नक्सली राममोहन के सहयोगी ने किया सरेंडर

फोटो सुनील गुप्ता कीसंवाददाता,रांची भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर राममोहन मुंडा के सहयोगी पीतांबर महतो उर्फ प्रीतम महतो उर्फ लंबू ने बुधवार को ग्रामीण एसपी सुरेंद्र कुमार झा के समक्ष सरेंडर कर दिया. वह अनगड़ा थाना क्षेत्र के कोम्बो जराडीह, वनघर का रहनेवाला है. सरेंडर करने पर पुलिस की ओर से सरेंडर पॉलिसी के तहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2014 8:00 PM

फोटो सुनील गुप्ता कीसंवाददाता,रांची भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर राममोहन मुंडा के सहयोगी पीतांबर महतो उर्फ प्रीतम महतो उर्फ लंबू ने बुधवार को ग्रामीण एसपी सुरेंद्र कुमार झा के समक्ष सरेंडर कर दिया. वह अनगड़ा थाना क्षेत्र के कोम्बो जराडीह, वनघर का रहनेवाला है. सरेंडर करने पर पुलिस की ओर से सरेंडर पॉलिसी के तहत उसे 50 हजार रुपये तत्काल दिये गये. ग्रामीण एसपी ने प्रेस कांफे्रंस के दौरान कहा कि पीतांबर महतो को सरेंडर कराने में सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा दिलीप सिंह, बुंडू एसडीपीओ रामसरेक राय व राहे ओपी प्रभारी जितेंद्र रमण का प्रयास रहा. मौके पर एएसपी (अभियान) हर्षपाल सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे. ग्रामीण एसपी ने बताया कि पीतांबर वर्ष 2012 में संगठन में शामिल हुआ था. उस पर बुंडू के एसपीओ नकुल मुंडा (नामकुम,हेसो) की लाली पहाड़ पर हत्या करने का आरोप है. उस पर आर्म्स एक्ट व 17 सीएलए एक्ट भी लगा हुआ है. हत्या के आरोप में वह जेल बंद था. जेल से जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से संगठन के लिए काम करने लगा. उस पर हत्या, आर्म्स एक्ट सहित राहे में दो व नामकुम में एक प्राथमिकी दर्ज है. संगठन विस्तार में अहम भूमिका निभाता था पीतांबर का काम राममोहन के दस्ते के सदस्यों के लिए खाने-पीने व ठहरने की व्यवस्था करना था. संगठन विस्तार के लिए लोगों को बहला फुसला कर संगठन में शामिल कराना, प्रचार-प्रसार करना, लेवी की राशि वसूली कर राम मोहन मुंडा तक पहुंचाना भी उसका काम था. वह राममोहन का काफी करीबी रहा है. पुलिस की गतिविधि की सारी सूचना वह राममोहन को देता था. पुलिस के अनुसार इसके सरेंडर करने से पुलिस को नक्सलियों तक पहुंचने में काफी सहायता मिलेगी.

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