रांची : राजधानी में होगा 1008 लाइट हाउस का निर्माण

बजरा व एचइसी क्षेत्र में 5.8 एकड़ जमीन चिह्नित रांची : राजधानी में निम्न आय वर्ग (एलआइजी) के लिए लाइट हाउस का निर्माण किया जायेगा. केंद्र सरकार के सहयोग से कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए बजरा व एचइसी क्षेत्र में कुल 5.8 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. केंद्र सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2020 9:10 AM
बजरा व एचइसी क्षेत्र में 5.8 एकड़ जमीन चिह्नित
रांची : राजधानी में निम्न आय वर्ग (एलआइजी) के लिए लाइट हाउस का निर्माण किया जायेगा. केंद्र सरकार के सहयोग से कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए बजरा व एचइसी क्षेत्र में कुल 5.8 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. केंद्र सरकार के अधिकारियों की स्वीकृति के बाद दोनों में से किसी एक स्थान पर लाइट हाउस का निर्माण किया जायेगा.
एक आवासीय इकाई पर खर्च होंगे 13 लाख : लाइट हाउस प्रोजेक्ट में प्रति आवासीय इकाइयों पर करीब 13 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य सरकार द्वारा आवासीय इकाइयां आवंटित करने के लिए राज्य सरकार कीमत का निर्धारण करेगी. एक आवासीय इकाई के लिए केंद्र सरकार प्रति आवास तीन लाख रुपये देगी, जबकि राज्य सरकार एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी. सूत्रों के मुताबिक, एक आवासीय इकाई की कीमत करीब 10 लाख रुपये तक तय की जा सकती है.
नगर विकास सचिव के समक्ष दिया प्रेजेंटेशन : लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित निर्माण से संबंधित प्रेजेंटेशन नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के सामने दिया गया. पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन कर सचिव को निर्माण योजना की जानकारी दी गयी. मौके पर सूडा के निदेशक राजीव रंजन व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
निर्माण में नहीं होगा बीम या ढलाई का इस्तेमाल
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत रांची में लाइट हाउस का निर्माण किया जायेगा. लाइट हाउस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने देश के छह राज्यों का चयन किया है. उसमें से एक झारखंड भी है. लाइट हाउस का निर्माण पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से किया जाना है.
अब तक निर्माण की इस तकनीक का इस्तेमाल विदेशों में ही किया जाता है. भारत में यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. लाइट हाउस निर्माण में बीम या ढलाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. लाइट हाउस के हिस्सों को फैक्ट्री में तैयार किया जाता है. उसके बाद उसे चयनित स्थल पर ले जाकर असेंबल कर आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जाता है.

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