जानें बजट पर आम लोगों की राय, महंगाई से मिले राहत, दूर हों मुश्किलें

एक फरवरी को केंद्रीय बजट आने वाला है. आम लोगों को इस बजट से कई उम्मीदें हैं. समाज का हर वर्ग आने वाले बजट में राहत ढूंढ़ रहा है. महंगाई परेशानी का सबसे बड़ा सबब है. रसोई की रौनक गायब है. ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार महंगाई पर नकेल की आस लगा रहा है. उद्योग जगत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2020 6:31 AM

एक फरवरी को केंद्रीय बजट आने वाला है. आम लोगों को इस बजट से कई उम्मीदें हैं. समाज का हर वर्ग आने वाले बजट में राहत ढूंढ़ रहा है. महंगाई परेशानी का सबसे बड़ा सबब है. रसोई की रौनक गायब है. ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार महंगाई पर नकेल की आस लगा रहा है. उद्योग जगत को भरोसा है कि हालात बदलेंगे. नौकरी पेशा वालों को उम्मीद है कि कर में छूट मिलेगी. बहरहाल उम्मीदों के बीच बजट का इंतजार है़

बोले व्यवसायी : जीएसटी दर में सुधार की जरूरत

बजट में एमएसएमइ के उत्थान के लिए विशेष पैकेज देने की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही जीएसटी में सुधार की जरूरत है. रियल इस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए. इसी तरह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा करनी चाहिए.

कुणाल अजमानी, अध्यक्ष, झारखंड चेंबर

अर्थव्यवस्था में सुस्ती छायी है. लोगों को कर में राहत देने की जरूरत है. इसी प्रकार जीएसटी की कर दरों में भी सुधार लाने की आवश्यकता है. अधिकतम जीएसटी की दर 18 प्रतिशत ही रखी जाये. साथ ही जिन निर्यातकों का माल और सेवा कर की अदायगी फंसी हुई है, उसे सरकार को जल्द-से-जल्द देने की जरूरत है.

संजय अखौरी, सचिव, जेसीपीडीए

बजट के माध्यम से व्यक्तिगत आयकर की दरों को घटाने की जरूरत है. इससे लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा आयेगा और वे इस पैसे को खर्च कर सकते हैं. इस खर्च से व्यापार को फायदा होगा. आर्थिक विकास की दर पहले से तेजी से बढ़ेगी. आयकर की दरों को घटाने के अलावा डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को समाप्त करना चाहिए.

मनीष सर्राफ

बजट से आम आदमी हो या खास सभी को उम्मीद रहती है़ तीन सालों से बजट में कोई राहत नहीं मिली है. स्थिति यह हो गयी है कि मध्यम वर्ग के लोगों की परचेजिंग कैपिसिटी घट गयी है. जरूरत है लोगों को इनकम टैक्स में राहत मिले. सरकार को रोजगार सृजन पर फोकस करना चाहिए. बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जरूरत है.

बीके त्रिपाठी

आम बजट से नौकरीपेशा लोगों को काफी उम्मीदें हैं. सरकार को इस बार टैक्स स्लैब बढ़ाना चाहिए. महंगाई इतनी बढ़ गयी है कि कई जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है. जब इनकम टैक्स देते हैं, तो फिर अलग-अलग तरह का टैक्स क्यों लिया जाता है. दोहरा या तिहरा टैक्स क्यों थोपा जा रहा है, इस पर सरकार को विचार करने की जरूरत है.

संजय कुमार सिंह

जीएसटी की दरों में बदलाव की जरूरत है. कई सामानों की कीमत बढ़ गयी है. नौकरीपेशा वाले लोगों के पास पैसा बच नहीं पा रहा है. टैक्स स्लैब में बदलाव करना अत्यंत जरूरी हो गया है. कई लोग इस उम्मीद में हैं कि सरकार इस बार कुछ बदलाव करेगी, ताकि मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिले. इस बाद देखते हैं कि क्या होता है़

अजय तिग्गा

आम लोग बोले : महंगाई से मिले मुक्ति

आम बजट आम आदमी के लिए होना चाहिए. इस बार सरकार को आम आदमी के हित वाला बजट पेश करना चाहिए, क्योंकि महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. सरकार बुजुर्गों के हित की सोचे. बुजुर्गों को हर जगह छूट देने वाला बजट पेश हो.

मिहिर बनर्जी, एचइसी

ऐसा बजट आये जो राहत देनेवाला हो, न कि और ज्यादा हमारी परेशानी बढ़ा दे. हम जैसी उम्रदराज महिलाओं के लिए भी सरकार योजना लाये. हमारे लिए भी कुछ अलग से बजट तैयार करे, ताकि हम अपने फ्री टाइम में कुछ कर सकें.

सरोज चौधरी, रातू रोड

बजट को लेकर हम महिलाएं चिंतित रहती हैं, क्योंकि घर का बजट हमें ही संभालना होता है. हर उम्र में किचन का बजट संभालना पड़ता है. सरकार को चाहिए कि कम से कम किचन के खर्चे को देख कर ही बजट तैयार करे, ताकि हमें राहत मिल सके.

किरण वर्मा, डाेरंडा

अक्सर देखा जाता है कि हर क्षेत्र के लिए सरकार बजट बना देती है. पर बुजुर्ग वर्ग इससे अछूता रह जाता है. इस बार सरकार को चाहिए कि बुजुर्गों के लिए भी ऐसा बजट पेश करे, जो उनके हित के लिए हो. हम बुजुर्गों को इस उम्र में जो भी जरूरत होती है, उससे जुड़ा बजट तैयार हो.

हरि प्रसाद अग्रवाल, नामकुम

बजट में वैसे बुजुर्गों के लिए विचार करना चाहिए, जाे अकेले हैं. ओल्ड एज होम के लिए बजट पेश करे, ताकि वहां रहनेवाले बुजुर्गाें को भी बजट का लाभ मिल सके. उम्रदराज लोगों के लिए सरकार ऐसी योजना बनाये जिससे वे घर पर बैठ कर अपनी रुचि के अनुसार काम कर सकें.

जमुना प्रसाद, कडरू

केंद्रीय बजट से महिलाओं को काफी उम्मीदें है़ं महंगाई की मार से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती है़ं गैस सिलिंडर से लेकर घरेलू सामानों की कीमतें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है़ं उनकी कीमत में कमी आनी चाहिए. बजट में सरकार महंगाई पर लगाम लगाने के लिए विशेष ध्यान दे.

अंकिता बनर्जी

घरेलू और कामकाजी महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें है़ं सरकार महिलाओं के हित की सोचते हुए बजट पेश करे. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. महिलाएं स्वावलंबी बन सकें इस पर विशेष फोकस करने की जरूरत है.

शिल्पी, नामकुम

एक मध्यमवर्गीय परिवार की बड़ी समस्या महंगाई को लेकर है़ घरेलू सामानों की कीमतें तेजी से बढ़ रही है़ं रोजमर्रा की जिंदगी में काम आनेवाली चीजों की कीमत पर रोक लगाने की आवश्यकता है. विलासिता के सामानों की कीमत भले ही बढ़ जाये, इससे महिलाओं को कोई परेशानी नहीं होगी.

माधुरी देवी, रातु रोड

रोजगारपरक चीजों पर कुछ खास होना चाहिए. प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा को लेकर बजट बढ़ाना चाहिए. स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च बढ़े. महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कोषांग पर काम किया जाना चाहिए.

डॉ गरिमा पाठक, पंडरा

बजट में रोजगार और स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने चाहिए. गांव की सुरक्षा और रोजगार पर बात हो. युवाओं की प्रतिभा के अनुसार सहायता और प्रशिक्षण पर विशेष प्रावधान करने की जरूरत है.

नीलम हंस, हटिया

बोले खिलाड़ी : खेल के लिए अलग से हो प्रावधान

बजट वैसा हो, जिसमें खिलाड़ियों को सुविधा मिले. आम बजट में खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं दिया जाता है. मेरा मानना है कि खेल के लिए अलग से बजट का प्रावधाना होना चाहिए, ताकि इसका सीधा फायदा खिलाड़ियों को मिले. इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और वे देश के लिए बिना किसी चिंता के खेल सकेंगे.

प्रकाश राम, तीरंदाजी कोच

बजट से सबसे अधिक उम्मीद मध्यम वर्ग के लोगों को होती है. अधिकतर खिलाड़ी भी इसी वर्ग से आते हैं. इसलिए उभरते हुए खिलाड़ियों के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए. कोई भी खिलाड़ी ये चाहता है कि बेहतर प्रदर्शन और देश के लिए पदक जीतने के बाद हमें एक बेहतर जॉब मिले, लेकिन ऐसा होता नहीं है. इससे खिलाड़ी मायूस हो जाते हैं. सरकार कुछ ऐसा प्रस्ताव बजट में लाये, जिससे सभी राज्यों के खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके.

सुबोध कुमार, अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर

बजट में खेलों को प्राथमिकता देने की जरूरत है. मुलभूत सुविधाएं जब तक खिलाड़ियों को नहीं मिलेंगी, तब तक वे खुल कर अपना परफारमेंस नहीं दे पायेंगे. इसलिए बजट में इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. यहां के खिलाड़ी शहर तो आते हैं प्रशिक्षण लेने, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण खेल छोड़कर वापस लौट जाते हैं. बजट में ऐसी व्यवस्था हो, जिससे ऐसे खिलाड़ियों को मुकाम मिल सके.

भोला ओहदार, कराटे खिलाड़ी व कोच

ग्रास रूट लेवल पर खिलाड़ियों को सुविधा मुहैया कराना, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को उनके योग्यता के अनुसार रोजगार देना, कैश अवार्ड, स्कॉलरशिप की राशि में बढ़ोतरी कर नियमित रूप से देना, देश के सभी राज्यों के खेल मैदान को खेलने योग्य बनाना, खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों का बीमा कराने की जरूरत है ताकि खेलों का अग्रेतर विकास संभव हो. इसके अलावा खेल को सभी स्कूलों, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य करना और देश के खेल पर होनेवाले कुल बजट में बढ़ोतरी करना चाहिए.

प्रभात रंजन तिवारी, एथलेटिक्स कोच

खेल जगत को उपेक्षित किया जाता रहा है. हर बजट में खेल और खिलाड़ियों के लिए भी प्रावधान होना चाहिए. इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा. इसके अलावा ऐसे जगहों पर फोकस किया जाना चाहिए, जहां खेल संसाधनों की कमी है. उनके विकास पर जोर देने की जरूरत है, तभी खेल का विकास होगा.

मिथलेश कुमार सिंह, ताइक्वांडो कोच

आधारभूत संरचना पर हो काम

बजट में आधारभूत संरचना पर फोकस किया जाना चाहिए. खासकर सड़क, रेल, पुल, वाटर वेज, एयरवेज पर काम हो. स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में भी आधारभूत संरचना दुरुस्त करने की जरूरत है. चीन में इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हुआ है और वहां विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर है. भारत को भी अपने काम में स्पीड बढ़ाने की जरूरत है. उद्योग जगत के लिए सरकार इनसेंटिव पर ध्यान दे. उद्योग विकसित होंगे, तो रोजगार सृजन होगा. रोजगार सृजन होगा, तो लोगों की आय बढ़ेगी. इससे देश की आर्थिक रफ्तार तेज होगी.

अमृतांशु प्रसाद, हेड कॉरपोरेट अफेयर्स, अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड

टैक्स का लोड कम किया जाये

देश की अर्थ व्यवस्था में टैक्स का अहम योगदान है़ केंद्र सरकार बजट में कॉरपोरेट टैक्स कम करे. साथ ही कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले कामगारों पर टैक्स के बोझ कम किये जायें. कामगारों की आय का बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है. इसके चलते उनका परचेज पावर कम हो जाता है. इससे बाजार में आर्थिक सुस्ती रहती है. सरकार आधारभूत संरचनाओं पर ज्यादा जोर दे. निर्माण होने पर रोजगार बढ़ेगा, इससे आमदनी भी बढ़ेगी. तब बाजार में आर्थिक गतिविधि तेज होगी.

संजय श्रीवास्तव, वीपी कॉरपोरेट अफेयर्स, हिंडाल्को

सौर ऊर्जा में सब्सिडी बढ़े

केंद्र सरकार गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए जरूरी है कि सौर ऊर्जा प्लांट लगाने वालों को ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी दी जाये. जब सभी लोग ग्रीन एनर्जी अपनायेंगे, तब उन्हें ज्यादा फायदा होगा. इसी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल पर भी सब्सिडी दी जानी चाहिए. इससे लोग पेट्रोल-डीजल के कार की जगह ई-कार इस्तेमाल करेंगे, तो पर्यावरण को भी लाभ होगा. इ-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रोत्साहन दें. इससे रोजगार का भी सृजन होगा.

राकेश रंजन, स्थानिक प्रबंधक, टाटा पावर

इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा, तो रोजगार भी बढ़ेगा

केंद्र सरकार को देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा से ज्यादा निवेश बढ़ाने की जरूरत है. इससे स्टील, सीमेंट और पावर सेक्टर में खपत बढ़ेगी. उद्योगों का ग्रोथ बढ़ेगा, तो रोजगार का भी सृजन होगा. तब लोगों की आमदनी ज्यादा होगी. आमदनी बढ़ेगी, तो खरीदने की क्षमता भी बढ़ेगी. इससे मार्केट में तेजी आयेगी. आर्थिक रफ्तार तेज होगी. सरकार उद्योगों को बढ़ाने में टैक्स सिस्टम पर ध्यान दे. टैक्स का बोझ कम होगा, तो उद्योगों का विकास भी होगा और आर्थिक गति भी बढ़ेगी.

संजय सिंह, सीनियर डीजीएम, इनलैंड पावर लिमिटेड

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