फोटो 2 खूंटी. पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से किसान हर्षित हैं. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से जून व जुलाई में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी. जिले के किसानों का कहना है कि धान की खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. विलंब से बारिश होने के बावजूद धान की खेती इस वर्ष ठीक -ठाक रहेगी. जिन क्षेत्रों में बहुत कम बारिश हुई है वहां के किसान रबी सीजन का इंतजार कर रहे हैं. इधर, नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च के निदेशक रमेश चंद ने एक अखबार को दिये बयान में कहा है कि शुरुआती दिनों में हुई कम बारिश की भरपाई मौजूदा बारिश से नहीं हो सकती. हम कुछ फसलों के रकबा में इजाफा, तो कर सकते हैं फिर भी नुकसान होगा. वर्ष 2011 मुकाबले अनाज के उत्पादन में निश्चित रूप से गिरावट आयेगी. देश में चावल का उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड 920 लाख टन के मुकाबले 50-70 लाख टन तक घट सकता है.
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बारिश से नुकसान की भरपाई की उम्मीद …ओके
फोटो 2 खूंटी. पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से किसान हर्षित हैं. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से जून व जुलाई में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी. जिले के किसानों का कहना है कि धान की खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. विलंब […]
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