जमीन की जांच बनी मुसीबत, कुछ खास नहीं मिली सफलता
तसवीर सुनील गुप्ता-बजरा व हेसल में मिले मकान, एक जमीन खाली मिली-हिंदपीढ़ी व हातमा में एक ही नाम के व्यक्ति मिले-आज भी चलेगा अभियानवरीय संवाददाता रांचीपूर्व एसएआर पदाधिकारी विजय मतियस टोप्पो की अदालत से निष्पादित मामलों के भौतिक सत्यापन के लिए निकली टीमों को रोजाना नयी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को […]
तसवीर सुनील गुप्ता-बजरा व हेसल में मिले मकान, एक जमीन खाली मिली-हिंदपीढ़ी व हातमा में एक ही नाम के व्यक्ति मिले-आज भी चलेगा अभियानवरीय संवाददाता रांचीपूर्व एसएआर पदाधिकारी विजय मतियस टोप्पो की अदालत से निष्पादित मामलों के भौतिक सत्यापन के लिए निकली टीमों को रोजाना नयी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को भी अधिकारियों को लोकेशन ढूंढने में परेशानी हुई. घंटों घूमने के बाद भी सूची के अनुसार प्लॉट उन्हें नहीं मिले. हालांकि, हातमा व तिरिल में चार प्लॉट को प्रशासन ने खोजा, जहां मकान बने हुए हैं. हातमा में टीम जिस प्लॉट पर जांच के लिए गयी थी, वहां भी एक नाम के चार व्यक्ति मिले. बाद में काफी मशक्कत से प्लॉट का पता चला. वहीं बजरा व हेसल में छह प्लॉट चिह्नित किये गये. बताया गया कि इन मकानों की फोटोग्राफी करायी जायेगी. ये देखना होगा कि ये सारे मकान कितने पुराने हैं. जांच के दौरान हेसल में एक प्लॉट पूरी तरह से खाली पाया गया. शेष पांच प्लॉट पर मकान बने हुए थे. एक टीम जांच के लिए हिंदपीढ़ी पहंुची जहां पाया गया कि जिसके नाम से प्लॉट है, वहां एक ही नाम के चार व्यक्ति हैं. जांच नौ अगस्त को भी जारी रहेगी. हेहल में मिले आठ प्लॉट:हेहल में जमीन की जांच के लिए गयी टीम को आठ प्लॉट मिले हैं, जहां मकान बने हुए हैं. उन सभी की फोटोग्राफी करायी गयी.क्या हो रही परेशानी:जमीन की जांच के लिए निकले अधिकारियों को सबसे ज्यादा परेशानी पते को ढंूढने में हो रही है. अधिकारियों को कहना है कि जो केस दिये गये हैं, उनमें केवल न तो पता है और न ही चौहद्दी का उल्लेख है. 10 को देना है रिपोर्ट:उपायुक्त के निर्देश के आलोक में टीमों को तीन दिनों में भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. दस अगस्त को रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपना है. कैसे तैयार होगी रिपोर्ट?जमीन की जांच कर सभी टीमों को 10 अगस्त तक रिपोर्ट देनी है. टीम तीन दिनों तक जमीनों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी. दो दिनों में अधिकारियों को जमीन की जांच के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. किसी को प्लॉट नहीं मिला, अगर प्लॉट मिला भी उसमें एक ही नाम के चार व्यक्ति हैं.