रांची/दिल्ली : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने चाईबासा की घटना में एसआईटी जांच का आदेश दिया है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह आदेश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, इस मुद्दे पर बैठक की गयी. सरकार किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देगी. तरह-तरह के अफवाह फैलाये जा रहे हैं, लकिन सरकार सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले एक पंचायत प्रतिनिधि समेत सात ग्रामीणों की लाठी, डंडों और टांगी से हमला कर हत्या कर दी थी. कम से कम दो ग्रामीण अब भी लापता बताये जा रहे हैं.
झारखंड पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक, अभियान एवं राज्य पुलिस के प्रवक्ता साकेत कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि लापता बताये जा रहे नौ ग्रामीणों में से सात के शव बरामद कर लिए गये हैं. अन्य दो का पता नहीं चल सका है. सिंह ने बताया कि पुलिस को मंगलवार को वारदात की सूचना मिली. इसके आधार पर पुलिस दल मंगलवार देर रात मौके पर पहुंचा. बुधवार को गांव से चार किलोमीटर दूर जंगल से पंचायत प्रतिनिधि समेत सात ग्रामीणों के जीर्णशीर्ण शव बरामद किये गये.
एक सवाल के जवाब में पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों की हत्या लाठी, डंडे और टांगी-फरसे से नृशंस तरीके से की गयी है. कई लोगों के शव तो पहचाने जाने लायक ही नहीं हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस को घटना की सूचना मंगलवार को प्राप्त हुई जिसके बाद मौके पर पुलिस दल को रवाना किया गया था. इस बीच स्थानीय लोगों ने बताया पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव में स्थानीय ग्रामीणों के साथ रविवार को बैठक आयोजित की थी जिसमें पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने पर गांव के एक उपमुखिया सह पंचायत प्रतिनिधि जेम्स बूढ़ और पांच-छह ग्रामीणों की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की. भयभीत होकर जब अन्य ग्रामीण वहां से भाग गये तो कथित तौर पर पत्थलगड़ी समर्थक नौ लोगों को उठाकर जंगल ले गये.