नेशनल पैदल चाल प्रतियोगिता : कद काठी देख किया हतोत्साहित, जुनून से जीता गोल्ड
हरियाणा के अमित ने चार साल लगाये कोच के चक्कर, किसी ने नहीं अपनाया रांची : हरियाणा निवासी अमित कुमार ने रविवार को मोरहाबादी में आयोजित नेशनल पैदल चाल प्रतियोगिता के 10 किमी इवेंट में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया. लेकिन इस रिकॉर्ड के पीछे की कहानी रोचक है. 2014 में अमित घर छोड़कर पैदल […]
हरियाणा के अमित ने चार साल लगाये कोच के चक्कर, किसी ने नहीं अपनाया
रांची : हरियाणा निवासी अमित कुमार ने रविवार को मोरहाबादी में आयोजित नेशनल पैदल चाल प्रतियोगिता के 10 किमी इवेंट में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया. लेकिन इस रिकॉर्ड के पीछे की कहानी रोचक है.
2014 में अमित घर छोड़कर पैदल चाल प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कोच से मिले. शरीर से कमजोर दिखनेवाले अमित को देख कोच ने उनसे कहा कि तुमसे ये नहीं हो पायेगा. चार साल तक अमित ने कई कोच के चक्कर काटे और सबने एक ही बात कही. फिर भी अमित ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को साबित करने के लिए जी जान लगा दिया. आज परिणाम सबके सामने है. रांची में उन्होंने नेशनल पैदल चाल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता और जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया.
अमित 2014 से लेकर 2018 तक अपने घर से बाहर पैदल चाल इवेंट की ट्रेनिंग लेने के लिए निराशा के साथ भटकते रहे. इनका शरीर देख कर किसी कोच ने इनका साथ नहीं दिया. 2018 में ही पटियाला पहुंचे और एथलेटिक्स कोच चंदन सिंह से मिले.
उन्होंने इनकी प्रतिभा को पहचाना. यहां से इनका अभ्यास शुरू हुआ. सबसे पहले नॉर्थ जोन प्रतियोगिता में इन्होंने रिकॉर्ड बनाया और जोन के टॉप एथलीटों को पीछे छोड़ दिया. इसके बाद 2019 में विजयवाड़ा में आयोजित नेशनल पैदल चाल प्रतियोगिता में भी रिकॉर्ड बनाया और बताया कि हौसला हो, तो कुछ भी किया जा सकता है.
मजदूर पिता की बेटी मुनीता ने जीता स्वर्ण पदक
उत्तर प्रदेश के बनारस की मुनीता प्रजापति के पिता बिरजू मजदूरी का काम करते हैं. तीन बहन और एक भाई है. घर का खर्च किसी तरह चल पाता है. लेकिन इस खिलाड़ी ने 10 किमी पैदल चाल में रविवार को स्वर्ण पदक जीता और जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया. मुनीता ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाते हुए बताया कि वह खुद काम करती थी, जिससे उसके खेल का खर्च निकल सके.