पीपीपी मोड के लिए बनेगी समिति

रांची: सरकार ने निर्णय लिया है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत होनेवाले कार्य के लिए अलग से एक समिति बनायी जायेगी. योजना व विकास विभाग कैबिनेट से इसकी मंजूरी लेगा. संबंधित विभागों को शुरुआती सहमति के बाद फिर से वित्त या अन्य विभाग में सहमति के लिए फाइल न भेजनी पड़े तथा काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2014 12:05 PM

रांची: सरकार ने निर्णय लिया है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत होनेवाले कार्य के लिए अलग से एक समिति बनायी जायेगी. योजना व विकास विभाग कैबिनेट से इसकी मंजूरी लेगा.

संबंधित विभागों को शुरुआती सहमति के बाद फिर से वित्त या अन्य विभाग में सहमति के लिए फाइल न भेजनी पड़े तथा काम में तेजी आये, इसलिए यह निर्णय लिया गया है. दरअसल वैसे जरूरी संस्थान या योजनाएं जिनके लिए राज्य सरकार के पास फंड की कमी है तथा जो आर्थिक रूप से वाइवल हैं, इनके लिए निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करके इनके संचालन का फैसला लिया गया है. यह प्रावधान किया गया है कि यदि इन योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत हो, तो वाइवलिटी ग्रांट फंडिंग (वीजीएफ) के तहत केंद्र से परियोजना लागत की 20 फीसदी राशि ली जा सकती है. वहीं 20 फीसदी शेयर राज्य सरकार करेगी व शेष 60 फीसदी योगदान निजी क्षेत्र का होगा.

विभिन्न विभाग अपनी योजनाओं के लिए पीपीपी मोड का सहारा ले रहे हैं.

पीपीपी मोड के तहत योजनाएं

स्वास्थ्य विभाग : सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (सदर) रांची, मेडिको सिटी इटकी व राज्य के विभिन्न सदर अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन इसी मोड से होना है. सदर अस्पताल के लिए टेंडर हो चुका है तथा मामला प्रक्रियाधीन है. मेडिको सिटी के लिए आइडीएफसी को ट्रांजक्शन मैनेजर बहाल किया गया है.अभी एमओयू होना है. तीसरे मामले में सुपर स्पेशियलिटी की तरह आइएफसी को ट्रांजक्शन मैनेजर बनाया गया है.

मानव संसाधन विभाग : राज्य में 10 मॉडल विद्यालय की स्थापना व संचालन होना है. कार्य प्रक्रियाधीन है. विभागीय सचिव की यह सलाह है कि सरकारी विद्यालय, जो एक समय के बाद खाली रहते हैं, इनका उपयोग पीपीपी मोड के तहत शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए किया जा सकता है.

विज्ञान व प्रावैधिकी : छह जिला विज्ञान केंद्र सह तकनीकी पुस्तकालय (हजारीबाग, दुमका, बोकारो, देवघर, धनबाद व पलामू) व महिला औद्योगिक विद्यालय गांडेय (गिरिडीह, जामताड़ा व चंदनक्यारी) का संचालन पीपीपी मोड में होना है. वहीं राजकीय पॉलिटेक्निक लातेहार, भागा, खरसांवा, महेशपुर (पाकुड़) व गढ़वा के संचालन के लिए जिन्फ्रा को सलाहकार बनाया गया है.

ऊर्जा विभाग : पतरातू एनर्जी लि. व कर्णपुरा एनर्जी लि. (दोनों 2×660 मेगावाट) के लिए डिजाइन बिल्ट फिनांस ऑपरेट एंड ट्रांसफर के आधार पर निजी भागीदार का चयन किया जाना है. इसी तरह राज्य के पांच स्थलों पर माइक्रो पन बिजली व सरकारी भवनों में पीपीपी मोड में सोलर प्लांट लगाया जाना है.

कृषि व गन्ना विभाग : एग्रिकल्चर कॉलेज गढ़वा, डेयरी कॉलेज हंसडीहा व फिशरी कॉलेज गुमला का भवन बन गया है. इनके संचालन के लिए निजी भागीदार की तलाश हो रही है.

पशुपालन व मत्स्य : बंद पड़े बेकन फैक्टरी, कांके के पुन: संचालन के लिए इच्छा की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) निकाला जाना प्रक्रियाधीन है.

जल संसाधन विभाग : गेतलसूद (रांची), चांडिल (जमशेदपुर) व अजय बराज (देवघर) डैम को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाना है.

सूचना तकनीक विभाग : इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (आइआइआइटी) का निर्माण पीपीपी मोड में होना है.

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