रांची : मैं जीना चाहता हूं : तनवीर मिर्जा

दोनों किडनी गंवा चुके पत्रकार को मदद की दरकार रांची : अगस्त 2018 के पहले उर्दू पत्रकार तनवीर मिर्जा की जिंदगी इतनी बेबस नहीं थी. तब उनके पास जरूरी जीवन मयस्सर करने लायक वह सब कुछ था जो एक आम निम्न- मध्यम वर्ग के लोगों के पास होता है. मिर्जा आज किडनी की बीमारी से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2020 9:36 AM
दोनों किडनी गंवा चुके पत्रकार को मदद की दरकार
रांची : अगस्त 2018 के पहले उर्दू पत्रकार तनवीर मिर्जा की जिंदगी इतनी बेबस नहीं थी. तब उनके पास जरूरी जीवन मयस्सर करने लायक वह सब कुछ था जो एक आम निम्न- मध्यम वर्ग के लोगों के पास होता है.
मिर्जा आज किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं. इन दो साल में उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल कर रख दी. उनकी दोनों किडनी इस कदर सिकुड़ गयी है कि यह एंड स्टेज रेनल डिजीज के करीब पहुंच गयी है. दूसरे के दुख: दर्द का हाल बताने वाले पत्रकार तनवीर मिर्जा को आज खुद की खबर की दरकार है. लेकिन इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद उन्होंने जीने की आस नहीं छोड़ी है.
उनका हौसला ही है कि अभी कुछ दिन ही हुए होंगे जब वह कडरू में हो रहे सीएए और एनआरसी के प्रोटेस्ट की रिपोर्टिंग करने पहुंच गये. अभी जो लोग इस बीमार के कारण यह सोचकर चिंता करते हैं कि अब उनका जीवन ज्यादा दिन का नहीं, उन्हें भी वह हंसकर जीने की प्रेरणा देते हैं. वह कहते हैं कि जीवन जीने की आस तो मैंने कभी छोड़ी ही नहीं. मिर्जा दर्द के भाव को चेहरे पर आने से लगभग रोकते हुए कहते हैं कि तब 40 का था अब फर्क बस इतना है कि डायलिसिस और उपचार कराते-कराते आज 42 का हो गया हूं. साल 2003 में पिता का इंतकाल हो गया और 2016 में मां ने साथ छोड़ दिया.
चंदे के भरोसे चल रही सांस : मिर्जा ने कहा कि परिजनों ने डोनर भी ढूंढ लिया है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह आपरेशन नहीं करा पा रहे हैं. वह कहते हैं, लोगों के चंदे के भरोसे ही सांस ले पा रहा हूं. दो छोटे-छोटे बच्चे उनकी पढ़ाई, घर का राशन, अस्पताल और दवा का बेहिसाब खर्च, सब कुछ भीतर से तोड़ देता है. मदद के लिए लोग तनवीर मिर्जा के मोबाइल नंबर 9386808924 पर संपर्क कर सकते हैं.

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