नवगठित विधानसभा का पहला सत्र : दिखे सरकार के इरादे व सियासी रंग, दलीय कटुता का चैप्टर भी खुला

आनंद मोहन, रांची : नवगठित विधानसभा का पहला सत्र संपन्न हो गया है़ हेमंत साेरेन सरकार का यह पहला सत्र था़ तीन दिनों तक चलनेवाले इस सत्र ने राज्य में राजनीति के नये संकेत दिये है़ं सत्र के दौरान सरकार के इरादे भी दिखे, तो भविष्य का सियासी रंग भी देखने को मिला़ सत्र के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2020 5:03 AM

आनंद मोहन, रांची : नवगठित विधानसभा का पहला सत्र संपन्न हो गया है़ हेमंत साेरेन सरकार का यह पहला सत्र था़ तीन दिनों तक चलनेवाले इस सत्र ने राज्य में राजनीति के नये संकेत दिये है़ं सत्र के दौरान सरकार के इरादे भी दिखे, तो भविष्य का सियासी रंग भी देखने को मिला़ सत्र के दौरान दलीय कटुता भी खुल कर आयी, तो बाबूलाल मरांडी, सुदेश कुमार महतो, सरयू राय सहित पक्ष-विपक्ष के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी से चर्चा की गंभीरता बढ़ी और अाने वाले दिनों में तथ्यपरक बहस की गुंजाइश भी बढ़ी है़

स्पीकर चयन में पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति बनाकर संसदीय मूल्य बरकरार रखा़ स्पीकर के रूप में रवींद्रनाथ महतो के पक्ष में अलग-अलग पार्टियों के नेता प्रस्तावक और समर्थक बने़ विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी स्पीकर के पद को लेकर राजनीतिक मर्यादा का उदाहरण रखा़ भाजपा विधायकों ने नये स्पीकर की तारीफ करते हुए, विधानसभा की मर्यादा-सम्मान बनाये रखने की बातें कही़
सरकार का एजेंडा साफ किया सीएम ने
सदन में चुनकर आये 23 नये विधायकों ने तीन दिनों का अनुभव समेटा़ धैर्य से बड़े-छोटे नेताओं को सुना़ विधानसभा की कार्यवाही, प्रक्रिया और बारिकियों को समझने का प्रयास किया़ पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता शीर्ष पर बैठे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी खुल कर अपनी बातें रखी़ं राज्यपाल के धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण देते हुए मुख्यमंत्री श्री सोरेन आने वाले दिनों में सरकार का एजेंडा साफ कर दिया़
नौकरशाही को लेकर मुख्यमंत्री के तेवर विधानसभा में दिखे़ मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सरकार की नीतियों से लेकर विकास की चुनौतियों पर खुल कर पक्ष रखा़ इसके साथ ही आर्थिक संकट की चुनौतियों से निपटने की कार्य योजना भी बताये़
स्पीकर चयन में पक्ष-विपक्ष ने बरकरार रखा संसदीय मूल्य, सीएम ने सदन में खुल कर रखीं बातें
23 नये विधायकों ने समेटे नये अनुभव: बाबूलाल, सुदेश व सरयू जैसे दिग्गज से बढ़ी चर्चा की गंभीरता
सदन दलीय एजेंडे व ध्रुवीकरण की राजनीति का अखाड़ा भी बना, भाजपा-कांग्रेस की नूरा कुश्ती आगे भी चलेगी
पक्ष-विपक्ष की कटुता भी सतह पर
सत्र के आखिरी दिन पक्ष-विपक्ष की कटुता भी सतह पर आयी़ सदन दलों के अपने-अपने एजेंडे का राजनीति का अखाड़ा भी बना़ मॉबलिचिंग पर तीखी नोंक-झोंक हुई़ विपक्ष के भाजपा विधायक वेल में घुसे, हो-हंगामा हुआ़ सत्र में पक्ष-विपक्ष के एजेंडे से साफ हुआ कि वोटरों के ध्रुवीकरण का खेल भी सदन में चलेगा़ भाजपा-कांग्रेस की नूरा कुश्ती सदन में आगे भी चलेगी़ पहले सत्र की कार्यवाही, मुद्दे, तेवर और बहस के स्तर से राजनीति के नब्ज टटोले जा सकते है़ं
क्यों खास है रहा यह सत्र
सरकार के तेवर-इरादे बताते ये बयान
नौकरशाही का राजनीतिकरण हुआ है, यह खतरनाक बात : मुख्यमंत्री
परखे जायेंगे नौकरशाह, पांच मानक तय होंगे : मुख्यमंत्री
नेता-अफसर की तिजोरी भरने वाला विकास नहीं, खजाने पर गरीबों का हक : मुख्यमंत्री
वाणिज्यकर व खान विभाग में भ्रष्टाचार,15 हजार करोड़ जुटायेंगे : मुख्यमंत्री
पूर्व की सरकार पर वार
आइएएस-आइपीएस सत्ता शीर्ष के नौकर की तरह काम कर रहे थे: सरयू राय
जितना कर्ज 14 साल में नहीं लिया, उतना पिछले पांच वर्ष में लिया गया: विनोद सिंह
आदिवासी ग्राम विकास और ग्राम विकास समिति भंग हो, गलत निर्णय था : बंधु तिर्की
केवल वित्त नहीं, सभी विभागों के श्वेत पत्र जारी करना चाहिए : प्रदीप
ऐसे भाषण-बयान, जिसमें सियासी एजेंडे आये सामने
तबरेज की हत्या आरएसएस-भाजपा के लोगों ने कराये : इरफान अंसारी
मैं कहूं इरफान पाक व आतंकी का स्लीपर सेल एजेंट है, तब : सीपी सिंह

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