आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाओं के स्थायीकरण की मांग

राजभवन के समक्ष धरना दिया, राज्यपाल के नाम नौ सूत्री ज्ञापन सौंपासंवाददाता, रांची झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी सभा ने शनिवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया और राज्यपाल के नाम मांगों से संबंधित नौ सूत्री ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं की सेवा नियमावली जल्द बनायी जाये. सेविका व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2014 6:00 PM

राजभवन के समक्ष धरना दिया, राज्यपाल के नाम नौ सूत्री ज्ञापन सौंपासंवाददाता, रांची झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी सभा ने शनिवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया और राज्यपाल के नाम मांगों से संबंधित नौ सूत्री ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं की सेवा नियमावली जल्द बनायी जाये. सेविका व सहायिकाओं का सरकारी स्थायीकरण हो. सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ा कर 65 वर्ष की जाये. सेवा मुक्ति पर एकमुश्त 15 लाख रुपये दिये जायें. सेविकाओं को योग्यता के अनुसार महिला पर्यवेक्षक के पद पर सीधे प्रोन्नति मिले. जब तक उनके पद स्थायी नहीं होते, तब तक सेविका को 15,000 और सहायिका को 10,000 रुपये का मानदेय मिले. यदि आंगनबाड़ी को साथ में नर्सरी का प्रावधान किया गया है, तो सेविका को नर्सरी टीचर का दर्जा मिले.इस मौके पर महामंत्री सुंदरी तिर्की ने कहा कि विगत 30 वर्षों से सेविका व सहायिकाएं मानदेय पर कार्यरत हैं. 60 वर्ष से ऊपर की सेविका व सहायिकाओं को सेवामुक्त किया जाता है लेकिन उन्हें कोई जीवन यापन सहायता राशि नहीं दी जाती. सभा में बहालेन कच्छप, प्रेम लता तिग्गा, उमेरा खातून, मोनिका बोयपाइ, सोमा केया, सीता देवी, सुचित्रा देवी व काफी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाएं मौजूद थीं.

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