खिरसा दूध से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता : डॉ अजीत प्रसाद

दस्त व कुपोषण का भारत की बाल मृत्यु दर में 11 फीसदी की हिस्सेदारी वर्ल्ड विजन इंडिया की ओर से स्तनपान, पोषण, टीकाकरण व दस्त नियंत्रण पर राज्यस्तरीय परिचर्चासंवाददाता, रांची वर्ल्ड विजन इंडिया की ओर से स्तनपान, पोषण, टीकाकरण व दस्त नियंत्रण अभियान के तहत एसडीसी में राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2014 8:00 PM

दस्त व कुपोषण का भारत की बाल मृत्यु दर में 11 फीसदी की हिस्सेदारी वर्ल्ड विजन इंडिया की ओर से स्तनपान, पोषण, टीकाकरण व दस्त नियंत्रण पर राज्यस्तरीय परिचर्चासंवाददाता, रांची वर्ल्ड विजन इंडिया की ओर से स्तनपान, पोषण, टीकाकरण व दस्त नियंत्रण अभियान के तहत एसडीसी में राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, बाल स्वास्थ्य के उपनिदेशक डॉ अजीत प्रसाद ने कहा कि मां द्वारा नवजात शिशु को शुरू का पीला, गाढ़ा खिरसा दूध पिलाने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. शुरुआत में बच्चों को स्तनपान कराने पर विकसित देशों में जन्म लेनेवाले एक महीने से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 22 फीसदी की कमी आती है. हर बच्चे का टीकाकरण भी अवश्य कराना चाहिए. उन्होंने सहिया, आंगनबाड़ी केंद्र व एएनएम की भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला. वर्ल्ड विजन की प्रोग्राम मैनेजर रेखा खलखो ने कहा कि देश भर में 5300 समुदायों के बीच कार्य अनुभव ने सिखाया है कि शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई द्वारा ही देश के लाखों बच्चों व महिलाओं की जान बचायी जा सकती है. वर्ल्ड विजन के संयुक्त निदेशक ज्योति मुखिया ने कहा कि एएचएस 2012-13 के आंकड़ों के अनुसार ओडि़शा में बाल मृत्यु दर प्रति हजार 56 और पांच वर्ष से कम आयु की 75 है. 12 से 23 महीने के बच्चों के टीकाकरण की दर 59.5 फीसदी है. यूनीसेफ की पोषण विशेषज्ञ डॉ दीपिका शर्मा ने कहा कि एनएफएचएस तीन के आंकड़ों के अनुसार जन्म के एक घंटे के अंतर पर स्तनपान की दर 24.5 प्रतिशत है, वहीं छह महीने तक सिर्फ मां का दूध देने की दर 46.4 प्रतिशत है. छह से नौ महीने के बच्चों को मां के दूध के साथ अन्य भोजन देन की दर 55.8 प्रतिशत है. यूएसएड के टेक्नीकल ऑफिसर डॉ नारायण बेहेरा ने कहा कि दस्त व कुपोषण का भारत की बाल मृत्यु दर में 11 फीसदी की हिस्सेदारी है. एनएचआरएम एसपीसी डॉ अकई मिंज ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों, सरकार व स्वास्थ्य के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर काम करनेवालों को अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है. सम्मेलन के बाद जिलावार कार्ययोजना तय की गयी. वर्ल्ड विजन के स्टेट कैंपेन ऑफिसर अनंगदेव सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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