मिथिलेश झा
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण में संथाल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, गोड्डा और देवघर जिला की कुल 16 सीटों पर 20 दिसंबर को वोटिंग है. इस दिन 40,05,287 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें 20,49,921 पुरुष और 19,55,336 महिला वोटर हैं. थर्ड जेंडर के 30 मतदाता इस चरण में पंजीकृत हैं. इस चरण में 93,779 वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल है. फर्स्ट टाइम पुरुष वोटर्स की संख्या 51,798 है, तो महिलाओं की 41,972. थर्ड जेंडर के 9 वोटर पहली बार मतदान करेंगे.
जिन 16 सीटों पर मतदान होना है, उनके नाम हैं : राजमहल, बोरियो (एसटी), बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), दुमका (एसटी), जामा (एसटी), जरमुंडी, नाला, जामताड़ा, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महगामा.
साहिबगंज जिले की राजमहल, बोरियो और बरहेट विधानसभा सीट पर 7,47,193 लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें 3,83,325 पुरुष, 3,63,858 महिला और 10 थर्ड जेंडर के वोटर हैं. फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या 11,564 है.
राजमहल सीट इस वक्त भाजपा के कब्जे में है. अनंत ओझा यहां से विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के केताबुद्दीन शेख से है. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक ने यहां से राजकुमार यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.
साहिबगंज जिला की दूसरी सीट है बोरियो. यहां से भाजपा के ताला मरांडी वर्ष 2014 में चुनाव जीते थे. इस बार टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने पार्टी बदल ली. यहां से भाजपा ने सूर्या हांसदा को टिकट दिया है, तो झामुमो ने लोबिन हेम्ब्रम को उतारा है. बाबूलाल मरांडी ने यहां बाबूराम मुर्मू को टिकट दिया है. सीपीआइ ने सोनाराम मड़ैया को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बरहेट विधानसभा क्षेत्र इस चरण का सबसे महत्वपूर्ण सीट है. यहां से विरोधी दलों के गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन खुद चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने उनके खिलाफ सिमोन माल्टो को टिकट दिया है, तो झाविमो ने होपना टुडू को उतारा है.
अब बात पाकुड़ जिले की. यहां की तीन सीटों लिट्टीपाड़ा, पाकुड़ और महेशपुर विधानसभा सीटों पर 7,36,287 वोटर्स हैं. इनमें 3,69,501 पुरुष, 3,66,784 महिला और 2 थर्ड जेंडर के वोटर हैं. फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या 13,875 है. इन तीनों सीटों पर इस वक्त यूपीए का कब्जा है. लिट्टीपाड़ा से झामुमो के साइमन मरांडी विधायक हैं, तो महेशपुर से इसी पार्टी के स्टीफन मरांडी और पाकुड़ से कांग्रेस के आलमगीर आलम वर्ष 2014 में चुने गये थे.
इस बार झामुमो ने लिट्टीपाड़ा से दिनश विलियम मरांडी को अपना प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने डैनियल किस्कू और झाविमो ने रसका हेम्ब्रम को टिकट दिया है.
पाकुड़ से कांग्रेस के आलमगीर आलम चुनाव लड़ रहे हैं. उनके मुकाबले भाजपा ने बेनी प्रसाद गुप्ता को उतारा है, तो झाविमो ने कमरुद्दीन अंसारी को.
महेशपुर सीट इस वक्त झामुमो के कब्जे में है. स्टीफन मरांडी को पार्टी ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला इस बार भाजपा के मिस्त्री सोरेन और झाविमो के शिवधन हेम्ब्रम से होगा.
दुमका जिला की चार विधानसभा सीटों शिकारीपाड़ा, दुमका, जामा और जरमुंडी में 8,87,932 वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 4,49,292 पुरुष, 4,38,636 महिला और 4 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. 19,566 वोटर पहली बार मतदान करेंगे. जिले की चार में से तीन सीट (शिकारीपाड़ा, जामा और जरमुंडी) पर यूपीए गठबंधन का कब्जा है. दुमका एकमात्र सीट है, जो भाजपा के कब्जे में है.
शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट इस वक्त झामुमो के कब्जे में है. नलिन सोरेन यहां से विधायक हैं. पार्टी ने उन्हें एक बार फिर यहां से चुनाव लड़ने का मौका दिया है. वर्तमान विधायक के खिलाफ भाजपा ने परितोष सोरेन को उतारा है, तो झाविमो ने राजेश मुर्मू को.
दुमका विधानसभा सीट भाजपा के कब्जे में है. वर्ष 2014 में यहां कमल का फूल खिलाने वाली डॉ लुईस मरांडी रघुवर दास सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी हैं. भाजपा ने उन्हें एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. झामुमो के सबसे कद्दावर नेता हेमंत सोरेन खुद डॉ लूईस मरांडी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. झाविमो ने प्रो अंजुला मुर्मू को यहां से टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है.
जामा विधानसभा सीट पर झामुमो ने कब्जा कर रखा है. यहां से झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता मुंडू उर्फ सीता सोरेन ने पिछली बार जीत दर्ज की थी. एक बार फिर चुनाव लड़ रही हैं. उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश मुर्मू और झाविमो के अर्जुन मरांडी से है.
जरमुंडी में कांग्रेस के बादल पत्रलेख ने 2014 में जीत दर्ज की थी. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के देवेंद्र कुंवर और झाविमो के डॉ संजय कुमार से है.
जामताड़ा जिले की सिर्फ दो सीटों नाला और जामताड़ा में चुनाव होने हैं. इन दो सीटों पर 5,00,099 वोटर हैं. इनमें 2,59,574 पुरुष, 2,40,522 महिला और 3 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. युवा मतदाताओं की संख्या 17,487 है.
नाला विधानसभा सीट से इस वक्त झामुमो के रवींद्र नाथ महतो विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के सत्यानंद झा बाटुल और झाविमो की पुष्पा सोरेन से है. सीपीआइ ने कन्हाई मालपहाड़िया को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो आजसू ने माधव चंद महतो को यहां से उतार दिया है.
जामताड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी वर्तमान विधायक हैं. उनके खिलाफ भाजपा के वीरेंद्र मंडल और झाविमो के अब्दुल मन्नान अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं.
गोड्डा जिला की तीन सीटों पर भी वोट होना है. ये सीटें हैं : पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महगामा. यहां 20 दिसंबर को 8,59,787 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 4,45,051 पुरुष, 4,14,732 महिला और 4 थर्ड जेंडर के लोग हैं. इसी जिला में सबसे ज्यादा 22,028 युवा वोटर हैं.
पोड़ैयाहाट विधानसभा सीट इस वक्त झारखंड विकास मोर्चा के कब्जे में है. यहां से प्रदीप यादव विधायक हैं. एक बार फिर वह अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनके खिलाफ झामुमो ने अशोक कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा ने गजाधर सिंह को उतारा है.
गोड्डा सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है. यहां से अमित कुमार मंडल विधायक हैं. पार्टी ने फिर उन पर भरोसा जताया है. उनके खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने संजय प्रसाद यादव को उतारा है, तो झाविमो ने फूल कुमारी को टिकट दिया है.
महगामा विधानसभा की बात करें, तो इस सीट पर भी पिछले चुनाव में भाजपा ने ही जीत दर्ज की थी. अशोक कुमार भगत यहां से विधायक हैं और एक बार फिर पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके खिलाफ कांग्रेस ने दीपिका पांडे सिंह को उतारा है, तो झाविमो ने संजीव मिश्रा को टिकट दिया है.
देवघर जिला की एकमात्र विधानसभा क्षेत्र सारठ में 2,73,989 वोटर मतदान करेंगे. इनमें 1,43,178 पुरुष, 1,30,804 महिला और 7 थर्ड जेंडर के वोटर हैं. युवा वोटरों की बात करें, तो उनकी संख्या 9,259 है. इनमें 5,083 पुरुष और 4,173 महिला के अलावा 3 थर्ड जेंडर के वोटर हैं.
सारठ विधानसभा सीट पर झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर रणधीर कुमार सिंह ने 2014 का चुनाव जीता था. इस बार वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके मुकाबले झामुमो ने परिमल कुमार सिंह को और झाविमो ने उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को उतारा है.
दिग्गज उम्मीदवार
बीजेपी सरकार के दो मंत्रियों रणधीर कुमार सिंह और डॉ लुईस मरांडी की किस्मत होगी लॉक
विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन दो जगह से लड़ रहे चुनाव
सीता सोरेन, प्रदीप यादव, स्टीफन मरांडी, आलमगीर आलम समेत कई के भाग्य का होगा फैसला
पांचवें और अंतिम चरण के कुछ खास और रोचक तथ्य
-इस चरण में तीन सीटें ऐसी हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटर से ज्यादा है. लिट्टीपाड़ा में पुरुषों के मुकाबले 3,040 महिला वोटर ज्यादा हैं. महेशपुर में पुरुषों की तुलना में 392 महिला वोटर ज्यादा हैं, तो शिकारीपाड़ा में पुरुष-महिला वोटर का अंतर 1105 है. जामा विधानसभा सीट पर पुरुषों के मुकाबले सिर्फ 600 महिलाएं कम हैं. हमने जिन सीटों के बारे में अभी आपको बताया, ये सभी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें हैं.
-पांचवें और आखिरी चरण में भाजपा के मुकाबले झामुमो का पलड़ा भारी है. इस चरण की कुल 16 में से 5 सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि सबसे ज्यादा 6 सीटें झामुमो के कब्जे में हैं. कांग्रेस के तीन विधायक हैं, तो जेवीएम-पी के 2. जेवीएम-पी के एक विधायक वर्ष 2014 के चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गये और मंत्री बने. इस बार वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
6 जिलों की 16 सीटों पर है वोटिंग
237 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में
58 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले
42 प्रत्याशियों पर चल रहे गंभीर आपराधिक मामले
51 करोड़पति लड़ उम्मीदवार हैं चुनाव के मैदान में
10 विधानसभा सीटें संवेदनशील घोषित
07 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित
अनुसूचित जाति के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं
हर सीटों पर औसतन 2,50,033 वोटर
हर सीट पर औसतन 1,28,120 पुरुष वोटर
महिला वोटरों की औसत संख्या 1,62,945
सबसे ज्यादा 22,028 युवा वोटर गोड्डा जिला में
सबसे ज्यादा थर्ड जेंडर के 03 वोटर देवघर जिला के सारठ विधानसभा क्षेत्र में