दो बड़े कमांडरों को मारा था टीपीसी ने

प्रतिनिधि, चतरापलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में 16 टीपीसी उग्रवादियों की हत्या कर माओवादियों ने चतरा के कुंदा लकडमंदा घटना का बदला लिया है़ 28 फरवरी 2013 को लकड़मंदा में टीपीसी के उग्रवादियों ने एक मुठभेड़ में 10 माओवादियों को मार गिराया था. टीपीसी के उग्रवादियों ने 25 माओवादियों को बंधक भी बना लिया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2014 6:00 PM

प्रतिनिधि, चतरापलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में 16 टीपीसी उग्रवादियों की हत्या कर माओवादियों ने चतरा के कुंदा लकडमंदा घटना का बदला लिया है़ 28 फरवरी 2013 को लकड़मंदा में टीपीसी के उग्रवादियों ने एक मुठभेड़ में 10 माओवादियों को मार गिराया था. टीपीसी के उग्रवादियों ने 25 माओवादियों को बंधक भी बना लिया था. बाद में परिजनों को बुला कर उन्हें सौंप दिया था़ मारे गये माओवादियों मंे दो बड़े कमांडर झारखंड-बिहार मध्य जोन के सचिव लवलेश उर्फ प्रशांत, जोनल कमांडर बीरू यादव उर्फ धर्मेंद्र के अलावा जयकु मार यादव, अजय यादव, प्रफुल्ल यादव, अलवत इलियास, विजय गंझू, धनंजय भुईयां, पप्पू पासवान, प्रमोद उर्फ प्रभात शामिल थे़ इस मुठभेड़ में टीपीसी के एक सदस्य अमरेश पाल भी मारा गया था़ टीपीसी व पुलिस ने एके-56 हथियार समेत कई हथियार बरामद किये थे़ 2007 में सात टीपीसी सदस्य मारे गये माओवादियों ने बालूमाथ थाना क्षेत्र के हेरहंज में माओवादी संगठन छोड़ कर आये जोनल कमांडर मुरारी जी, मंदीप समेत सात टीपीसी सदस्य को मार गिराया था़ इसका बदला टीपीसी ने वर्ष 2013 में लकड़मंदा मंे लिया था़ इसके अलावा दो वर्ष पूर्व बनवार मुठभेड़ में तीन माओवादी व एक टीपीसी के सदस्य मारे गये थे़ दोनों संगठनों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई है़

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