू का टिकट काट कर किशुन दास को चुनाव मैदान में उतारा है.
यह नया चेहरा है. जिस पर भाजपा ने भरोसा दिखाया है. भाजपा प्रत्याशी को आजसू पार्टी के मनोज चंद्रा, झारखंड विकास मोरचा के रामदेव सिंह भोगता, महागठबंधन के कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार योगेंद्र बैठा चुनौती दे रहे हैं.
इसके अलावा सपा के शंकर रजक, बसपा के जितेंद्र कुमार, झारखंड पार्टी के आनंद कुमार भारती, नागरिक अधिकार पार्टी के नरेश भुईयां, भारतीय सर्वोदय पार्टी के रामानंद दास, अांबेडकर राइट पार्टी ऑफ इंडिया के खेमन राम, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के हरदीप कुमार के अलावा विनोद बिहारी पासवान, कमलेश कुमार, कमलेश गंझु, कुमार वीरेंद्र भोगता, नीरज कुमार नीरज, बालेश्वर राम व विकास कुमार चुनाव मैदान में हैं. इस विधानसभा में लावालौंग, सिमरिया, टंडवा, पत्थलगड्डा, गिद्धौर प्रखंड के कई मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हैं.
बरकट्ठा : भाजपा के सीटिंग विधायक को बागी और झाविमो से मिल रही है चुनौती
कुल वोटर 338072
पुरुष वोटर 177480
महिला वोटर 160587
कुल प्रत्याशी 20
मुख्य प्रत्याशी
जानकी प्रसाद यादव भाजपा
मो खालिद खलील राजद
बटेश्वर प्रसाद मेहता झाविमो
अमित कुमार यादव निर्दलीय
बरकट्ठा विधानसभा सीट के प्रमुख उम्मीदवारों और जातीय गोलबंदी कारण मुकाबला रोचक हो गया है. जीतने के बाद झाविमो से भाजपा में आये विधायक जानकी यादव दोबारा अपनी विधायकी बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इन्हें भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे अमित यादव चुनौती दे रहे हैं. कई पारंपरिक भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं का समर्थन भी अमित यादव को मिलने की उम्मीद है. वहीं झाविमो के बटेश्वर मेहता, सीपीआइ के दिगंबर मेहता और आजसू के प्रदीप प्रसाद मेहता के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला रोचक हो गया है. महागठबंधन से राजद प्रत्याशी खालिद खलील भी सामाजिक समीकरण से चुनौती देने की तैयारी में लगे हुए हैं.
इस सीट पर 20 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. बाबूलाल मरांडी पिछले चुनाव की तरह इस सीट पर कब्जा करने के लिए बटेश्वर को सामने लाये हैं. जानकी यादव के दल बदले के कारण भाजपा और झाविमो दोनों ही इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर लड़ रहे हैं. वहीं महागठबंधन के कांग्रेस और झामुमो ने राजद को सीट देकर मुकाबले में बडा उलटफेर करने की तैयारी में है.
ईचागढ़ : विधायक को मिल रही झामुमो आजसू पार्टी और पूर्व विधायक से टक्कर
कुल वोटर 260035
पुरुष वोटर 133010
महिला वोटर 127021
कुल प्रत्याशी 31
मुख्य प्रत्याशी
साधु चरण महतो भाजपा
सविता महतो झामुमो
अरविंद सिंह निर्दलीय
हरेलाल महतो आजसू
इस सीट पर 31 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने यहां से विधायक साधुचरण महतो को अपनी प्रत्याशी बनाया है. वहीं झामुमो ने पूर्व डिप्टी सीएम सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को व आजसू पार्टी ने हरेलाल महतो को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं पूर्व में ईचागढ़ से तीन बार विधायक रहे अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इन चारों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है.
पहली बार आजसू प्रत्याशी हरेलाल महतो ने यहां से नामांकन करके सभी प्रत्याशियों का समीकरण बिगाड़ कर रख दिया है. सभी प्रत्याशी एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी में जुटे हैं. पिछड़ी जाति बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम व आदिवासियों की भी अच्छी खासी जनसंख्या है. हर दल के प्रत्याशी इन्हें भी साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चांडिल डैम के विस्थापन व पुनर्वास के मुद्दे को सभी राजनीतिक दल भुनाने में जुट गये हैं. निर्दलीय प्रत्याशी अरविंद सिंह को पूर्व के चुनावों के अनुभव का फायदा मिल सकता है. वहीं झामुमो की प्रत्याशी सविता महतो को स्वर्गीय सुधीर महतो की बनायी जमीन का लाभ मिल सकता है. जबकि आजसू को अपने कार्यकर्ताओं पर ज्यादा भरोसा है.
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