रांची : शिबू सोरेन के बयान के बाद राज्य में स्थानीयता की नीति 1932 के खतियान के आधार पर लागू किये जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. इस बीच राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी अपनी बातें रखीं है़
श्री मरांडी ने कहा कि इस पर बोलने की बजाय सरकार को निर्णय लेना चाहिए. ठंडे दिमाग से काम करें. पत्थलगड़ी के मामले में जिस तरह कैबिनेट से फैसला लेकर केस वापस लिया, उसी तरह इस मामले में भी निर्णय लें.
राज्य में बहुमत की सरकार है. कहीं से कोई दबाव की बात नहीं है. सिर्फ बातें दबाव बढ़ाती है. अगर वे चाहते हैैं कि स्थानीयता के लिए 1932 का खतियान लागू करना आवश्यक है, तो उनको करना चाहिए, सिर्फ बोलना नहीं चाहिए़ मंत्रिमंडल गठन को लेकर श्री मरांडी ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है.
यहां लोग सरकार को लेकर दिल्ली आना-जाना करते रहे हैं. जब भी ऐसी सरकार बनती है, तो इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ता है. जनता भी इस परिस्थिति को जान गयी है. सरकार को समर्थन के सवाल पर कहा कि कहा कि हमने सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है. सरकार ठंडे दिमाग से केवल काम करे़