फोटो—राज जमीन अधिग्रहण की बात पर मांगा स्पष्टीकरणमास्टर प्लान के डिमॉन्स्ट्रेशन में मेयर, डिप्टी मेयर एवं पार्षद ने फीडबैक इंफ्रास्टक्चर से कहाकार्यशाला में दी गयी महत्वपूर्ण जानकारी – रेलवे स्टेशन को बड़ा किया जायेगा- 16 किलो मीटर की होगी मेट्रो लाइन- वर्ष 2037 में होगी पांच लाख मकानों की जरूरत – स्लम एरिया के लिए विशेष होगा प्लान- सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं सामान्य अस्पताल का प्लान- एजुकेशन सेंटर की होगी व्यवस्था – धुर्वा में 95 हेक्टेयर का स्पोर्ट्स सेंटर तैयार होगा- शहर में वाटर एवं सीवरेज का होगा नेटवर्क – डिस्ट्रिक पार्क एवं गोल्फ की होगी व्यवस्था संवाददाता, रांचीमास्टर प्लान के बारे में जानने के पहले मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विषयवर्गीय, सीइओ मनोज कुमार और पार्षदों ने निगम क्षेत्र की योजनाओं में रुचि दिखायी. उन्होंने पूछा कि मास्टर प्लान में 55 वाडार्ें के लिए क्या प्लानिंग है, पहले इसे स्पष्ट करें. फीडबैक इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा शुक्रवार को नगर निगम सभागार में मास्टर प्लान पर कार्यशाला का आयोजन किया. पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से मास्टर प्लान 2037 योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी. फीडबैक के पदाधिकारियों ने मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विषयवर्गीय, सीइओ मनोज कुमार एवं पार्षदों को एक -एक कर बताया. कार्यशाला में जैसे ही जमीन अधिग्रहण का मामला आया जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हमें अपने नगर निगम क्षेत्र की जानकारी चाहिए. नगर निगम क्षेत्र से बाहर का जिम्मा जिला परिषद का है. आप जिला परिषद के सदस्यों से मिल कर उनसे चर्चा करे. पहले ही गांवों में मास्टर प्लान का विरोध हो रहा है. जमीन के अधिग्रहण पर स्थिति स्पष्ट करे. पार्षदों की ओर से अशोक बड़ाइक ने कहा कि हम पार्षद मास्टर प्लान के विरोधी नहीं है. 14 साल बाद भी राजधानी की स्थिति अच्छी नहीं है. मास्टर प्लान में हजारों एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. यहां सीएनटी, पेसा एवं जमीन अधिग्रहण कानून है. इस पर सोचने की जरूरत है.आदिवासी जमीन कितनी है पता नहीं मास्टर प्लान की कार्यशाला में जानकारी दे रहे फीडबैक के अधिकारियों को राजधानी में आदिवासी जमीन के बारे में पता नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने आदिवासी जमीन के बारे में हर स्तर से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन यह बताया गया कि अभी तक ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ है.सीएनटी एक्ट का भी आया मामलामास्टर प्लान की कार्यशाला में सीएनटी एक्ट का मामला भी सामने आया. फीडबैक के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान पास हो जाने के बाद जोनल प्लान बनाया जायेगा. प्लान के सभी सात जोन का अध्ययन किया जायेगा. हर गांव के विकास के लिए अलग से कमेटी होगी. जमीन का अधिग्रहण कर रोड एवं अन्य सुविधाएं दी जायेगी. इसके बाद का जिम्मा प्राइवेट डेवलपर्स को दिया जायेगा. यह सुनते ही पार्षदों ने कहा कि राज्य में सीएनटी एक्ट है. आप कैसे जमीन अधिग्रहण कर पायेंगे.गुड़गांव व गुजरात का मॉडलफीडबैक ने बताया कि राज्य के मास्टर प्लान को गुड़गांव एवं गुजरात के मॉडल को अपनाया गया है. पहले सरकार बडे़ पैमाने पर जमीन अधिग्रहित करती थी, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है. 15 से 20 हजार आबादी वाले क्षेत्र में एक सेक्टर होगा. हर सेक्टर में कॉलोनी, स्कूल एवं अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी.
पहले निगम के 55 वाडार्ें का प्लान बतायें
फोटो—राज जमीन अधिग्रहण की बात पर मांगा स्पष्टीकरणमास्टर प्लान के डिमॉन्स्ट्रेशन में मेयर, डिप्टी मेयर एवं पार्षद ने फीडबैक इंफ्रास्टक्चर से कहाकार्यशाला में दी गयी महत्वपूर्ण जानकारी – रेलवे स्टेशन को बड़ा किया जायेगा- 16 किलो मीटर की होगी मेट्रो लाइन- वर्ष 2037 में होगी पांच लाख मकानों की जरूरत – स्लम एरिया के लिए […]
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