पांचवां विधानसभा सत्र : पूरी तरह बदला सदन का सीन, दूसरी बार विपक्ष की सीट पर बैठे थे भाजपा विधायक
पांचवें विधानसभा के लिए जनादेश ने सदन का पूरा सीन ही बदल दिया़ विपक्ष की सीट पर मायूस भाजपा के विधायक बैठे थे़ पिछली सदन में कभी मंत्री की सीट पर बैठने वाले सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी, डॉ नीरा यादव, रणधीर सिंह और अमर बाउरी विपक्ष की सीट पर बैठे थे़ पिछली […]
पांचवें विधानसभा के लिए जनादेश ने सदन का पूरा सीन ही बदल दिया़ विपक्ष की सीट पर मायूस भाजपा के विधायक बैठे थे़ पिछली सदन में कभी मंत्री की सीट पर बैठने वाले सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी, डॉ नीरा यादव, रणधीर सिंह और अमर बाउरी विपक्ष की सीट पर बैठे थे़ पिछली सरकार में मंत्री सरयू राय अगली कतार में अलग बैठे थे.
सदन में सब कुछ बदला-बदला था, लेकिन जेपी पटेल की सीट नहीं बदली़ पिछली विधानसभा में झामुमो के साथ विपक्ष की सीट पर बैठने वाले जेपी पटेल, वहीं रह गये़ इधर सत्ता पक्ष की संख्या बड़ी थी़ सोमवार को दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू करने की सूचना बेल बजा कर दी गयी, तो फिर एक-एक कर विधायक पहुंचने लगे़ सदन में 22 नये चेहरे, जो पहली बार विधायक बने थे, एक-एक कर पहुंच रहे थे़ सदन के अंदर बैठे विधायकों का अभिवादन कर रहे थे़ .
हेमंत सोरेन पहुंचे, तो सदस्यों ने मेज थपथपायी
सदन के नेता के रूप में हेमंत सोरेन का स्वागत सभी सदस्यों ने किया़ मुख्यमंत्री श्री सोरेन जैसे ही सदन के अंदर प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठे, तो पक्ष-विपक्ष ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया़ श्री साेरेन के बगल में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम बैठे थे़
सदन में खाली रही नेता प्रतिपक्ष की सीट
सदन में प्रतिपक्ष की सीट पर कोई नहीं बैठा था़ भाजपा ने तय किया है कि कार्यवाही के दौरान इस सीट पर कोई नहीं बैठेगा़ विधायक सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी विपक्षी कतार में आगे बैठे थे़
विरंची-अनंत को फिर मिली पीछे की सीट
भाजपा विधायक पिछली बार की तरह इस सदन में भी साथ बैठे़ दोनों को विपक्षी कतार में पिछली सीट मिली है़ पहली बार चुनाव जीत कर आयीं पुष्पा देवी भी पिछली सीट पर बैठीं थी़
सबसे पहले हेमंत ने ली शपथ
नये विधायकों को लेकर सदन के बाहर व भितर कौतूहल रहा़ 11़ 17 बजे प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने आसन ग्रहण किया़ इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई़ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम बरहेट से बतौर विधायक शपथ के लिए पुकारा गया़ श्री सोरेन ने सदन के अंदर सबसे पहले शपथ ली़ झाविमो विधायक बाबूलाल मरांडी, आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो, एनसीपी के कमलेश सिंह आगे की कतार में बैठे थे़
सदन में एक-एक कर आये 22 नये चेहरे नये विधायकों को लेकर कौतूहल था
पहले दिन 17 मिनट देर से शुरू हुई कार्यवाही सत्ता पक्ष की बड़ी संख्या से उत्साहित था खेमा
सब बदला पर पटेल की सीट नहीं बदली आगे की कतार पर थे बाबूलाल व सुदेश
जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा. विभाग बंटवारे को लेकर घटक दल के साथ विचार कर निर्णय लिया जायेगा. इसके बाद सरकार अपने कार्यों में लगेगी. राज्य में हो रही घटनाओं पर सरकार की नजर है.
सरकार इस पर उचित निर्णय लेगी. बरहेट और दुमका की जनता के प्रति आभार. संवैधानिक प्रक्रिया के तहत एक सीट छोड़नी पड़ रही है. सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह का सम्मान करते हुए बरहेट सीट से शपथ लिया और दुमका सीट को छोड़ दिया है. पूरा विश्वास है कि जनता फिर से दुमका में झामुमो को समर्थन देगी. देश में कई शैक्षणिक संस्थाएं ठप पड़ी हुई हैं. छात्र आंदोलित होकर सड़कों पर उतर गये हैं.
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
विधानसभा में शपथ लेने के बाद
लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश से पहले विधायकों ने दिखायी श्रद्धा, किया प्रणाम
झारखंड विधानसभा के पंचम सत्र के पहले दिन सदन में 22 नये विधायकों का पदार्पण हुआ. इनमें से अधिकतर युवा हैं. प्रदेश के विकास का सपना संजोये आये उत्साह से लबरेज इन विधायकों ने सदन में प्रवेश से पहले सीढ़ियों को प्रणाम किया. कुछ पुराने विधायकों ने भी लोकतंत्र के मंदिर को प्रणाम कर लोगों के समक्ष एक आदर्श उपस्थित किया.
सदन में बोले
कांग्रेस के पांच मंत्री रहेंगे और सीएमपी भी बनेगा : रामेश्वर
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस सरकार में कांग्रेस के पांच मंत्री रहेंगे. दो बन चुके हैं. तीन मंत्री और बनेंगे. कौन बनेंगे, यह जल्द तय हो जायेगा. डॉ उरांव ने यह बातें विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. उन्होंने कहा कि सरकार में न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनेगा. कमोबेश सभी घटक दलों का एजेंडा एक ही है.
बावजूद इसके सीएमपी बनेगा. सभी ने किसानों, नौजवानों, नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में काम करने का निर्णय लिया है. डॉ उरांव ने कहा कि वे हमेशा जनता के साथ रहे हैं और जनता के साथ ही रहेंगे. जहां तक बाबूलाल मरांडी के बिना शर्त समर्थन की बात है, तो मैं उनकी कद्र करता हूं. उनसे पुराना परिचय रहा है. सरकार के साथ चलेंगे, तो उस संबंध में आगे बातचीत होगी.
एनआरसी पर जल्द होगी बात उचित निर्णय लेंगे : आलमगीर
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अभी पूरा मंत्रिमंडल नहीं बना है. इसका जल्द विस्तार होगा. इसके बाद आगे के सारे कार्यक्रम होंगे. जन-जन की आवाज के अनुरूप गठबंधन की सरकार बनी है. हमने यहां के सारे मुद्दों बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि को उठाया था.
जिन मुद्दों को लेकर हमारा गठबंधन हुआ था, हम उनका निष्पादन करेंगे. श्री आलम सोमवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने एनआरसी व सीसीए के मुद्दे पर कहा कि यह मुद्दा सिर्फ झारखंड नहीं, बल्कि पूरे देश का है. कई विधानसभाओं में इसे निरस्त करने का निर्णय भी हुआ है. इस संबंध में गठबंधन में बात होगी और उचित निर्णय लिया जायेगा. केंद्र सरकार ने विकास के मुद्दे से लोगों को भटकाने के लिए यह मुद्दा उछाला है.
शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य को गढ़ें
प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने विधायकों के शपथ ग्रहण से पहले अपने अभिभाषण में कहा कि हम सब मिल कर झारखंड के अमर शहीदों के सपनों के अनुरूप झारखंड को गढ़ने का काम करें और इसे आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका का सार्थक निवर्हन करें. इससे पहले श्री मरांडी ने नवनिर्वाचित सदस्यों का अभिनंदन किया. साथ ही राज्यपाल की ओर से विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर जारी आदेश को पढ़ कर सुनाया.
गांव में खुशहाली और खेत में होगी हरियाली : सत्यानंद
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पिछले पांच साल तक भाजपा ने हाथी उड़ाने का काम किया. जनहित के मुद्दों से किनारा किया. यही वजह है कि जनता ने उसे सत्ता से बेदखल कर दिया. अब ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि भाजपा को नेता प्रतिपक्ष के लिए नेता नहीं मिल रहा है. शपथ ग्रहण के बाद श्री भोक्ता विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जनता ने बदलाव किया है. सरकार गरीबों के हित में काम करेगी. प्रयास होगा कि गांव में खुशहाली व खेत में हरियाली हो. सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का काम करेगी.
जब शपथ ले सकते हैं, तो क्यों नहीं चुना जा सकता नेता प्रतिपक्ष
निर्दलीय मंत्री सरयू राय ने कहा कि गठबंधन को जनता का अपार समर्थन मिला है. इसका सरकार को ध्यान रखना चाहिए. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं किये जाने के सवाल पर श्री राय ने कहा कि भाजपा का यह रवैया चौंकाने वाला है. यह उनकी अपनी राजनीति है, जो समझ से परे है. उन्होंने कहा कि खरमास में जब उनके विधायक शपथ ले सकते हैं, तो विधायक दल का नेता क्यों नहीं चुना जा सकता है. बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन में अाना अच्छी बात नहीं है. सदन में दोनों पक्ष का नेता रहना चाहिए. जनता इन बातों को गंभीरता से देखती है.