सीएए पर सोनिया की अगुआई में विपक्ष की बैठक, हेमंत हुए शामिल

नयी दिल्ली : देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन, संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए विपक्षी पार्टियों की बैठक सोमवार को संसद के एनेक्सी में हुई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से बुलायी गयी इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2020 7:56 AM
नयी दिल्ली : देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन, संशोधित नागरिकता कानून, एनआरसी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए विपक्षी पार्टियों की बैठक सोमवार को संसद के एनेक्सी में हुई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से बुलायी गयी इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तथा बसपा प्रमुख मायावती शामिल नहीं हुईं. वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिवसेना और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी. सपा और डीएमके भी बैठक में शामिल नहीं हुईं.
बैठक में सीपीआइ, सीपीएम, आरजेडी, एनसीपी, जेएमएम सहित 20 दलों के नेता शामिल हुए. इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, आरजेडी के मनोज झा, हम के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा भी मौजूद थे.
सीएए व एनआरसी पर पीएम मोदी ने देश को गुमराह किया : सोनिया
सोनिया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए और एनआरसी पर देश को गुमराह किया है और भड़काऊ बयान दिये हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि जेएनयू व कुछ अन्य स्थानों पर हिंसा की घटनाओं से साबित हो गया है कि मोदी सरकार शासन करने में अक्षम है. वह लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकती.
वहीं, बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चुनौती दी कि वह पुलिस के बिना किसी विश्वविद्यालय में जाएं और लोगों को बताएं कि मौजूदा हालात में देश के लिए क्या करेंगे. वहीं, वहीं, केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव से पाकिस्तान को जरूर खुशी हुई होगी़
बैठक में प्रस्ताव पारित, किसानों व छात्रों की भी चर्चा
बैठक में मौजूद दलों ने सीएए को वापस लेने और एनआरसी पर रोक लगाने की मांग की. साथ ही गैर भाजपा शासित राज्यों में एनपीआर की प्रकिया निलंबित करने की बात कही. इस दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें अर्थव्यवस्था, रोजगार व किसानों की स्थिति, सीएए व जेएनयू हिंसा समेत अनेक मुद्दों पर चिंता प्रकट की गयी. विपक्षी दलों ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी एक पैकेज है, जो असंवैधानिक है.
समस्याओं का विवेकपूर्ण समाधान करे केंद्र : हेमंत
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार को विवेक से काम लेना चाहिए. आज हर युवा, किसान और महिला सहित हर वर्ग में गुस्सा है. आज देश में जाति और धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है़ यदि देश में आग लगेगी, तो समाज का हर वर्ग प्रभावित होगा. सरकार समस्याओं का विवेकपूर्ण समाधान करे.
कांग्रेस ने विश्वासघात किया : मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने बताया कि उनकी पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में हुई बैठक में हिस्सा क्यों नहीं लिया? उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी कांग्रेस ने दूसरी बार बसपा विधायकों को तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. यह विश्वासघात है.

Next Article

Exit mobile version