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रांची : सीएनटी-एसपीटी का कड़ाई से होगा पालन

गणतंत्र दिवस : राज्यपाल ने मोरहाबादी मैदान में किया झंडोत्तोलन, कहा रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन किया. परेड की सलामी लेने के बाद उन्होंने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. संविधान के सहारे देश के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना पूरी […]

गणतंत्र दिवस : राज्यपाल ने मोरहाबादी मैदान में किया झंडोत्तोलन, कहा
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन किया. परेड की सलामी लेने के बाद उन्होंने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. संविधान के सहारे देश के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना पूरी हो रही है. भारत को सशक्त गणतंत्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों को नमन. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्र निर्माण के लिए किये गये संकल्प को दोहराने का दिन है.
बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि हमें राजनीतिक प्रजातंत्र को सामाजिक प्रजातंत्र बनाना होगा. बिना किसी राग और द्वेष के आदिवासियों, वंचितों, दलितों, गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक परिवार तक विकास की किरण पहुंचानी होगी. सीएनटी-एसपीटी एक्ट का कड़ाई से पालन होगा. वनों से जुड़े कानूनों को आदिवासी हितों के अनुरूप बनाया जायेगा. झारखंड में कानून का राज स्थापित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि झारखंड अपने गठन और जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर युवा राज्य है. बेरोजगारी यहां की ज्वलंत समस्या है. सरकार पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर व्याप्त रिक्तियों को जल्द भरेगी. युवाओं को कौशल विकास कर रोजगार उपलब्ध करायेगी. महिलाओं के स्वावलंबन के लिए उनको रोजगार से जोड़ा जायेगा. महिलाओं के सम्मान और सामाजिक अधिकारों की रक्षा सरकार की प्राथमिकता रहेगी.
राज्यपाल ने कहा कि सरकार आदिवासियों की आबादी और आकांक्षाओं के अनुरूप ट्राइबल सब प्लान तैयार करेगी. निर्माण को प्राथमिकता देने के बदले आदिवासियों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए काम किया जायेगा.
आदिवासियों की स्वशासन परंपरा को मजबूत किया जायेगा. जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान है. कृषि और वन आधारित अर्थव्यवस्था राज्य के निवासियों के जीविकोपार्जन का मूलभूत आधार है. सरकार किसान और खेतिहर मजदूरों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए संकल्पबद्ध है.
किसानों को मुख्य फसल के साथ उगायी जाने वाली सब्जियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में लैंपस और पैक्स को सुदृढ़ व पारदर्शी बना कर गरीब किसानों को कृषि संयंत्र उपलब्ध कराया जायेगा. मनरेगा में मानव दिवस बढ़ा कर गैर कृषि समय में रोजगार दिया जायेगा. वन उत्पाद पर आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जायेगा. राज्यपाल ने कहा कि पेयजल और सिंचाई की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता है. हर गांव, टोले में पेयजल सुलभ कराया जायेगा. पुराने तालाबों और अाहरों का पुनरुद्धार किया जायेगा. सरकारी विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की गुणवत्ता से बेहतर बनाया जायेगा.
सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर समेत आधुनिक शिक्षण पद्धति से पढ़ाई होगी. प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा दी जायेगी. गांवों में दवा और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जायेगा. जिला स्तर के अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जायेगा. एंबुलेंस और ममता वाहन को सर्वसुलभ बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों के विकास में युवाओं के रोजगार की भागीदारी को महत्व दिया जायेगा. वन क्षेत्रों में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा.
टाना भगतों ने सत्याग्रह की याद दिलायी
रांची : मोरहाबादी मैदान में गणतंत्र दिवस पर सरकार के विभिन्न विभागों ने झांकियां निकाली. टाना भगत समुदाय ने अहिंसा में आस्था, ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ उनके सत्याग्रह, अहिंसक आंदोलन के साथ झारखंड जगुआर पुलिस ने तिरंगे को लहराते हुए सेवा ही लक्ष्य है को प्रदर्शित किया.
लघु एवं कुटीर उद्योग द्वारा निकाली गयी झांकी को पहला पुरस्कार मिला. लघु एवं कुटीर उद्योग ने झांकी के माध्यम से बांस के महत्व को दर्शाया. बांस है तो सांस है, बांस का कारोबार गांव का स्वरोजगार, बांस लगाओ पैसा कमाओ जैसे स्लोगन के माध्यम से लोगों को आकर्षित किया.
दूसरा पुरस्कार पर्यटन एवं कला संस्कृति विभाग की झांकी को दिया गया. विभाग द्वारा झारखंड की संस्कृति में कला व नृत्य की भूमिका बतायी गयी. ढाक ,ढोल, मांदर, बांसुरी, मुरली शहनाई, घुंघरू इत्यादि वाद्य यंत्रों के माध्यम से विरासत में मिली पारंपरिक संस्कृति को प्रदर्शित किया गया. तीसरा पुरस्कार सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को दिया गया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झांकी के द्वारा बिरसा आंदोलन को दर्शाया गया.
जिसमें आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, भूमि से लेकर धर्म संबंधी तमाम समस्याओं के खिलाफ जन संघर्ष कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किया गया. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की झांकी में कलाकृतियों के माध्यम से वर्षा के जल को संरक्षित करने के तरीके बताये गये. इसके अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, खेलकूद एवं युवा विभाग, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, तेजस्विनी क्लब, मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जेरेडा, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग व कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा भी झांकी निकाली गयी.

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