रांची :इसरो के लिए लांचिंग पैड बना रहा एचइसी, वैज्ञानिकों ने किया निरीक्षण, कार्य से दिखे संतुष्ट
उपकरणों के निर्माण के लिए 34 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला रांची : एचइसी में इसरो के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. यहां लांचिंग पैड सहित अन्य उपकरणों के संवेदनशील पार्ट्स तैयार किये जायेंगे. इसरो की तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने बुधवार को एचइसी का भ्रमण कर बन रहे उपकरणों […]
उपकरणों के निर्माण के लिए 34 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला
रांची : एचइसी में इसरो के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. यहां लांचिंग पैड सहित अन्य उपकरणों के संवेदनशील पार्ट्स तैयार किये जायेंगे. इसरो की तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने बुधवार को एचइसी का भ्रमण कर बन रहे उपकरणों की जानकारी ली. यह उपकरण एचइसी के एचएमबीपी के 02 शॉप और 01 शॉप में बनाये जा रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कार्य के प्रति अपनी संतुष्टि जतायी. इसके बाद एचइसी मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की.
मालूम हो कि इसरो के कार्यादेश को समय पर पूरा करने के लिए एचइसी कर्मियों ने क्रिसमस की छुट्टी में भी काम किया. इस संबंध में एचइसी के अधिकारी ने बताया कि इसरो ने लांचिंग पैड के महत्वपूर्ण उपकरणों के निर्माण का कार्यादेश एचइसी को दिया है.
34 करोड़ के इस कार्यादेश में कई संवेदनशील कार्य एचइसी को करने हैं. इसमें फोल्डिंग प्लेटफॉर्म, स्लाइडिंग डोर व व्हील बुगिज सहित कुछ नये उपकरण शामिल हैं. यह कार्यादेश एचइसी जून 2020 तक पूरा करेगा. एचइसी को यह कार्यादेश करीब 10 वर्षों बाद इसरो से मिला है. इसरो ने एचइसी द्वारा पूर्व में सफलतापूर्वक बनाये गये लांचिंग पैड को देखते हुए यह कार्यादेश दिया है.
इसरो के वैज्ञानिकों ने किया निरीक्षण, कार्य से संतुष्ट दिखे
नये लांचिंग पैड के डिजाइन में बदलाव
एचइसी के अधिकारियों ने अनुसार, इसरो ने चंद्रयान के डिजाइन में कुछ परिवर्तन किया है. इस कारण पूर्व में बनाये गये लांचिंग पैड की तुलना में यह बड़ा है. वजन भी बढ़ा है. इसमें करीब 600 किलो की बढ़ोतरी की गयी है. इसरो ने प्रयोग के दौरान पाया था कि अब जो बड़ा चंद्रयान छोड़ा जायेगा, उसके लिए बड़ा लांचिंग पैड की आवश्यकता है.
इसलिए इसके डिजाइन में बदलाव किया गया है. एचइसी को डिजाइन इसरो ने उपलब्ध कराया है और उसके अनुसार ही काम किया जा रहा है. यह कार्यादेश एचइसी के लिए गौरवशाली है. इसलिए इसके निर्माण में मुनाफे पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है. मालूम हो कि एचइसी ने पूर्व में चंद्रयान वन के लिए लांचिंग पैड बनाया है. इसका काम छह चरणों में पूरा किया गया था. हर चरण के काम की इसरो के अधिकारी ने समीक्षा की थी. सभी काम मानकों के अनुसार किये गये थे.
इसरो के लिए एचइसी का योगदान
उपग्रह प्रक्षेपण के लिए लांचिंग पैड का निर्माण.
पीएसएलवी, जीएसएलवी के उपकरणों का निर्माण.
होरिजेंटल स्लाइडिंग डोर का निर्माण.
400 व 200 टन क्षमता के इओटी क्रेन.
उपग्रह को खींचने वाले टावर क्रेन का निर्माण.
हटिया मजदूर यूनियन की आठ को एचइसी में हड़ताल
रांची : हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) ने एचइसी में आठ जनवरी को हड़ताल करने का नोटिस दिया. मालूम हो कि इसके पूर्व हटिया कामगार यूनियन ने एचइसी प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस दिया था.
यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने बताया कि एचइसी में स्थायी सीएमडी बहाल करने, सभी मजदूरों को काम देने, एचइसी को परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन करने, केंद्र सरकार के द्वारा एचइसी को कार्यशील पूंजी देते हुए कामगारों की लंबित मांगों को पूरा करने को लेकर हड़ताल की जायेगी़ हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धीरे-धीरे सभी पीएसयू को बंद किया जा रहा है. इसके विरोध में भी हड़ताल जरूरी है. इसको लेकर पूरे देश में आठ जनवरी को कल-कारखाने बंद रहेंगे.
इसके अलावा एक जनवरी 2017 से लंबित वेतन पुनरीक्षण की वार्ता शुरू कर जल्द समझौता करने, बाहर से आये हुए तकनीकी कामगारों को दो हजार रुपये एवं सप्लाई से बहाल हुए तकनीकी कामगारों का एक हजार रुपये वेतन वृद्धि करने, सप्लाई मजदूरों को न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये देने, 250 तकनीकी कामगारों को आंतरिक विज्ञापन निकाल स्थायी बहाली करने आदि मांगें शामिल हैं. यूनियन ने नोटिस की प्रति भारी उद्योग मंत्री व मुख्य श्रमायुक्त को भी दी है.