रांची : छऊ नृत्य कला के लिए प्रचलित कलानगरी सरायकेला विधानसभा सीट से झामुमो विधायक चंपई सोरेन को हेमंत सरकार में मंत्री बनाया गया है. वे इससे पहले भी मंत्री पद संभाल चुके हैं. झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर झामुमो नेता चंपई सोरेन इससे पहले हेमंत सोरेन सरकार में खाद्य आपूर्ति और परिवहन मंत्री के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं. यदि आपको याद हो तो अर्जुन मुंडा सरकार में वे पहली बार मंत्री बनाये गये थे.
गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत जिलिंगगोड़ा निवासी सिमल सोरेन और माधो सोरेन के तीन बेटे और एक बेटी में सबसे बड़े बेटे के रूप में चंपई सोरेन का नाम आता है. पिता सिमल सोरेन पेशे से किसान थे और चंपई भी खेती में हाथ बंटाया करते थे. इनका विवाह मानको सोरेन के साथ हुआ. उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.
सरायकेला के पूर्व विधायक कृष्णा मार्डी द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दिये गये इस्तीफे के बाद जब सीट खाली हुई, तो उप चुनाव में चंपई सोरेन ने उक्त सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कब्जा किया. इसके बाद वे झामुमो में शामिल हो गये. चंपई सोरेन ने यहां से पांच बार चुनाव जीता.
कहा जाता है कि भाजपा नेता अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बनी सरकार के पीछे मुख्य भूमिका में चंपई सोरेन ही थे. भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पहली मीटिंग में उन्हें मंत्री बनाये जाने पर हामी भर दी थी. जब सरकार बनी, तो उन्हें आदिवासी कल्याण और परिवहन मंत्री बनाया गया. झारखंड आंदोलन के दौरान इनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हुए, लेकिन एक ही बार वे जेल गये.
एक मामले में रेल कोर्ट, चक्रधरपुर में आत्मसमर्पण किया था, जहां इनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए चाईबासा जेल भेज दिया गया. चाईबासा जेल से इलाज के नाम पर चंपई और विद्युत जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल आ गये, जहां सात दिनों के बाद इन्हें जमानत मिल गयी थी.