मनोज सिंह
रांची : राज्य में महागठबंधन को बहुमत मिलने के साथ ही कैबिनेट गठन पर भी चर्चा शुरू हो गयी है. राज्य में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री बनाये जाने का प्रावधान है. वैसे पिछली सरकार में 11 मंत्रियों के सहारे ही पूरा कार्यकाल चला. इस बार कांग्रेस, झामुमो और राजद ने मिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. कैबिनेट बनाते वक्त दलीय स्थिति व विधायक के क्षेत्र के साथ-साथ अनुभव का भी ख्याल रखा जाता है. इस बार झामुमो से कई ऐसे चेहरों ने सफलता पायी है, जो अपने अनुभव के आधार पर मंत्री पद के दावेदार हैं. झामुमो के आठ नवनिर्वाचित विधायक पहले भी मंत्री रह चुके हैं. वहीं, कुछ युवा व नये चेहरे भी मंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं.
स्टीफन मरांडी सात बार जीते : झामुमो का बड़ा चेहरा हैं. राज्य के वित्त मंत्री व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. महेशपुर से चुनाव जीते हैं.
नलिन सोरेन सात बार जीते: पूर्व की सरकार में राज्य के कृषि मंत्री रह चुके हैं. इस बार शिकारीपाड़ा से जीते हैं.
हाजी हुसैन अंसारी चार बार जीते: झामुमो का अल्पसंख्यक चेहरा हैं. पूर्व में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे. मधुपुर से जीते हैं.
आलमगीर आलम चार बार जीते: विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं. पूर्व में कांग्रेस विधायक दल के नेता थे. इस बार भी मिली है जिम्मेदारी.
चंपई सोरेन चार बार जीते: कोल्हान में झामुमो का प्रमुख चेहरा हैं. पूर्व में परिवहन मंत्री थे. सरायकेला से जीते हैं.
दीपक बिरुआ तीन बार जीते: कोल्हान में झामुमो के प्रमुख नेता हैं. हमेशा क्षेत्र के मुद्दे उठाते रहे हैं. चाईबासा से जीते हैं.
मथुरा महतो तीन बार जीते: झामुमो के अनुभवी नेता हैं. पूर्व में राज्य के कृषि मंत्री थे. टुंडी से चुनाव जीत कर आये हैं.
सरफराज अहमद तीन बार जीते: संयुक्त बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री भी थे. गांडेय से चुनाव जीतकर आये हैं.
राजेंद्र सिंह छह बार जीते : झारखंड में कांग्रेस का अनुभवी चेहरा हैं. झारखंड के उप मुख्यमंत्री रहे. बेरमो सीट से जीते.
जगन्नाथ महतो चार बार जीते: झामुमो के प्रमुख नेता हैं. कुरमी वर्ग के बड़े नेता हैं. डुमरी सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं.
बैजनाथ राम तीन बार जीते : अर्जुन मुंडा की सरकार में शिक्षा मंत्री थे. चुनाव से पूर्व झामुमो में गये. लातेहार से जीते हैं.
मिथिलेश ठाकुर पहली बार जीते: गढ़वा से तीन बार चुनाव लड़े. पलामू प्रमंडल में झामुमो का खाता खोलने का श्रेय.
डॉ रामेश्वर उरांव पहली बार जीते: प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. लोहरदगा से जीते हैं. केंद्र सरकार में मंत्री होने का अनुभव है.
जोबा मांझी पांच बार जीतीं : दो बार मंत्री रहीं. कल्याण व आवास विभाग का अनुभव है. मनोहरपुर से जीती हैं.
दीपिका पांडेय सिंह पहली बार जीतीं : राहुल गांधी की युवा कांग्रेस टीम में राष्ट्रीय सचिव थीं. महगामा से चुनाव जीत कर आयी हैं.
ममता देवी पहली बार जीतीं : कांग्रेस के टिकट से रामगढ़ सीट पर जीत दर्ज कर आजसू का वर्चस्व खत्म किया.
हेमंत ने ट्वीट किया:रघुवर जी द्वारा शुरू किये गये अच्छे कार्यों को आगे ले जाऊंगा
मैं रघुवर जी द्वारा शुरू किये गये अच्छे कार्यों को आगे ले जाऊंगा और जिन जन-आकांक्षाओं को वे पूरा नहीं कर पाये, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दूंगा. यह बात भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट के जरिये कही है. उन्होंने पांच साल पहले की अखबार का कतरन लगाया है, जिसकी हेडिंग है ‘हमारी 14 माह की योजनाओं को आगे बढ़ाये नयी सरकार : हेमंत’. इसे ट्वीट कर उन्होंने लिखा है कि पांच साल पुरानी यह तस्वीर है. 2014 की हमारी सरकार ने बहुत अल्प काल में जनता के लिए कल्याणकारी कार्य किया था, जिसे मैंने उस समय सीएम चुने जाने पर रघुवर जी से जारी रखने का आग्रह किया था. श्री सोरेन ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और शहीद निर्मल महतो की जयंती पर नमन किया है.
मोदी-शाह को भी दूंगा शपथ ग्रहण में आने का न्योता
मीडिया से बातचीत के क्रम में श्री सोरेन ने कहा कि जब हम चुनाव मैदान में थे, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई नेता यहां चुनाव प्रचार के लिए आये. उस समय ये हमारे लिए भाजपा के वरिष्ठतम नेता थे. हम उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. आज नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, अमित शाह गृहमंत्री हैं. मैं शपथ ग्रहण समारोह में दोनों से शामिल होने का आग्रह करूंगा.
-शपथ ग्रहण समारोह में मौजदू रहेंगे राहुल गांधी
-हेमंत के साथ विशेष विमान से प्रभारी आरपीएन सिंह व उमंग सिंघार भी पहुंचे दिल्ली
-शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता देने पर बोलीं सोनिया : देखती हूं