रांची : चार करोड़ गबन मामले में दो से ज्यादा लोगों पर शक

एसआइएस के दो कर्मचारियों ने की है धोखाधड़ी रांची : एसबीआइ व यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय चार करोड़ सात लाख 53 हजार रुपये की धोखाधड़ी के केस में पुलिस को एसआइएस कैश सर्विस के दो कर्मियों के अलावा अन्य लोगों पर भी संदेह है. पुलिस ने अन्य लोगों की संलिप्तता पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2019 8:09 AM
एसआइएस के दो कर्मचारियों ने की है धोखाधड़ी
रांची : एसबीआइ व यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय चार करोड़ सात लाख 53 हजार रुपये की धोखाधड़ी के केस में पुलिस को एसआइएस कैश सर्विस के दो कर्मियों के अलावा अन्य लोगों पर भी संदेह है. पुलिस ने अन्य लोगों की संलिप्तता पर जांच शुरू कर दी है.पुलिस को आशंका है कि इतनी बड़ी रकम का गबन सिर्फ दो लोग मिलकर नहीं कर सकते हैं. इस काम को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है.
प्राथमिकी के दो आरोपी सुपौल निवासी गणेश कुमार ठाकुर और समस्तीपुर निवासी शिवम कुमार के पकड़े जाने और पूछताछ के बाद मामले में और खुलासा हो सकता है. इसलिए पुलिस की एक टीम जल्द ही बिहार जायेगी. पुलिस को दोनों आरोपियों के सहयोगी से इस बात की जानकारी मिली है कि दोनों के पास पहले से एटीएम में पैसा डालने और निकालने की पूरी जानकारी थी. ऐसे में पुलिस को यह भी आशंका है कि दोनों एसआइएस कैश सर्विस में काम करने से पहले किसी दूसरी कैश मैनेजमेंट सर्विस की कंपनी से जुड़े होंगे.
आशंका यह भी है कि दोनों ने इस घटना को अंजाम पहले भी कहीं अंजाम दिया होगा. कहीं ऐसा तो नहीं कि दोनों मोटी रकम गबन करने के लिए ही एसआइएस कैश सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बहाल हुए थे. इसके बाद दोनों ने रणनीति के तहत घटना को अंजाम देकर फोन स्विच ऑफ कर भाग निकले.
बता दें कि रुपये की धोखाधड़ी को लेकर कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर कंचन ओझा ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सदर थाना में 18 दिसंबर को शिकायत दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले का अनुसंधान शुरू किया है.
पांच दिन दबाये रखा मामला: जानकारी के मुताबिक एसआइएस के दो कर्मी जो बतौर ऑडिटर काम करते थे, वे ही पैसा लेकर फरार हुए हैं.
दोनों कर्मियों का काम एटीएम में कैश जमा कराना था. इनलाेगों ने एसआइएस वाली मशीन में आखिरी बार 13 दिसंबर को कैश जमा किया था. इसके बाद कंपनी ने पांच दिन तक मामला को दबाये रखा. मामले में खास बात यह है कि एक कर्मचारी ने दो महीने पहले जबकि दूसरे ने कुछ दिन पहले ही एसआइएस में कैश हैंडलिंग का काम संभाला था.

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