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संसद में गूंजा चाईबासा में आदिवासी नरसंहार का मामला, भाजपा सांसदों ने स्लोगन लिखी, तख्तियां लहरायी
नयी दिल्ली : चाईबासा में पत्थलगड़ी मामले में आदिवासियों की हुई हत्या के विरोध में बुधवार को संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भाजपा के सभी अनुसूचित जनजाति के सांसद व राज्यसभा के भाजपा सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया. गुदड़ी (झारखंड) में आदिवासियों का नरसंहार हाय-हाय कांग्रेस-जेएमएम सरकार, आदिवासियों […]
नयी दिल्ली : चाईबासा में पत्थलगड़ी मामले में आदिवासियों की हुई हत्या के विरोध में बुधवार को संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भाजपा के सभी अनुसूचित जनजाति के सांसद व राज्यसभा के भाजपा सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया. गुदड़ी (झारखंड) में आदिवासियों का नरसंहार हाय-हाय कांग्रेस-जेएमएम सरकार, आदिवासियों की हत्यारी-राहुल-हेमंत सरकार जैसे नारे लिखे तख्तियां लिये सभी सांसद हत्याकांड की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग कर रहे थे.
मालूम हो कि गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी मामले को लेकर 19 जनवरी को सात आदिवासियों की हत्या कर दी गयी थी. सांसदों का कहना था कि राज्य में हेमंत सरकार के आने के बाद से ही कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है. महागठबंधन सरकार ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर दायर मुकदमे वापस लेकर असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा दिया है. रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि आदिवासियों की हत्या के लिए हेमंत सरकार दोषी है.
सरकार दोषियों के खिलाफ कदम उठाने से बच रही है. पत्थलगड़ी की आड़ में अराजक तत्व हावी हो रहे हैं. धरने पर बैठे सांसदों ने कहा कि पत्थलगड़ी को आदिवासी परंपरा बता कर संविधान का मजाक बनाया जा रहा है.
संविधान की अवहेलना देशद्रोह का मामला है और अगर ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक नहीं लगायी गयी तो ओडिशा, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्य भी हिंसा की चपेट में आ सकते हैं.
गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि चाईबासा कांड को लेकर राज्य सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली है. पिछली सरकार द्वारा दायर मुकदमों को वापस लेने के कारण ऐसी घटना घटी है. अभी तक पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला है. गांव के लोग डरे-सहमे हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है और इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी से कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए.
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि कांग्रेस के इशारे पर हेमंत सोरेन सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया. इसी कारण इस नरसंहार को अंजाम दिया जा सकता.
पत्थलगड़ी आदिवासी परंपरा है लेकिन इसकी आड़ में अलगाववादी ताकतें आदिवासियों को देश के संविधान, कानून के खिलाफ खड़ा करने की साजिश रच रही है. सभी सांसद इस मामले पर दोनों सदनों में अल्पकालिक चर्चा के लिए नोटिस देकर चर्चा कराये जाने की मांग करेंगे. गौरतलब है कि इस नरसंहार की जांच के लिए भाजपा ने 6 सदस्यीय टीम का गठन किया था. टीम ने अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी दी है, जिसमें इस घटना के लिए सरकार और प्रशासन को जम्मिेवार ठहराया गया है.
हत्याकांड की जांच केंद्रीय एजेंसी से करा दोषियों को सजा देने की मांग
निशिकांत दुबे बोले-जबसे कांग्रेस और जेएमएम की सरकार आयी है, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है
सदन में उठा मुद्दा
बुरुगुलीकेरा में आदिवासियों की हत्या का मामला लोकसभा में उठाते हुए गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि जबसे झारखंड में कांग्रेस और झामुमो की सरकार आयी है, कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है.
चाईबासा की घटना को लेकर कांग्रेस ने एक शब्द नहीं कहा. विकास विरोधी ताकतें, अफीम पैदा करने वालों ने 2016 में पत्थलगड़ी आंदोलन शुरू किया. आंदोलनकारियों ने 11 सूत्रीय एजेंडा पेश किया, जिसके तहत देश का कानून गांव में लागू नहीं करना, राज्य के अधिकार को चुनौती देना जैसी बातें शामिल थी. तत्कालीन सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाते हुए ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज कर आंदोलन की कमर तोड़ दी थी. उन्होंने झारखंड सरकार को बर्खास्त कर मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने की मांग की.
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