सुबह में कोहरा रहेगा, न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की होगी गिरावट
रांची : राजधानी व आसपास के इलाके में तीन जनवरी यानी शुक्रवार से मौसम साफ होना शुरू होगा. वहीं मौसम साफ होने से न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. सुबह में कोहरा छाया रहेगा और कनकनी बढ़ेगी.
मौसम विभाग के अनुसार, सुबह और रात के तापमान में ज्यादा गिरावट होगी. गुरुवार को रांची का अधिकतम तापमान 20.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं कांके का अधिकतम तापमान 20 डिग्री व न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. इधर, पिछले 24 घंटे में तीन से चार मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड किया गया.
मौसम विभाग ने तीन जनवरी को राज्य के उत्तर-पूर्व इलाके में छिटपुट बारिश होने की संभावना व्यक्त की है, जबकि पूरे राज्य में पांच जनवरी से मौसम साफ हो जायेगा. आकाश से बादल छंटने अौर ठंडी हवा चलने से जनजीवन प्रभावित हो सकता है. इस दौरान सुबह में मार्निंग वॉक करने वालों को एहतियात बरतने की सलाह दी गयी है.
पिछले 24 घंटे में तीन से चार मिलीमीटर वर्षा हुई
पांच से पूरे राज्य में साफ होगा मौसम, उत्तर-पूर्व इलाके में आज भी हो सकती है छिटपुट बारिश
रांची का अधिकतम तापमान 20.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री रहा
कांके का अधिकतम तापमान 20 डिग्री व न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा
रबी की फसल को होगा फायदा, सब्जियों को नुकसान
लगातार मौसम खराब रहने व हल्की बारिश होने से जहां रबी की फसल को फायदा पहुंच रहा है, वहीं सब्जी को नुकसान हुआ है. जिन खेतों में बुआई हो रही, वहां नमी रहने से फायदा हो रहा है, जबकि तापमान गिरने व बारिश होने से नाजुक अवस्था की फसल को नुकसान हो रहा है.
कम तापमान की वजह से फसल के पत्ते सिकुड़ रहे हैं. खास कर पत्ता गोभी, मटर आदि में पानी जमने से नुकसान हो रहा है. इसकी गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है. पत्ता गोभी में ज्यादा पानी जम जाने से किसानों से बाजार में इसे बेचने के लिए कई लेयर के पत्ते को हटाना पड़ रहा है.
बिरसा कृषि विवि के मौसम सह कृषि वैज्ञानिक डॉ ए वदूद के अनुसार, कुहासा होने से सब्जी में कीड़े-मकौड़े का प्रकोप बढ़ रहा है. सरसों में लाही का प्रकोप बढ़ रहा है. डॉ वदूद ने किसानों को सलाह दी है कि सब्जी में पाला पड़ने से होनेवाले नुकसान से बचने के लिए खेत के आसपास घास-फूस आदि जला कर धुआं कर दें. वहीं फसल में अच्छी तरह से सिंचाई करें. कीड़े-मकौड़े से बचाने के लिए उचित दवा का छिड़काव करें.