एजेंसियां, बैंकाकभारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष के दौरान 5.5 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है. औद्योगिक और सेवाओं के क्षेत्र में ठोस विस्तार और नयी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों पर जोर दिये जाने से आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ेगी. संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. संयुक्त राष्ट्र के एशिया प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (संराएस्केप) के अनुसार, हाल के वषोंर् में कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी महत्व दिया गया, लेकिन बढ़ती असमानता, ऊंची मुद्रास्फीति और ढांचागत कमी जैसी बुनियादी रुकावटों को दूर करने में देरी से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई.संराएस्केप की एक बैठक में यहां जारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4.5 प्रतिशत रही थी. वृद्धि की यह दर वैश्विक वित्तीय संकट के समय हासिल की गयी 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से काफी कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब तेजी की राह पर लौटने को है. मई 2014 में आम चुनावों के बाद नयी सरकार के सत्ता संभालने से आर्थिक सुधारों को बल मिला है. मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में मुद्रास्फीति 9.5 प्रतिशत के स्तर पर ऊंची रही. ऊंची मुद्रास्फीति के लिए रिपोर्ट में कमजोर मुद्रा, ईंधन सब्सिडी में कटौती और आपूर्ति बाधाओं को प्रमुख वजह बताया गया.इंडिया रेटिंग्स ने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान बढा कर 5.7 प्रतिशत कियामुंबई. घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने औद्योगिक क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष (2014-15) के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को मामूली बढ़ा कर 5.7 प्रतिशत कर दिया है. इसके साथ ही एजेंसी ने कहा है कि सरकार राजकोषीय घाटे को 4.1 प्रतिशत पर सीमित रखने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल नहीं कर पायेगी. एजेंसी ने एक नोट में कहा है कि कुल जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 5.6 प्रतिशत से बढ़ा कर 5.7 प्रतिशत किया गया है. इसके अनुसार, औद्योगिक गतिविधियों में सुधार की अपेक्षा के बीच अनुमान में यह आंशिक बढ़ोतरी की गयी है, जबकि कृषि क्षेत्र बाधक कारक रहेगा. एजेंसी का कहना है कि औद्योगिक वृद्धि 5.1 प्रतिशत रहेगी, जबकि इसके लिए पूर्व अनुमान 4.1 प्रतिशत का था. 2013-14 में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही थी. अगर अनुमानित वृद्धि दर हासिल कर ली गयी, तो यह वित्त वर्ष 2012 की 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद सबसे अधिक होगी. एजेंसी का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो महीने में औद्योगिक (कारखाना) उत्पादन में चार प्रतिशत वृद्धि तथा पहली तिमाही में प्रमुख (कोर) क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि ‘व्यापक औद्योगिक सुधार की शुरुआत’ के संकेत हैं. कृषि क्षेत्र के बारे में एजेंसी ने कहा है कि कमजोर व देरीवाले मॉनसून से मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि वृद्धि 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि बीते वित्त वर्ष में 4.7 प्रतिशत थी.
भारत हासिल करेगा 5.5 फीसदी वृद्धि : यूएन स्केप
एजेंसियां, बैंकाकभारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष के दौरान 5.5 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है. औद्योगिक और सेवाओं के क्षेत्र में ठोस विस्तार और नयी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों पर जोर दिये जाने से आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ेगी. संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी […]
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