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पर्यटन के विकास में मदद करे केंद्र : विष्णु कुमार

तसवीर अमित दास कीझारखंड में 200 से अधिक टूरिस्ट प्लेसराज्य सरकार जल्द ही रजरप्पा में टूरिस्ट कांपलेक्स की शुरुआत करेगीपर्यटकों के लिए अधिक से अधिक ठहराव स्थल बनाने की मांग वरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में पर्यटन सुविधाओं के विकास को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से सहयोग करने की अपील की है. पर्यटन विभाग के प्रधान […]

तसवीर अमित दास कीझारखंड में 200 से अधिक टूरिस्ट प्लेसराज्य सरकार जल्द ही रजरप्पा में टूरिस्ट कांपलेक्स की शुरुआत करेगीपर्यटकों के लिए अधिक से अधिक ठहराव स्थल बनाने की मांग वरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में पर्यटन सुविधाओं के विकास को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से सहयोग करने की अपील की है. पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव विष्णु कुमार ने बुधवार को रांची में आयोजित सेंसीटाइजेशन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में 200 से अधिक टूरिस्ट प्लेस हैं. इन पर्यटक स्थलों में पानी के झरने, वन विभाग के पार्क, प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त जगह शामिल हैं, जिन्हें विकसित करने की आवश्यकता है. केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसके लिए झारखंड में पर्यटक स्थलों के आधारभूत संरचना विकसित करने, टूर आपरेटरों, टूरिस्ट गाइड और होटल प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग करे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही रजरप्पा में टूरिस्ट कांपलेक्स की शुरुआत करेगी. इसका उदघाटन मुख्यमंत्री करेंगे. राज्य सरकार की ओर से आइएसएम पुनदाग संस्थान की मदद से हुनर से रोजगार कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. प्रत्येक वर्ष एसटी, एससी, ओबीसी स्तर के पांच सौ छात्र-छात्राओं को फ्रंट ऑफिस रिसेप्शन, बीवरेज, फूड, हाउसकीपिंग और अन्य विषयों की जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास से लोगों की आर्थिक क्षमता भी विकसित होगी. केंद्र सरकार के बेड टू ब्रेकफास्ट कार्यक्रम का और प्रचार-प्रसार करने पर भी उन्होंने बल दिया. श्री कुमार ने कहा कि राज्य में बेहतर सड़कों का अभाव है. सरकारी बस सेवा भी पर्यटक स्थलों तक नहीं है. ऐसे में निजी टूर आपरेटरों की सहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने नेतरहाट और बेतला फॉरेस्ट में पर्यटकों के लिए अधिक से अधिक ठहराव स्थल बनाने की मांग की. पर्यटन मंत्रालय के निदेशक साग्निक चौधरी ने कहा कि पूर्वी भारत में पर्यटकों के रहने, ठहरने का उचित प्रबंध नहीं है. झारखंड और बिहार, पश्चिम बंगाल की तुलना में काफी पीछे हैं. झारखंड में पांच सितारा, चार सितारा, हेरिटेज होटल, फाइव स्टार डीलक्स होटलों की कमी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय का बेड टू ब्रेकफास्ट कार्यक्रम वैसे मकान मालिकों के लिए है, जिनके पास एक कमरे से छह कमरे तक की उपलब्धता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस कार्यक्रम के तहत 331, उत्तरप्रदेश में 83, हिमाचल प्रदेश में 57 बेड टू ब्रेकफास्ट योजना के तहत निजी मकान मालिकों को जोड़ा गया है. कार्यक्रम में टूरिस्ट इंफोरमेशन ऑफिसर अमित राज भी मौजूद थे.

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