घट गयी महिला विधायकों की संख्या, सिर्फ 10 महिला बनीं विधायक, इन तीन महिला विधायकों पर आपराधिक मुकदमा

2014 में हुए चुनाव के बाद सदन में महिला विधायकों की संख्या नौ थी 2018 में विस उपचुनावों के बाद यह संख्या बढ़ कर 11 हो गयी थी रांची : विधानसभा चुनाव 2019 के बाद सदन में महिला विधायकों की संख्या कम हो जायेगी. वर्ष 2014 में हुए चुनाव के बाद सदन में महिला विधायकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2019 9:24 AM
2014 में हुए चुनाव के बाद सदन में महिला विधायकों की संख्या नौ थी
2018 में विस उपचुनावों के बाद यह संख्या बढ़ कर 11 हो गयी थी
रांची : विधानसभा चुनाव 2019 के बाद सदन में महिला विधायकों की संख्या कम हो जायेगी. वर्ष 2014 में हुए चुनाव के बाद सदन में महिला विधायकों की संख्या नौ थी. 2018 में विधानसभा उपचुनावों के बाद यह संख्या बढ़ कर 11 हो गयी थी, लेकिन इस बार भी जनता ने दस महिलाओं का चयन विधायक के रूप में किया है. इन महिला विधायकों में झामुमो से तीन, कांग्रेस से चार और भाजपा से तीन शामिल हैं. भाजपा की मंत्री डॉ नीरा यादव कोडरमा से चुनाव जीत गयीं. वहीं भाजपा की कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी दुमका से चुनाव हार गयीं.
चुनाव हारने वाली महिला विधायकों में सिल्ली से झामुमो की सीमा महतो, गोमिया से झामुमो की ही बबीता व पोटका से भाजपा की मेनका सरदार भी शामिल हैं. 2014 की अन्य महिला विधायकों में गीता कोड़ा ने सांसद बनने की वजह से चुनाव नहीं लड़ा था, जबकि विमला प्रधान और गंगोत्री कुजूर टिकट नहीं मिलने के कारण चुनावी दंगल में नहीं थीं.
इस बार विधानसभा चुनाव जीतनेवाली नौ महिलाओं में झामुमो से तीन कांग्रेस से चार और भाजपा की तीन शामिल हैं. छह महिलाएं पहली बार विधायक के रूप में सदन पहुंचेंगी. कांग्रेस से नयी महिला विधायकों में बड़कागांव से अंबा प्रसाद, महगामा से दीपिका पांडेय सिंह व रामगढ़ से ममता देवी शामिल हैं.
वहीं, झरिया से पूर्णिमा नीरज सिंह व छत्तरपुर से पुष्पा देवी भाजपा के टिकट पर जीत हासिल कर पहली बार सदन पहुंचेंगी. ईचागढ़ से झामुमो की सविता देवी भी जीत कर पहली बार विधायक बनी हैं. पिछला चुनाव जीतने का अनुभव रखने वाली जामा से सीता मुर्मू और मनोहरपुर से जोबा
मांझी फिर से सदन पहुंची हैं. दोनों ही झामुमो विधायक हैं. वहीं, कोडरमा से भाजपा की मंत्री रहीं डॉ नीरा यादव ने भी चुनाव जीता है. जबकि निरसा से भाजपा के िटकट पर अपर्णा सेनगुप्ता भी चुनाव जीत गयी हैं.
इस बार जनता ने सात नयी महिलाओं का चयन विधायक के रूप में किया
विधायक क्षेत्र उम्र दल आपराधिक संपत्ति शिक्षा मामले
नीरा यादव कोडरमा 48 भाजपा 00 3.65 करोड़ पीएचडी
अंबा प्रसाद बड़कागांव 31 कांग्रेस 01 4.74 लाख एलएलबी
पुष्पा देवी छतरपुर 46 भाजपा 00 86.52 लाख साक्षर
जोबा मांझी मनोहरपुर 55 झामुमो 00 1.19 करोड़ 10वीं पास
पूर्णिमा सिंह झरिया 34 कांग्रेस 00 1.98 करोड़ पीजी
सीता मुर्मू जामा 44 झामुमो 03 4.23 करोड़ इंटर
ममता देवी रामगढ़ 34 कांग्रेस 04 81.95 लाख स्नातक
दीपिका पांडेय सिंह महगामा 44 कांग्रेस 02 4.80 करोड़ स्नातक
सबिता महतो ईचागढ़ 45 झामुमो 00 ——— 10वीं पास
अपर्णा सेनगुप्ता निरसा 50 भाजपा 00 46.00 लाख 10वीं पास
तीन महिला विधायकों पर आपराधिक मुकदमा
चुनाव जीतने वाली दो नवनिर्वाचित महिला विधायकों पर आपराधिक मुकदमा भी है. रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक बनी ममता देवी पर चार, महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर दो और जामा से झामुमो की विधायक सीता सोरेन पर तीन आपराधिक मामले चल रहे हैं.
महिला विधायकों में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी कोडरमा से चुनाव जीतने वाली डॉ नीरा यादव व बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद हैं. डॉ नीरा यादव ने पीएचडी किया है. जबकि, अंबा प्रसाद एलएलबी हैं. वहीं सबसे कम पढ़ी-लिखी महिला विधायक छतरपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर पुष्पा देवी बनी हैं. वह केवल साक्षर हैं. संपत्ति के मामले में सबसे धनी महिला विधायक झामुमो की सीता सोरेन हैं. उनके पास 4.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है. सबसे गरीब महिला विधायक रामगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर ममता देवी बनी हैं. उनकी संपत्ति 81.95 लाख है.

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