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रांची : कडरूबाग में चल रहे धरना में महिलाओं ने कहा- सीएए वापस लेने तक नहीं हटेंगे
रांची : सीएए के विरोध में कडरूबाग में जारी अनिश्चितकालीन धरना में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं. महिलाअों का कहना है कि जब तक सीएए को वापस नहीं ले लिया जाता है तब तक यहां से नहीं हटेंगी. महिलाअों की तादाद ज्यादा होने के कारण दो-दो पंडाल भी कम पड़ गये हैं. […]
रांची : सीएए के विरोध में कडरूबाग में जारी अनिश्चितकालीन धरना में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं. महिलाअों का कहना है कि जब तक सीएए को वापस नहीं ले लिया जाता है तब तक यहां से नहीं हटेंगी. महिलाअों की तादाद ज्यादा होने के कारण दो-दो पंडाल भी कम पड़ गये हैं. आलम यह है कि ठंड के बावजूद कई महिलाएं टेंट के बाहर बैठ रही हैं. कई तो छोटे-छोटे बच्चों के साथ पहुंच रही हैं और प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं.
अॉल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मेहुल मुगेंद्र ने कहा कि सीएए की लड़ाई अंत तक जारी रहेगी. सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का कार्य कर रही है. 60 वर्षीय अशरफी खातून ने कहा कि मुझे अपना वतन जान से ज्यादा प्यारा है, हिंदुस्तान हमारा है.
अफरोजी खातून ने कहा कि हम हिंदुस्तान के हैं और यहीं मरना जीना है. वाइबी एन कॉलेज की छात्रा शबाना परवीन ने कहा कि आज हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है. उसने कहा कि वह कागज दिखा सकती है, लेकिन हम अपने गरीब मजदूर, किसान, दलित, आदिवासियों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. रेहाना खातून और सोनाली खातून ने कहा कि यह कानून देश हित में नहीं है. झारखंड छात्र संघ डोरंडा कॉलेज कमेटी के अध्यक्ष सनी टोप्पो ने कहा कि हमें चिंता इस बात की है कि अगर पूरे देश में एनआरसी लागू होता है तो सब से ज्यादा नुकसान आदिवासी समाज का होगा.
कल रक्तदान शिविर लगेगा
30 को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर धरना स्थल के समीप रक्तदान शिविर
लगाया जायेगा. जिसमें काफी संख्या में लोग रक्तदान करेंगे.
समर्थन में चाय से लेकर नाश्ते तक का किया गया है प्रबंध
महिलाअों को समर्थन देने के लिए मौलाना आजाद कॉलेज के छात्र संगठन के सदस्य रवि कुमार, अनिल कुमार इकबाल, जीतू सिंह, सलमान, अमीर, सावन कुमार, जितेंद्र सिंह, अमित, उमर, संजय साव, संदीप साव, साजिद खान, जोया, सोनी पूजा, सोनी, रीवा, मुसर्रत, मुस्कान, निशांत आदि मौजूद थे. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर भी फरवरी में सभा को संबोधित करने आयेंगे. वहीं, धरना पर बैठे लोगों के लिए इंतजामिया कमेटी की अोर से चाय से लेकर नाश्ता व खाने की व्यवस्था की गयी है. इसमें विभिन्न संगठनों के लोग भी सहयोग कर रहे हैं.
नागरिकता कानून को खारिज करे सरकार
रांची : सामाजिक संगठनों ने सीएए-एनपीआर-एनआरसी को जनविरोधी, असंवैधानिक व सांप्रदायिक बताते हुए सरकार से मांग की है कि इस काले कानून को केरल, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर खारिज करे. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ करमा उरांव व आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष पीसी मुर्मू ने कहा कि हम सभी केंद्र सरकार द्वारा थोपे गये जनविरोधी काले कानून को खारिज करते हैं और झारखंड की जनता भी इसे नकारती है.
कहा कि हम देश, झारखंड व रांची की साहसिक महिलाओं की अग्रणी भूमिका को सलाम करते हुए उनका समर्थन करते हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ हम सर्वधर्म सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, राजनीतिज्ञों, जिम्मेदार संगठनों और व्यक्तियों को लेकर व्यापक नागरिक मुहिम चलायेंगे.लोहरदगा मामले पर कहा कि ऐसी सुनियोजित घटनाओं की तीव्र निंदा करते है. झारखंड सरकार दोषियों को कड़ी सजा दे. इससे पूर्व कानून की तीन छात्रा सोनिया ओलिविया मिंज, अंकिता टोप्पो व शीलमणि मरांडी ने सभी को संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ाया.
प्रेसवार्ता में हॉफमैन लॉ एसोसिएट्स के निदेशक अधिवक्ता फादर महेंद्र पीटर तिग्गा, जेएनयू ओल्ड बॉयज यूनियन-झारखंड के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह, वाल्मीकि समाज के अधिवक्ता दामोदर बुद्धिस्ट, एससी/ एसटी कॉर्डिनेशन कमेटी झारखंड के अध्यक्ष मधुसूदन राम, एआइपीएफ के अनिल अंशुमान, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के एमएल उरांव, इंडियन लॉयर यूनियन झारखंड के अध्यक्ष अधिवक्ता एके रशीदी, क्लेमेंट टोप्पो सहित अन्य मौजूद थे.
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