कडरू हज हाउस में सीएए के खिलाफ धरना जारी, माकपा ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा- हम देखेंगे, तुम्हारी सरकार गिरते देखेंगे
रांची : हम देखेंगे-हम देखेंगे, तुम्हारी सरकार गिरते देखेंगे अपने इन नारों के साथ माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कडरू स्थित हज हाउस में सीएए के खिलाफ चल रहे धरना को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह यहां की जनता ने भाजपा को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह दिखाया है, ठीक […]
रांची : हम देखेंगे-हम देखेंगे, तुम्हारी सरकार गिरते देखेंगे अपने इन नारों के साथ माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कडरू स्थित हज हाउस में सीएए के खिलाफ चल रहे धरना को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह यहां की जनता ने भाजपा को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह दिखाया है, ठीक उसी तरह केंद्र में भी उसे हराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंसूबे सही नहीं हैं. एक तरफ रोहिंग्या के बारे में कुछ नहीं सोचा गया, वहीं दूसरी तरफ सिर्फ तीन देश के लोगों की लाने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी लागू होना था, अन्य जगहों पर इसे लागू नहीं किया जाना है. उन्होंने कहा कि जिस तरह केरल जैसे अन्य राज्यों में इसे अस्वीकृत कर दिया गया है, ठीक उसी तरह उन्हें उम्मीद है कि यहां की राज्य सरकार भी अस्वीकृत कर देगी. उन्होंने महिलाओं के इस आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि उनसे हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है. कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की दादागिरी नहीं चलेगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर जेएनयू-जामिया इस्लामिया सहित अन्य जगहों पर जो कुछ हुआ, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाओं को जागरूक करने के किए उनकी एक टीम काम कर रही है. जल्दी ही सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आदिवासी मंच भी तैयार हो जायेगा, जिससे आंदोलन को और मजबूती मिलेगी. मौके पर शायर अकमल बलरामपुरी, फरहा नाज, राजेश उरांव, अर्नव बनर्जी, ऋतुराज, फरहाना खातून सहित अन्य ने भी विचार रखे.
आज मुख्यमंत्री से मिलेंगी: उन्होंने कहा कि वह बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर उन्हें जीत के लिए बधाई देंगी और राज्य में इस कानून को लागू नहीं करने के मुद्दे पर बातचीत करेंगी. उन्होंने आरएसएस का नया नाम दिया और कहा कि इसका मतलब राष्ट्रीय सर्वनाश समिति है.
खराब मौसम के बावजूद धरना स्थल पर डटी रहीं महिलाएं
उपद्रव फैलाने के प्रयास में पकड़ा गया युवक, पुलिस से भी हुई धक्का-मुक्की
रांची : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के कडरू के समीप सोमवार की देर रात नारेबाजी करने और पत्थर से हमला कर उपद्रव फैलाने के प्रयास में आक्रोशित लोगों ने गुड्डू बड़ाइक नामक युवक को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस युवक को हिरासत में लेकर मामले में उसकी संलिप्तता पर जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार कडरू में सीएए के विरोध में लोग अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. वहां देर रात करीब 1.09 बजे बाइक से दो युवक गुजर रहे थे. मामले में शिकायत करनेवाले हाशिम खान का आरोप है कि वह धरना स्थल पर मौजूद था, तभी दोनों युवक वहां से गुजरते हुए नारा लगाने लगे. साथ ही एक युवक ने पत्थर चला दिया, जो उसकी आंख के ऊपर लगी. इस घटना के बाद वहां के लोग आक्रोशित हो गये और हंगामा करने लगे. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और लोगों को शांत कराने का प्रयास किया, तब पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी.
घटना के बाद सिटी एसपी सहित दूसरे अधिकारी वहां पहुंचे. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया. हाशिम ने पत्थर फेंकने के आरोप में पुलिस के पास की शिकायत में पहले विधाता और संतोष का नाम बताया था. लेकिन बाद में गुड्डू को पकड़ कर सौंप दिया गया. फिलहाल सुरक्षा के दृष्टिकोण से मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
सीएए के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना जारी
रांची : सीएए के खिलाफ कडरू में मंगलवार को भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा. शाम में खराब मौसम के बावजूद काफी संख्या में महिलाएं धरना स्थल पर जमी रहीं. धरना में शामिल होने के लिए चान्हो, बेड़ो, इटकी सहित अन्य ग्रामीण इलाके से काफी संख्या में महिलाएं आयी थीं.
वहीं सोमवार को धरना स्थल पर उड़ी अफवाह के कारण यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. धरना स्थल पर काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे. अफवाह की घटना के बाद से कार्यकर्ता भी सजग हो गये हैं. वे भी वहां मुस्तैदी से तैनात रह रहे हैं और सीसीटीवी से इसकी निगरानी कर रहे हैं.
कई लोगों ने रोजा रखा : धरना स्थल पर कई महिलाओं ने रोजा रखा. उनके रोजा खोलने की व्यवस्था हज हाउस परिसर में की गयी है. वहीं उनलोगों के लिए नमाज आदि पढ़ने की भी व्यवस्था की गयी है.
किसी की नागरिकता में धर्म के आधार पर भेदभाव न हो
नामकुम : धर्म के आधार पर किसी की भी नागरिकता में भेदभाव नहीं करना चाहिए, क्योंकि धर्मनिपेक्षता हमारे संविधान की आत्मा है. यह बातें माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कही. वे मंगलवार को नामकुम के सोगोद में एनआरसी, सीएए व एनआरपी के विरोध में आयोजित जनसभा में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं.
आयोजन आदिवासी अधिकार मंच ने किया था. वृंदा करात ने कहा कि एनआरसी, सीएए व एनआरपी में जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वह राज्य के आदिवासी देने में सक्षम नहीं हैं. उसमें 70 से 80 प्रतिशत ग्रामीण छंट जायेंगे. उन्होंने कहा कि मूलत: लोगों से पूर्वजों की जन्म तारीख और उनके जन्म स्थान का दस्तावेज मांगा जायेगा, जो देना संभव नहीं है.
क्योंकि हमारे पूर्वजों ने ऐसा कोई दस्तावेज नहीं बनाकर छोड़ा है. यहां तक की हम जिस जमीन पर रह रहे हैं, उस जमीन का कागजात भी हमारे नाम से नहीं है. वृंदा करात ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर यहां के आदिवासियों को व्यापक आंदोलन करने की आवश्यकता है. आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि योजनाएं ग्रामसभा द्वारा पारित हो. उन्होंनें बताया कि गांव में पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन कर पत्थर खनन का लीज दिया गया है, जिसके खिलाफ मोर्चा के सदस्य व ग्रामीण चार साल से आंदोलन चला रहे हैं.
इसे लेकर मुख्यमंत्री व उपायुक्त को आवेदन देकर लीज रद्द करने की मांग की जायेगी. सभा में उपस्थित लोगों ने केंद्र सरकार से पुराने तरीके से ही जनगणना कराने की मांग की. कार्यक्रम को जिला सचिव सुखनाथ लोहरा, सुफल महतो, एडवा नेत्री वीणा लिंडा, तेफिल तिर्की, शिवकुमार, फुसला मुंडा, आश्रिता बिन्हा, कमला देवी, सोहराई मुंडा, मुकुंद मुंडा, मुसा टूटी आदि ने भी संबोधित किया.