झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : सोशल मीडिया में सबके लिए है ठौर, अमीरों के बयान का अड्डा गरीबों के प्रचार का सहारा

बिपिन सिंह रांची : विधानसभा चुनाव प्रचार में जनता तक पहुंचने के लिए हाइटेक तरीकों का उपयोग हो रहा है. प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्स एप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर भी प्रचार तेज कर दिया है. जहां बड़ी पार्टी के नेता और उम्मीदवार अमूमन ट्विटर का इस्तेमाल बयानबाजी, आरोप -प्रत्यारोप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2019 7:26 AM
बिपिन सिंह
रांची : विधानसभा चुनाव प्रचार में जनता तक पहुंचने के लिए हाइटेक तरीकों का उपयोग हो रहा है. प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्स एप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर भी प्रचार तेज कर दिया है. जहां बड़ी पार्टी के नेता और उम्मीदवार अमूमन ट्विटर का इस्तेमाल बयानबाजी, आरोप -प्रत्यारोप के लिए कर रहे हैं. वहीं कम साधन वाले छोटी पार्टियों के प्रत्याशी या निर्दलीय फेसबुक और वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के माध्यम का इस्तेमाल कर लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं.
इन एप्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर या निर्दलीय प्रत्याशियों के द्वारा किया जा रहा है, जिनके पास चुनाव में बड़ी पार्टियों की तुलना में फंड की उपलब्धता नहीं है. इस बार के चुनाव के दौरान बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी अपनी मर्जी से, जबकि छोटे दलों के उम्मीदवारों के लिए इसका प्रयोग मजबूरी बन गयी है. चुनाव लड़ रहे भाकपा माले के विनोद सिंह, आप के राजन कुमार, सीपीएम के सुभाष मुंडा, रांची विधानसभा क्षेत्र से ही पहली बार चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी पवन शर्मा जिनके फॉलोअर्स की तादाद सैंकड़ों में है, हर घंटे अपने प्रोफाइल को अपडेट कर रहे हैं.
जनता तक आवाज पहुंचाने का बड़ा हथियार
भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, आजसू पार्टी और कुछ हद तक झाविमो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी चुनावी लड़ाई आईटी सेल के भरोसे लड़ रहे हैं, जबकि वामदल, आप और निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए जनता तक अपनी आवाज को पहुंचाने के लिए यह सबसे बड़ा हथियार है. इनके पास चुनाव लड़ने के लिए बड़ी पूंजी का अभाव है, लिहाजा ये पार्टी से संबंधित छोटे वीडियो क्लिप्स और वॉल मैसेज के जरिये प्रचार कर रहे हैं.
हर घंटे अपडेट की जा रही सूचनाएं
चुनाव में दांव आजमा रहे नेताओं के फॉलोअर्स इसे अपने सोशल मीडिया के जरिये अन्य लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं. ऐसे में बहुत कम खर्च में प्रत्याशी लोगों से खुद को कनेक्ट कर पाने में सफल हो रहे हैं.
इसके साथ ही लोगों से मिलने वाले कमेंट्स से इन्हें यह भी पता चल पा रहा है कि लोगों के मुद्दे क्या हैं. प्रत्याशी व समर्थक क्षेत्र भ्रमण करने तक की तस्वीरें अपलोड कर मतदाता से अपने पक्ष में मतदान की अपील करते देखे जा रहे हैं. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, छोटे दलों के लगभग सभी प्रत्याशी सोशल मीडिया पर चुनावी संदेश तेजी से वायरल कर रहे हैं.

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