36 पुराने कानूनों को खत्म करेगी सरकार

सोमवार को संसद में पेश हो सकता है नया बिलएजेंसियां, नयी दिल्ली अब अप्रासंगिक हो चुके देश के 36 कानूनों को खत्म करने या संशोधित करने के लिए सरकार सोमवार को संसद में बिल पेश करेगी. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस एजेंडे के तहत लिये गये हैं, जिसमें उन्होंने बेहतर गवर्नेंस में रोड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2014 4:00 PM

सोमवार को संसद में पेश हो सकता है नया बिलएजेंसियां, नयी दिल्ली अब अप्रासंगिक हो चुके देश के 36 कानूनों को खत्म करने या संशोधित करने के लिए सरकार सोमवार को संसद में बिल पेश करेगी. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस एजेंडे के तहत लिये गये हैं, जिसमें उन्होंने बेहतर गवर्नेंस में रोड़े अटकाने वाले कानूनों को हटाने की बात कही थी. सूत्र ने बताया कि बिल में फॉरेन जूरिस्डिक्शन ऐक्ट, इंडियन फिशर ऐक्ट और सुगर अंडरटेकिंग ऐक्ट शामिल हैं. कम-से-कम 32 में संशोधन के प्रस्ताव हैं. फॉरेन जूरिस्डिक्शन ऐक्ट 1947 में बना था और इसके तहत सरकार को अधिकार था कि वह देश के बाहर के क्षेत्रों को अधिग्रहीत कर सकती थी. आज के दौर में इस कानून का कोई मतलब नहीं है. ऐसे कानूनों की सूची में 1867 का सराय ऐक्ट भी शामिल है, जिसमें आधुनिक रेस्तरां पर भी मुसाफिरों को मुफ्त पानी पिलाने की बाध्यता है.कानून मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव अभियान के दौरान किये गये वादे को पूरा करने की प्रक्रि या है. सूत्र ने बताया कि विधि सचिव पी के मल्होत्रा ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के निर्देश पर सभी मंत्रालयों से ऐसे कानूनों की पहचान करने को कहा है, जो अप्रासंगिक हो चुके हैं और जिन्हें बदलने या खत्म करने की जरूरत है. बेकार पड़ चुके ऐसे कानूनों की विस्तृत सूची विधि आयोग बना रहा है. इसे पूरा करने में दो महीने लग सकते हैं.प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने सभी मंत्रालयों के सचिवों के साथ मीटिंग में कहा था कि ऐसे कानून और प्रक्रि याएं मौजूद हैं, जो समय के हिसाब से अप्रासंगिक हो चुकी हैं और वे गवर्नेंस का मकसद साधने के बजाय अड़चनें पैदा कर रही हैं. उन्होंने इन अप्रासंगिक कानूनों की पहचान कर इन्हें हटाने का आह्वान किया था. इस संबंध में बिल पेश करने के बाद संसद से अगले सत्र में और भी पुराने कानूनों को हटाने की पहल की जायेगी. सूत्र ने बताया कि इस सत्र में पुराने कानूनों को समाप्त करने की पहली खेप होगी. अगली खेप में करीब डेढ़ से दो सौ कानून निरस्त करने की तैयारी चल रही है.

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