रांची : झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को सिटी बस सर्विस पर कुछ देर के लिए ब्रेक लग गयी थी. नगर निगम के अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद चालकों ने बसों का परिचालन शुरू किया, लेकिन सिटी बसों में पॉकेटमारी नहीं थमी. कांटाटोली में पॉकेटमारों ने दो लोगों की जेब पर हाथ साफ कर दिया.
दिन में 11:15 बजे कांटाटोली में एक सिटी बस में तमाड़ निवासी विष्णु मुंडा और राम सिंह जोगी की पॉकेटमारी हो गयी. विष्णु मुंडा के पर्स में 3,000 रुपये नकद के अलावा अन्य कागज भी रखे थे. वहीं, राम सिंह जोगी के पर्स में 2000 रुपये के अलावा आधार कार्ड, गोल्डन कार्ड रखे थे.
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राजधानी में सिटी बसों में बढ़ती पॉकेटमारी की घटनाओं को देखते हुए सिटी बस के चालकों ने गुरुवार सुबह बस चलाने से साफ इन्कार कर दिया था. धुर्वा गोल चक्कर और रातू रोड से खुलने वाली सभी 25 सिटी बसें अपने-अपने डिपो में खड़ी थीं. पॉकेटमारी की बढ़ती घटनाओं की वजह से चालकों ने बस चलाने से इन्कार कर दिया. उनका कहना था कि पॉकेटमारों की वजह से वह भी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.
बस चालकों ने कहा था कि जब तक पॉकेटमारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे बसें नहीं चलायेंगे. नगर निगम के अधिकारियों के समझाने के बाद चालकों ने बसें रोड पर निकाली. थोड़ी देर से बसों का परिचालन शुरू हुआ, तो पॉकेटमार भी काम पर लग गये. कांटाटोली चौक, कचहरी चौक, सुजाता चौक, ओवरब्रिज क्षेत्र में सबसे ज्यादा पॉकेटमारी हो रही है.
सिटी बस के चालकों और कंडक्टरों का कहना है कि पॉकेटमार उन्हें भी जान से मारने की धमकी देते हैं. 8-10 लोगों का झुंड एक साथ बस में चढ़ता है और लोगों की जेबें साफ कर देता है. पब्लिक भी स्टाफ को ही दोष देते हैं. कहते हैं कि ये लोग पॉकेटमारों से मिले हुए हैं. इसलिए हम इस समस्या का निदान चाहते हैं. सिटी बस के एक स्टाफ ने बताया कि गेट जाम करके खड़े पॉकेटमार को हटने के लिए कहा, तो उसने उस पर वार कर दिया. चेहरे पर हमला किया, जिससे उनका दांत हिल गया है.
उल्लेखनीय है कि आये दिन सिटी बसों में पॉकेटमारी की घटनाएं हो रही हैं. शिकायत के बावजूद पॉकेटमारी की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है. दिन-ब-दिन बसों में पॉकेटमारी की घटनाएं बढ़ रही हैं. इससे तंग आकर सिटी बस के चालकों ने वाहन चलाने से इन्कार कर दिया है. नगर निगम के पदाधिकारी जब तक इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं देंगे, चालक डिपो से बस नहीं निकालेंगे. सिटी बसों का परिचालन बंद रहने की वजह से ऑटो पर दबाव बढ़ गया था.