कीएंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट मजबूत की जायेगी
रांची : निर्भया फंड की निधि से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) को आधारभूत संरचना प्रदान कर सशक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा. ताकि यूनिट अपना काम बेहतर तरीके से कर सके. गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता ने पहल करते हुए एएचटीयू में आधारभूत संरचना के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार […]
रांची : निर्भया फंड की निधि से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) को आधारभूत संरचना प्रदान कर सशक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा. ताकि यूनिट अपना काम बेहतर तरीके से कर सके. गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता ने पहल करते हुए एएचटीयू में आधारभूत संरचना के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार कर गृह सचिव के पास भेज दिया है.
गृह सचिव को बताया गया है कि वर्तमान में राज्य में मानव तस्करी पर रोकथाम लगाने के लिए आठ इकाई या यूनिट है.
ये इकाई रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा और दुमका में कार्यरत है. इसके अलावा शेष चार इकाई साहेबगंज, गोड्डा, गिरिडीह एवं लातेहार में गठन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश मिला है कि कुल 12 इकाईयों में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाये.
इसलिए प्रत्येक इकाई के लिए दो टेबल, 10 कुर्सी, दो अलमीरा, 3 मोबाइल फोन, दो डिजिटल वीडियो कैमरा, एक बोलेरो, दो बाइक, एक लैंड लाइन टेलीफोन, दो कंप्यूटर, एक प्रिंटर, दो यूपीएस, किताब और प्रचार- प्रचार के लिए सामग्री खरीदने की आवश्यकता है.
इन सामानों को खरीदने के लिए एक करोड़ 54 लाख 52 हजार 16 रुपये की आवश्यकता है. इसलिए निर्भया फंड के तहत सामान खरीदने के लिए राशि उपलब्ध कराने के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाये.
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार आठ इकाईयों में वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2018 तक मानव तस्करी के संबंधित 536 केस दर्ज किये गये. पुलिस ने अनुसंधान पूरा करने के बाद 321 केस में न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया.
वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने 104 केस में न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित किया. जबकि अन्य केस अनुसंधान के लिए लंबित रह गये. दर्ज केस में सबसे अधिक मामले गुमला, खूंटी और सिमडेगा के इलाके से रहे थे. रांची में भी वर्षवार मानव तस्करी के मामले बढ़े हैं. वर्ष 2014 में रांची जिला में जहां एक केस दर्ज किया गया था, वहीं वर्ष 2018 में 11 केस दर्ज किये गये थे.
2014 में रांची जिला में जहां एक केस दर्ज किया गया था, वहीं वर्ष 2018 में 11 केस दर्ज किये गये