राजगीर, गया में गंगाजल पहुंचाने को सड़क के किनारे बिछेगी पाइपलाइन, मिला एनओसी
स्थानीय के साथ ही पर्यटकों को भी लाभ पटना : गंगा नदी के पानी को राजगीर, गया और नवादा तक ले जाने के लिए सड़क किनारे करीब 190 किमी लंबी पाइपलाइन बिछायी जायेगी. यह पाइपलाइन पटना जिले के हाथीदह से सरमेरा, बरबीघा होते हुए गिरियक जायेगा, जहां पानी को स्टोर किया जायेगा. फिर वहां से […]
स्थानीय के साथ ही पर्यटकों को भी लाभ
पटना : गंगा नदी के पानी को राजगीर, गया और नवादा तक ले जाने के लिए सड़क किनारे करीब 190 किमी लंबी पाइपलाइन बिछायी जायेगी. यह पाइपलाइन पटना जिले के हाथीदह से सरमेरा, बरबीघा होते हुए गिरियक जायेगा, जहां पानी को स्टोर किया जायेगा.
फिर वहां से एक पाइपलाइन राजगीर के घोड़ाकटोरा तक जायेगी और दूसरी पाइपलाइन गया जायेगी. दूसरे चरण में गिरियक से तीसरी पाइपलाइन नवादा तक जायेगी. इस संबंध में जल संसाधन विभाग की मांग पर पथ निर्माण विभाग ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया है. वहीं, एनएचएआइ से भी एनओसी जल्द मिलने की संभावना है. इसके बाद इस परियोजना पर काम शुरू हो जायेगा. राज्य कैबिनेट से 18 दिसंबर को इसकी मंजूरी मिल चुकी है.
इस परियोजना का फायदा स्थानीय लोगों के साथ देश-विदेश से हर साल गया और राजगीर पहुंचने वाले लाखों पर्यटकों को भी मिलेगा.पहले चरण में इस परियोजना पर करीब 2836 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
घोड़ाकटोरा में 90 मिलियन क्यूसेक मीटर (एमसीएम) तक पानी के स्टोरेज की व्यवस्था की जानी है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक जल-जीवन-हरियाली अभियान के इस महत्वपूर्ण परियोजना में पाइपलाइन बिछाने में सड़क क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत पथ निर्माण विभाग करेगा, जबकि इस पर आने वाला खर्च जल संसाधन विभाग वहन करेगा.
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत गंगाजल को गया, बोधगया और राजगीर जैसे शहरों में उपलब्ध करवाया जायेगा. इससे गया को 43 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) और राजगीर को सात एमसीएम पानी मुहैया कराया जायेगा. ये दोनों ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के शहर हैं. इसका फायदा स्थानीय लोगों के साथ देश-विदेश से हर साल आने वाले लाखों पर्यटकों को भी मिलेगा.