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रांची में संरक्षित 36.98 एकड़ वन भूमि को बचाने का बाढ़ू पंचायत के लोगों ने लिया संकल्प

रांची : झारखंड की राजधानी कांके के बाढ़ू पंचायत में वन विभाग की मदद से 36.98 एकड़ संरक्षित वन भूमि को बचाने का ग्रामीणों ने लिया संकल्प. यहां एक बोर्ड लगाया गया और भू-माफिया को ग्रामीणों एवं वन विभाग की ओर से चेतावनी दी गयी कि वे यहां कब्जा करने की कोशिश न करें. यदि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 4:45 PM

रांची : झारखंड की राजधानी कांके के बाढ़ू पंचायत में वन विभाग की मदद से 36.98 एकड़ संरक्षित वन भूमि को बचाने का ग्रामीणों ने लिया संकल्प. यहां एक बोर्ड लगाया गया और भू-माफिया को ग्रामीणों एवं वन विभाग की ओर से चेतावनी दी गयी कि वे यहां कब्जा करने की कोशिश न करें. यदि किसी ने ऐसा करने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित कर दिया है. अब अगर कोई यहां कब्जा करने की कोशिश करेगा, तो उसे खदेड़ दिया जायेगा. जमीन की घेराबंदी के दौरान रांची वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल उमेश प्रसाद और वन रक्षी शेखर तिग्गा के अलावा कांके रांची वन विभाग के कर्मचारी भी मौजूद थे.

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता रतन तिर्की ने कहा कि कुछ लोग हैं, जो जमीन बेचने के लिए उस पर कब्जा कर लेते हैं. झारखंड की जनता अब जाग गयी है और अपनी जमीन बचाने के लिए सदैव खड़ी रहेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड की वन भूमि पर गांव और समाज का अधिकार है.

ज्ञात हो कि बाढ़ू ग्राम पंचायत की 36.98 एकड़ भूमि पर अमित नारंग नामक किसी व्यक्ति ने दावा किया है. उसका कहना है कि उसने बाढ़ू के मंजूर अहमद से यह जमीन खरीदी है. उसके पास जमीन पर कब्जा करने का हाइकोर्ट का आदेश भी है. कांके वन क्षेत्र के अधिकारी ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

दूसरी तरफ, बाढ़ू के आदिवासियों और ग्राम वन समिति ने भी अमित नारंग के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. ग्राम सभा ने कहा है कि किसी भी हालत में उस भूमि पर किसी को कब्जा नहीं करने दिया जायेगा.

वन भूमि को बचाने के इस अभियान में रांची विश्वविद्यालय विस्थापन विरोध समिति और सिंगबोंगा जतरा समिति के अध्यक्ष अशोक उरांव, ग्राम प्रधान बुद्धदेव उरांव, समाजसेवी जॉय बाखला, पुनीता देवी, अहमद अली, शिवशंकर उरांव, राजेश उरांव, महादेव उरांव, अनु उरांव, मुन्ना उरांव, संदीप उरांव, वीरेंद्र उरांव, किशोर लोहरा, मनीष उरांव, प्रभारी वनपाल उमेश प्रसाद और वनरक्षी शेखर तिग्गा उपस्थित थे.

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