झारखंड सरकार आदिवासियों की हत्या मामले को दबाने का प्रयास कर रही है : भाजपा
रांची/नयी दिल्ली : भाजपा ने आरोप लगाया कि झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पत्थलगड़ी आंदोलन का कथित तौर पर विरोध करने वाले पश्चिम सिंहभूम जिले के सात ग्रामीणों की हत्या के मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. झारखंड के सिंहभूमि जिले के गुड्डी ब्लाक में बुरूगुलिकेरा में इस आंदोलन का विरोध […]
रांची/नयी दिल्ली : भाजपा ने आरोप लगाया कि झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पत्थलगड़ी आंदोलन का कथित तौर पर विरोध करने वाले पश्चिम सिंहभूम जिले के सात ग्रामीणों की हत्या के मामले को दबाने का प्रयास कर रही है.
झारखंड के सिंहभूमि जिले के गुड्डी ब्लाक में बुरूगुलिकेरा में इस आंदोलन का विरोध करने पर सात ग्रामीणों का 21 जनवरी को अपहरण कर बाद में हत्या कर दी गयी थी. इनके क्षत विक्षत शव अगले दिन गांव से चार किलोमीटर दूर जंगल में मिले थे.
इस घटना के बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी के एक शिष्टमंडल का गठन किया था और इस शिष्टमंडल ने पश्चिम सिंहभूम जिले का दौरा किया था. इस शिष्टमंडल में गुजरात से पार्टी सांसद जसवंत सिंह भाभोर, झारखंड के सांसद समीर उरांव, महाराष्ट्र से सांसद भारती पवार, छत्तीसगढ़ से सांसद गोमती साई, पश्चिम बंगाल से सांसद जे बारला और पूर्व मंत्री एवं झारखंड से विधायक नीलकांत सिंह मुंडा शामिल हैं.
इस शिष्टमंडल ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर घटना के संदर्भ में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस मुद्दे पर पार्टी सांसद समीर उरांव ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, हमारे झारखंड के आदिवासियों की नृशंस हत्या हो जाती है और इनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता. ये कांग्रेस और झामुमो की नीति है.
उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस की सरकार कभी भी आदिवासियों की हितैषी नहीं रही है. उरांव ने कहा कि झारखंड में इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद वहां के शासन द्वारा शोक संतप्त परिवारों को कोई आश्वासन या मुआवजा नहीं दिया गया. बल्कि सब कुछ जानते हुए भी भ्रम फ़ैलाने के लिए एसआईटी के गठन की बात की गई.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि इस जघन्य घटना को आपसी रंजिश का रूप देने की कोशिश की जा रही है. झामुमो और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में इतने बड़े नरसंहार के बावजूद वहां की सरकार ने तुरंत घटना का संज्ञान नहीं लिया.