रांची : जेपीएससी ने रांची विवि को जांच के लिए डॉ चट्टोराज का शैक्षणिक प्रमाण पत्र भेजा
विवि ने डॉ चट्टोराज से सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र की मूल कॉपी मांगी रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के पास वरीय सदस्य डॉ एके चट्टोराज के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच के लिए भेजा है. आयोग के सचिव ने उनके मैट्रिक, इंटर, स्नातक व स्नातकोत्तर के अंक पत्र को […]
विवि ने डॉ चट्टोराज से सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र की मूल कॉपी मांगी
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के पास वरीय सदस्य डॉ एके चट्टोराज के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच के लिए भेजा है.
आयोग के सचिव ने उनके मैट्रिक, इंटर, स्नातक व स्नातकोत्तर के अंक पत्र को जांच के लिए भेजा है. स्नातकोत्तर के अंक पत्र में चट्टोराज की जगह चटर्जी लिखे होने अौर टेंपरिंग कर पुन: उसे चट्टोराज बनाने की भी जांच कर रिपोर्ट मांगी गयी है. बताया जाता है कि डॉ एके चट्टोराज के मैट्रिक अौर इंटर का प्रमाणपत्र एक ही समय का है. डॉ चट्टोराज ने स्पष्ट किया था कि मैट्रिक में वे दो विषय में फेल हो गये थे. पुन: अंग्रेजी व रसायनशास्त्र की पूरक परीक्षा दी.
इसमें रसायनशास्त्र में उत्तीर्ण हो गये, लेकिन अंग्रेजी में फिर फेल हो गये. हालांकि, उन्हें पास विदआउट इंग्लिश का सर्टिफिकेट दिया गया. इसी आधार पर इंटर में नामांकन लिया. बाद में उन्होंने अंग्रेजी की भी परीक्षा दी अौर उत्तीर्ण हुए. वहीं, चटर्जी को तत्कालीन डीन द्वारा संशोधित कर चट्टोराज कर दिया गया है. इधर, विवि प्रशासन ने डॉ चट्टोराज से सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र की मूल कॉपी मांगी है, ताकि उसकी जांच विवि के रजिस्ट्रर से की जा सके.
संघ का आरोप : डॉ चट्टोराज का शैक्षणिक प्रमाण पत्र संदेह उत्पन्न करता है
जेपीएससी के सदस्य डॉ एके चट्टोराज व डॉ टीएन साहू के मामले में विवि शिक्षक संघ ने रांची विवि व सरकार से जांच कराने की मांग की है. संघ ने आरोप लगाया है कि डॉ चट्टोराज का शैक्षणिक प्रमाण पत्र संदेह उत्पन्न करता है. वहीं, डॉ चट्टोराज व डॉ साहू ने बिना सहमति के प्रोन्नति ले ली अौर सरकार से 56-56 लाख रुपये एरियर के रूप में ले लिया है, जो जांच का विषय है.
यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट टीचर्स एसोसिएशन रांची विवि के महासचिव डॉ एलके कुंदन ने कहा है कि इससे पूर्व नवांगीभूत कॉलेज के छह शिक्षकों द्वारा जाली प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने अौर विवि द्वारा गठित जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही एरियर मद में ली गयी राशि की वसूली भी की जा रही है. इसी तरह वर्तमान सदस्यों के संबंध में कदम उठाने की आवश्यकता है. संघ ने कहा है कि आयोग जैसे संवैधानिक संस्था में आरोपी व्यक्ति पर सहायक प्रोफेसर, सह प्रोफेसर, प्रोफेसर, प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति व प्रोन्नति की जिम्मेवारी दी गयी है. यह हास्यास्पद है.
इधर, डॉ चट्टोराज के मामले में राज्यपाल के साथ-साथ राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेज कर जांच कराने की मांग की गयी है. मालूम हो कि प्रभात खबर ने पूर्व में ही सदस्यों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की गड़बड़ी के संबंध में समाचार प्रकाशित किया था. एक सदस्य डॉ चट्टोराज ने कहा था कि उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है. कोई भी जांच कर सकता है. सदस्यों ने कहा कि कुछ शिक्षक नेता गलत ढंग से प्रोन्नति लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर आयोग ने सख्त कदम उठाया है. इसलिए एक साजिश के तहत बदनाम करने कीकोशिश की जा रही है.