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लगान निर्धारण की जांच में सॉफ्टवेयर से हुई छेड़छाड़!
रांची : नामकुम और बड़गाई अंचल में गैर मजरूआ भूमि का लगान निर्धारण की जांच के लिए गठित सीआइडी और साइबर सेल की टीम को आरंभिक जांच में सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ के संकेत मिले हैं. क्योंकि सॉफ्टवेयर सिक्यूरिटी प्रोटेक्टेड नहीं है और न ही इसका सिक्यूरिटी ऑडिट किया गया है. सॉफ्टवेयर में कई कमियां हैं, […]
रांची : नामकुम और बड़गाई अंचल में गैर मजरूआ भूमि का लगान निर्धारण की जांच के लिए गठित सीआइडी और साइबर सेल की टीम को आरंभिक जांच में सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ के संकेत मिले हैं. क्योंकि सॉफ्टवेयर सिक्यूरिटी प्रोटेक्टेड नहीं है और न ही इसका सिक्यूरिटी ऑडिट किया गया है.
सॉफ्टवेयर में कई कमियां हैं, जिसमें सर्विस प्रोवाइडर एनआइसी की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. एनआइसी के एक अधिकारी पर भी जांच टीम को संदेह है. जिसके संपर्क से भूमि दस्तावेज में ऑनलाइन छेड़छाड़ कर घटना को अंजाम दिया है. टीम को इस बात की जानकारी मिली है कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमीन की हेराफेरी की गयी है. टीम एनआइसी के अधिकारी की संलिप्तता पर और ठोस साक्ष्य एकत्रित कर रही है.
उल्लेखनीय है कि विभाग के स्तर पर हुई आरंभिक जांच में पहले भी एनआइसी की लापरवाही की बात सामने आयी थी. क्योंकि पत्राचार के बावजूद एनआइसी द्वारा सॉफ्टवेयर में सुधार नहीं किया गया और न ही एनआइसी की ओर से इस पर कोई ध्यान दिया गया. उल्लेखनीय है कि दोनों अंचल में अवैध तरीके से कई एकड़ जमीन की जमाबंदी की गयी है. इसकी शिकायत मिलने के बाद राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने इसकी जांच की अनुशंसा सीआइडी मुख्यालय से की थी.
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