मनुष्य के गलत कर्म से प्रकृति नाराज : संत उमाकांत महाराज

सत्संग में जाये, तो देश में 80 प्रतिशत बुराई समाप्त हो जायेगीसरकार कानून बनाये और गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करेफोटो : अमित दस संवाददातारांची. मनुष्य अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गलत कार्य रहा है. इस कारण प्रकृति नाराज है और मनुष्य को इसका कोपभाजन बनना पड़ रहा है. मनुष्यों के कृत्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2014 8:00 PM

सत्संग में जाये, तो देश में 80 प्रतिशत बुराई समाप्त हो जायेगीसरकार कानून बनाये और गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करेफोटो : अमित दस संवाददातारांची. मनुष्य अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गलत कार्य रहा है. इस कारण प्रकृति नाराज है और मनुष्य को इसका कोपभाजन बनना पड़ रहा है. मनुष्यों के कृत्य से धरती मां, घर की मां-बहनें और गौ माता नाराज हैं. उक्त बातें बाबा जय गुरुदेव महाराज के आध्यात्मिक उतराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने गुरुवार को प्रभात तारा स्कूल मैदान में कही. उन्होंने कहा कि जो अत्याचार मां-बहनों के साथ हो रहा है, वह घृणित अपराध है, माफी योग्य नहीं है. सत्संग नहीं मिलने के कारण लोग भटक रहे हैं. ईश्वर से भय नहीं रहा. रावण मांस और शराब का सेवन करता था, इसलिए वह राक्षस कहलाया. उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी. माता सीता का अपहरण किया और खानदान सहित समाप्त हो गया. यदि मनुष्य मांस, मछली और शराब का त्याग कर दे और सत्संग में जाये, तो देश में 80 प्रतिशत बुराई समाप्त हो जायेगी. उन्होंने कहा कि गौ हत्या शीघ्र बंद हो. इसके लिए सरकार कानून बनाये और गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करे. उन्होंने कहा कि धरती मां नाराज है. इसका मुख्य कारण है पेड़-पौधे को बड़े पैमाने पर काटा जाना. पेड़-पौधे को काट कर बड़ी-बड़ी इमारत बन रही है; जिस कारण बाढ़, गरमी और भूस्खलन हो रहे हैं. लोग मारे जा रहे हैं. सत्संग में गुलाबी वस्त्र धारण कर झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से दर्जनों लोग पहुंचे थे. लोग गुलाबी वस्त्र धारण कर सत्संग में पहुंचे थे.

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