4210.08 करोड़ का अनुपूरक बजट पास, मुख्यमंत्री ने कहा- सीएनटी-एसपीटी पर गठित एसआइटी की अनुशंसा पर काम करेगी सरकार

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि पिछली सरकार ने सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन मामले में गठित एसअाइटी की रिपोर्ट पर कुछ काम नहीं किया. केवल बोलती रही. वर्तमान सरकार इस रिपोर्ट पर काम करेगी. वर्तमान सरकार द्वेष से काम नहीं करेगी. इस राज्य में ना कोई भूखा मरेगा ना रोयेगा. श्री सोरेन बुधवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2020 4:12 AM
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि पिछली सरकार ने सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन मामले में गठित एसअाइटी की रिपोर्ट पर कुछ काम नहीं किया. केवल बोलती रही. वर्तमान सरकार इस रिपोर्ट पर काम करेगी. वर्तमान सरकार द्वेष से काम नहीं करेगी. इस राज्य में ना कोई भूखा मरेगा ना रोयेगा. श्री सोरेन बुधवार को सदन में अनुपूरक बजट पर आयोजित चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रख रहे थे.
श्री सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार ने जो अच्छे काम किये हैं, उनको आगे बढ़ाया जायेगा. अनुपूरक बजट में यह दिख भी रहा है. गड़बड़ कामों पर सरकार ब्रेक लगायेगी. सरकार का ध्यान संरचना निर्माण नहीं होगी. सरकार व्यक्ति निर्माण को प्राथमिकता में रखना चाहती है.
सरकार के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से 4210.08 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित कर दिया. कटौती प्रस्ताव गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने लाया था. इसमें अंबा प्रसाद ने भी हिस्सा लिया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी अव्यवस्था का माहौल है. इसी के बीच से समाधान का रास्ता निकलेगा. अच्छी बात यह है कि सरकार खरीद-फरोख्त से नहीं बनी है. इस कारण बिना रुकावट के जनता का काम होगा. सरकार चाहती थी कि कम वेतन पानेवालों के बकाया का भुगतान हो. पहली कैबिनेट में ही सरकार ने यह निर्णय लिया था.
कटौती प्रस्ताव के पक्ष में बोले िवधायक
निश्चय पत्र लागू करे सरकार
लंबोदर महतो ने कहा कि झामुमो ने चुनाव पूर्व निश्चय पत्र तैयार किया था. इसमें कई अच्छी बातें हैं. इसे सरकार को लागू करना चाहिए. यहां पोषाहार का पैसा नहीं मिल रहा है. सरकार मूल बजट खर्च नहीं कर पा रही है. अनुपूरक बजट लायी है. कोषागार में विपत्र लंबित है. सरकार को इन बातों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
आंदोलनकारियों को सम्मान दें
सुदेश महतो ने सरकार से झारखंड आंदोलनकारियों को फ्रीडम फाइटर घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि आंदोलन पेंशन के लिए नहीं किया गया. आंदोलन सम्मान की लड़ाई थी. इस हिसाब से उनको झारखंड में सम्मान नहीं मिल रहा है. योजना ग्रामसभा से बनानी चाहिए. इसके लिए ग्राम सभा को मजबूत करने की जरूरत है.
बहाना ढूंढ़ रही है सरकार
अमर बाउरी ने कहा कि सरकार काम नहीं करने के बहाने ढूंढने लगी है. वित्तीय स्थिति का हवाला दे रही है. श्वेत पत्र के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है. जब जनता के बीच गये थे, तो क्या वित्तीय हालात को लेकर गये थे. सरकार स्थानीय नीति में संशोधन के नाम पर रोजगार पर रोक लगाना चाह रही है.
अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस दोषी
बिरंची नारायण ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस ही दोषी है. कांग्रेस के इतने दिनों के शासन के बाद भी स्थिति नहीं बदली है. झामुमो ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि पारा शिक्षक स्थायी होंगे. इसके लिए सरकार को काम करना चाहिए. 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा पूरा करना चाहिए.
नहीं दिखी झारखंड की खुशबू
भानुप्रताप शाही ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में झारखंड की खुशबू दिखनी चाहिए थी. इससे स्पष्ट हो गया है कि हेमंत सोरेन की सरकार कांग्रेस के दबाव में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक सीएनटी-एसपीटी की उल्लंघन आदिवासी नेता और अफसरों ने किया है. इनको चिह्नित कर कार्रवाई होनी चाहिए.
आइएएस-आइपीएस सत्ता शीर्ष के नौकर की तरह काम कर रहे थे
कटौती प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सरयू राय ने कहा कि पूर्व की सरकार में आइएएस और आइपीएस सत्ताशीर्ष के नौकर की तरह काम कर रहे थे. इसके कई उदाहरण भी हैं. एसएसपी डीजी की बात नहीं मानते थे. गृह सचिव की चिट्ठी पर डीसी संज्ञान नहीं लेते थे.
चर्चा के दौरान उन्होंने जमशेदपुर की कई घटनाएं सुनायी. उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता का कार्यालय भी सरकार और अधिकारियों को गुमराह करता रहा. इसको कई बार सरकार के संज्ञान में लाया.
नयी सरकार को इस तरह की व्यवस्था पर नियंत्रण रखनी होगी. उन्होंने सरकार के जमशेदपुर के 86 बस्ती के नियमितीकरण के लिए प्रयास करना चाहिए. इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा. अल्पवेतन भोगियों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. सरकार को वित्तीय के साथ-साथ भौतिक अंकेक्षण भी कराना चाहिए. पीआरडी की विशेष ऑडिट होनी चाहिए.
कटौती प्रस्ताव के विरोध में
आदिवासी ग्राम विकास समिति और ग्राम विकास समिति भंग हो
बंधु तिर्की ने कहा कि ग्राम विकास समिति और आदिवासी ग्राम विकास समिति भंग करना चाहिए. 12 मार्च 2018 को रघुवर सरकार कैबिनेट के माध्यम से गलत निर्णय लिया था. चयनित प्रतिनिधियों के सामने ग्राम विकास समिति और आदिवासी ग्राम विकास समिति का गठन कर दिया था. यह ग्राम सभा को कमजोर करने वाला फैसला था. सरकार को यह तय करना होगा कि ट्राइबल सब-प्लान की राशि का विचलन नहीं हो.
जितने कर्ज 14 साल में नहीं लिये, उतने पांच साल में लिये
विनोद कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने जितने कर्ज पिछले 14 साल में नहीं लिये थे, उतना पिछले पांच साल में लिये हैं. यह पैसा खर्च कहां हुई, इसकी जांच होनी चाहिए. राज्य में अब भी मनरेगा में सबसे कम मजदूरी मिलती है. इसे कम से कम न्यूनतम मजदूरी के बराबर किया जाना चाहिए. पलायन रोकने के लिए विशेष प्रयास होना चाहिए. इसके लिए अलग से निदेशालय गठन किया जा सकता है.
केवल वित्तीय नहीं, विभागों के भी श्वेत पत्र जारी करे सरकार
प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा जनता की जरूरत से नहीं, भावना से खिलवाड़ करना चाहती थी. इस कारण ऐसा चुनाव परिणाम आया है. राज्य पर करीब 90 हजार करोड़ का कर्ज है. एक-एक व्यक्ति पर करीब 29 हजार रुपये का कर्ज आ गया है. अभी सरकार को जीएसटी गैप में करीब 15 हजार करोड़ रुपये मिल रहा है. पांच साल बाद यह राशि नहीं मिलेगी. इसके लिए रोड मैप तैयार करना चाहिए. सरकार को केवल वित्तीय नहीं विभागों की स्थिति पर भी श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

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