रांची : रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद की स्वास्थ्य जांच अब एम्स में की जायेगी. एम्स भेजे जाने से पूर्व लालू प्रसाद को रिम्स के मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना होगा. बोर्ड के फैसला के बाद उन्हें एम्स रेफर किया जायेगा. संभावना व्यक्त की जा रही है कि लालू प्रसाद को होली के बाद रिम्स से एम्स भेजा जायेगा.
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रिम्स बोर्ड के फैसले के बाद लालू प्रसाद को भेजा जायेगा एम्स
रांची : रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद की स्वास्थ्य जांच अब एम्स में की जायेगी. एम्स भेजे जाने से पूर्व लालू प्रसाद को रिम्स के मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना होगा. बोर्ड के फैसला के बाद उन्हें एम्स रेफर किया जायेगा. संभावना व्यक्त की जा रही है […]
लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि विगत डेढ़ साल से लालू प्रसाद का इलाज रिम्स में चल रहा है. यहां उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है. वह किडनी के मरीज हैं. ऐसे में देश के बड़े अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ से राय लेना जरूरी है.
डॉ उमेश ने बताया कि लालू यादव की किडनी की जांच रिपोर्ट आयी थी, जिसकी क्रॉस जांच करायी गयी. दोनों रिपोर्ट लगभग बराबर है. उनकी किडनी का स्टेज 3-बी तक आ गया है. मेडिकल बोर्ड जो फैसला लेगा, उससे कोर्ट व जेल प्रशासन को अवगत कराया जायेगा. कोर्ट के आदेश पर उन्हें एम्स भेजा जायेगा.
वहीं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ डीके झा ने बताया कि विचार-विमर्श के बाद उन्हें एम्स भेजने पर बात चल रही है. सूत्राें की मानें, तो लालू प्रसाद को होली से पहले ही एम्स भेजने की तैयारी थी. शनिवार को इसको लेकर मेडिकल बोर्ड की बैठक होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी.
शनिवार को शुगर लेबल बढ़ कर 186 हुआ : लालू प्रसाद अनियंत्रित शुगर, हाइ ब्लड प्रेशर व क्रॉनिक किडनी समेत 11 तरह की बीमारी से ग्रसित हैं. शुगर लेवल व ब्लड प्रेशर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है. इससे डॉक्टर भी चिंतित हैं. शनिवार को उनका ब्लड शुगर लेवल 186 पाया गया, जिसके आधार पर इंसुलिन का डोज बढ़ाया गया.
जांघ की हड्डी दो टुकड़ों में बंट गयी थी रिम्स में ऑपरेशन कर किया दुरुस्त
रांची. रिम्स के हड्डी विभाग में हजारीबाग निवासी 35 वर्षीय हीमोफीलिया मरीज की सफल सर्जरी की गयी है. दुर्घटना में मरीज की जांघ की हड्डी दो टुकड़ों में टूट कर बंट गयी थी, जिसे ऑपरेशन कर जोड़ा गया. हीमोफीलिया मरीज होने के कारण कोई भी डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए राजी नहीं हो रहे थे. इसके बाद परिजन मरीज को लेकर रिम्स में हड्डी विभागाध्यक्ष डॉ एलबी मांझी के आेपीडी में पहुंचे.
यहां आवश्यक जांच के बाद सर्जरी करने का फैसला लिया गया. शनिवार को मरीज की सर्जरी की गयी. डॉ एलबी मांझी ने बताया कि मरीज के शरीर में फैक्टर 8 का लेवल एक प्रतिशत ही था, जिससे ऑपरेशन करना बड़ी चुनौती थी. मरीज को पहले फैक्टर 8 चढ़ाया गया. शरीर में फैक्टर का स्तर शत प्रतिशत पहुंचने के बाद ऑपरेशन किया गया.
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