सात लाख लोगों का जासूसी करा रहा अमेरिका

वाशिंगटन. विश्व भर में जासूसी कराने वाले अमेरिका के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. नये खुलासे के मुताबिक, सीआइए (अमेरिका की केंद्रीस जांच एजेंसी) ने हाइड्रा नाम के एक खुफिया प्रोग्राम का उपयोग कर चोरी-छुपे दूसरे देशों के डेटा में सेंध लगाने का काम किया है. अमेरिकी सरकार के टीएसडी (टेररिस्ट स्क्रीनिंग डेटाबेस) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2014 8:00 PM

वाशिंगटन. विश्व भर में जासूसी कराने वाले अमेरिका के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. नये खुलासे के मुताबिक, सीआइए (अमेरिका की केंद्रीस जांच एजेंसी) ने हाइड्रा नाम के एक खुफिया प्रोग्राम का उपयोग कर चोरी-छुपे दूसरे देशों के डेटा में सेंध लगाने का काम किया है. अमेरिकी सरकार के टीएसडी (टेररिस्ट स्क्रीनिंग डेटाबेस) में करीब सात लाख, जिसमें छह लाख 11 हजार पुरुष और 39 हजार महिलाओं का नाम शामिल है. इन लोगों को अमेरिका या तो आतंकी मानता है या आतंकी होने का शक करता है. हालांकि, इनमें से 40 प्रतिशत लोगों को किसी घोषित आतंकी संगठन से ताल्लुक नहीं रखने वाला बताया है. एक सूत्र ने इंटरसेप्ट नामक वेबसाइट को सरकारी दस्तावेज लीक कर उक्त खुलासा किया है. इसमें कहा गया है कि अमेरिका महज शक और शायद धर्म के आधार जासूसी करा रहा है. इन दस्तावेजों के मुताबिक, ओबामा प्रशासन ने 47 हजार लोगों को नो फ्लाइट लिस्ट में रखा है. यह संख्या बुश सरकार से भी कहीं ज्यादा है.

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