झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : अनोखा संयोग, जिनके नाम के साथ ”राम” वही हुए विधायक
मनोज सिंह कांके (आरक्षित) विधानसभा सीट पर अनोखा संयोग रांची : कांके विधानसभा क्षेत्र 1977 में अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित किया गया था. इससे पूर्व 1967 में इस सीट का गठन किया गया था. सीट गठन के बाद पहले विधायक जेएन चौबे बनें थे. इसके बाद से कांके विधानसभा क्षेत्र से जीतने […]
मनोज सिंह
कांके (आरक्षित) विधानसभा सीट पर अनोखा संयोग
रांची : कांके विधानसभा क्षेत्र 1977 में अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित किया गया था. इससे पूर्व 1967 में इस सीट का गठन किया गया था.
सीट गठन के बाद पहले विधायक जेएन चौबे बनें थे. इसके बाद से कांके विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले सभी प्रत्याशियों के साथ राम लगा हुआ है. सीट आरक्षित होने के बाद 1977 में हीरा राम तूफानी पहले विधायक बनें. 1980 में कांग्रेस ने रामरतन राम को टिकट दिया. श्री राम भी जीत गये. इसके बाद के चुनाव (1985) में कांग्रेस पार्टी ने हरि राम (हरि राम बाबू के नाम से प्रचलित) को टिकट दिया था. वह भी इसके बाद जीत गये. 1990 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है.
कांके विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पहले विधायक रामचंद्र बैठा बनें. श्री बैठा इससे पूर्व लोकदल से इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके थे. श्री बैठा ने इस सीट का नेतृत्व चार बार किया. कांके के सुकरहुट्टू गांव निवासी श्री बैठा को यहां की जनता ने 1990, 1995, 2005 और 2009 में अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा.
आरक्षित होने से पूर्व दो बार जीते थे चौधरी
कांके विधानसभा क्षेत्र का गठन 1967 में हुआ था. अनारक्षित सीट के पहले विधानसभा चुनाव में जेएन चौबे विधायक बने थे. इसके बाद इस सीट से रामटहल चौधरी दो बार विधायक बनें. श्री चौधरी 1969 तथा 1972 में कांके से विधायक बनें थे. इसके बाद ही यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गयी. श्री चौधरी बार में रांची के सांसद बनें.
कांके (आरक्षित) के अब तक के विधायक
वर्ष विधायक
1977 हीरा राम तूफानी
1980 राम रतन राम
1985 हरि राम
1990 रामचंद्र बैठा
1995 रामचंद्र बैठा
2000 रामचंद्र नायक
2005 रामचंद्र बैठा
2009 रामचंद्र बैठा
2014 डॉ जीतू चरण राम