रांची : मंसूरी सहित तीन गीतकार भी आंदोलनकारी
रांची : झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने मधु मंसूरी हंसमुख सहित तीन गीतकारों को भी आंदोलनकारी माना है. इनमें मंसूरी के अलावा हटिया निवासी श्याम नाथ मिश्र तथा कोडरमा निवासी राजकुमार राव कुलकर्णी कविअंतर शामिल हैं. आंदोलन के दौरान जेल जाने की सरकार द्वारा तय शर्त से अलग हट कर आयोग ने इन गीतकारों को […]
रांची : झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने मधु मंसूरी हंसमुख सहित तीन गीतकारों को भी आंदोलनकारी माना है. इनमें मंसूरी के अलावा हटिया निवासी श्याम नाथ मिश्र तथा कोडरमा निवासी राजकुमार राव कुलकर्णी कविअंतर शामिल हैं. आंदोलन के दौरान जेल जाने की सरकार द्वारा तय शर्त से अलग हट कर आयोग ने इन गीतकारों को भी आंदोलनकारी की श्रेणी में रखा है. गौरतलब है कि श्री हंसमुख का चयन भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान के लिए किया है.
उधर, अपने गीतों के जरिये झारखंड आंदोलनकारियों का उत्साह बढ़ाने, उनमें ऊर्जा का संचार करने तथा झारखंड अलग प्रांत के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए श्री हंसमुख को आयोग ने छह माह पहले अगस्त 2019 में ही आंदोलनकारी मान लिया था. वहीं अन्य दो गीतकार की बतौर आंदोलनकारी पुष्टि अप्रैल 2017 में की गयी थी. श्री हंसमुख के संबंध में आयोग ने माना है कि विभिन्न अखबारों में झारखंड आंदोलन से संबंधित खबरों में उनके नाम का जिक्र है. गौरतलब है कि झारखंड आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले आंदोलनकारियों को सरकार पेंशन देती है.
छह माह या कम समय तक जेल में रहे लोगों को तीन हजार तथा इससे अधिक समय तक जेल में रहे लोगों को पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है. वहीं अन्य केटेगरी (गीतकार, लेखक व अन्य) को सिर्फ प्रशस्ति पत्र देने का निर्णय लिया गया है. आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद ने अन्य केटेगरी के तहत भी लोगों को चिह्नित कर उन्हें सम्मान दिलाने का काम किया है.