बैंकों का निजीकरण और विलय जनहित में नहीं है

रांची : ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआइबीइए) के त्रिवार्षिक सम्मेलन का आयोजन शनिवार को राजधानी के मेन रोड स्थित होटल ट्राइडेंट इन में हुआ. इसमें ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकेटचलम ने कहा कि सरकार बैंकों का विलय और निजीकरण कर रही है. यह निर्णय जनहित में नहीं है. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2020 1:43 AM

रांची : ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआइबीइए) के त्रिवार्षिक सम्मेलन का आयोजन शनिवार को राजधानी के मेन रोड स्थित होटल ट्राइडेंट इन में हुआ. इसमें ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकेटचलम ने कहा कि सरकार बैंकों का विलय और निजीकरण कर रही है.

यह निर्णय जनहित में नहीं है. उन्होंने बताया कि मांगों को लेकर बजट सत्र में बैंक हड़ताल का आह्वान कर सकते हैं. इस दौरान एनपीए पर चिंता जताते हुए कहा कि बैंकों में जमा पैसा आम जनता का है, जनता के पैसे को डूबाना ठीक नहीं है.
इसका कड़ा विरोध करें. सम्मेलन में सभा के को-ऑर्डिनेशन कमेटी के महासचिव दीपक शर्मा, झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव आरबी सहाय, एआइएबीओएफ के महामंत्री संदीप अखौरी, एआइएबीओएफ एवं एआइबीआेए के राज्य सचिव घनश्याम श्रीवास्तव समेत अन्य कर्मचारी थे.
विलय से बैंक ब्रांच बंद होने का खतरा: वक्ताआें ने बताया कि बैंकों के विलय होने से कई शाखाएं बंद हो जायेंगी, इसका असर ग्राहक सेवा पर पड़ेगा.
एसबीआइ से तीन बैंकों के मर्ज होने से सात हजार शाखाएं और बैंक ऑफ बड़ौदा से दो बैंकों के मर्ज होने से दो हजार शाखाएं बंद हो गयीं. सरकार द्वारा 10 बैंकों के विलय होने से 10 हजार शाखाएं बंद हो जायेंगी. शाखाओं के बंद होने से कर्मचारियों की छंटनी होगी. कई लोगों को ट्रांसफर किया जायेगा.
वाइपी सिंह बने अध्यक्ष : सम्मेलन में संगठन के अगले कार्यकाल के लिए चुनाप संपन्न हुआ. इसमें वाइपी सिंह को सर्वसम्मति से अध्यक्ष आैर अजय डे को महासचिव चुना गया.

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