झारखंड विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव में 309 में 91 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मुकदमे
मिथिलेश झा रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में पार्टियों ने 91 (29 फीसदी) ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिये हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें 62 (20 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी ने सबसे ज्यादा 71 फीसदी ऐसे […]
मिथिलेश झा
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में पार्टियों ने 91 (29 फीसदी) ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिये हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें 62 (20 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी ने सबसे ज्यादा 71 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिये हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं.
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आजसू ने इस चरण की 17 में से 14 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें से 10 ने खुद निर्वाचन आयोग को बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.आजसू के बाद नंबर आता है राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का. इस पार्टी के 16 में से 8 यानी 50 फीसदी उम्मीदवारों ने घोषित किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं.
इस मामले में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) भी बहुत पीछे नहीं है. उसने 47 फीसदी दागदार उम्मीदवारों को अपना सिंबल दिया है. कांग्रेस इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है. हालांकि, उसका भी दामन साफ नहीं है. कांग्रेस ने 9 लोगों को टिकट दिया है. इनमें से 4 यानी 44 फीसदी ने खुद कहा है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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गंभीर आपराधिक मामलों वाले प्रत्याशियों के मामले में भी आजसू पार्टी टॉप पर है. पार्टी के 14 में से 6 (43 फीसदी) प्रत्याशी दागदार हैं. भाजपा के 16 में से 6 (38 प्रतिशत), कांग्रेस के 9 में 3 (33 फीसदी), जेवीएम-पी के 17 में 5 (29 फीसदी) उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
दागदार छवि वाले 62 में से 10 नेताजी ऐसे भी हैं, जिन्होंने आयोग को बताया है कि उनके खिलाफ महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े केस चल रहे हैं. इनके खिलाफ स्त्री की लज्जा भंग करने के लिए उस पर हमला करने (आइपीसी की धारा 354) और महिला के सम्मान का अनादर करने (आइपीसी की धारा 509) से संबंधित मामले चल रहे हैं.
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इतना ही नहीं, 2 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर हत्या (आइपीसी की धारा 302) का केस चल रहा है. 13 उम्मीदवारों पर हत्या का प्रयास (आइपीसी की धारा 307) से संबंधित केस दर्ज हैं. वहीं, 2 ऐसे उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं, जो आपराधिक मामले में दोषी करार दिये जा चुके हैं.