रांची : ऊर्जा विकास निगम के पास पैसे नहीं, 7293 लोगों की पेंशन बंद
रांची : झारखंड ऊर्जा विकास निगम के 7,293 पेंशनधारियों की पेंशन बंद हो गयी है. वजह है कि राज्य सरकार की ओर से प्रतिमाह दिया जा रहा 30 करोड़ रुपये का भुगतान नवंबर 2019 से बंद कर दिया गया है. ऊर्जा विकास निगम के अधीन झारखंड बिजली वितरण निगम में 4,653 पेंशनकर्मी हैं. शेष पेंशनधारी […]
रांची : झारखंड ऊर्जा विकास निगम के 7,293 पेंशनधारियों की पेंशन बंद हो गयी है. वजह है कि राज्य सरकार की ओर से प्रतिमाह दिया जा रहा 30 करोड़ रुपये का भुगतान नवंबर 2019 से बंद कर दिया गया है. ऊर्जा विकास निगम के अधीन झारखंड बिजली वितरण निगम में 4,653 पेंशनकर्मी हैं. शेष पेंशनधारी संचरण और उत्पादन निगम में हैं.
नवंबर 2019 से ही राशि कम होने की बात कहते हुए राज्य सरकार पेंशन की राशि नहीं दे रही है. जिसके कारण निगम ने अपने खाते से नवंबर व दिसंबर का पेंशन भुगतान कर दिया. लेकिन, जनवरी का पेंशन भुगतान फरवरी में नहीं हो सका है. इस कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे पेंशनधारी बोर्ड मुख्यालय में फोन कर राशि की मांग कर रहे हैं. इस माह उनके एकाउंट में पेंशन की राशि नहीं गयी.
वित्त विभाग ने मांगी फाइल : बताया गया कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड का जब बंटवारा कर चार अलग-अलग कंपनियां बनी थी, तब राज्य सरकार ने पेंशन भुगतान की गारंटी ली थी. तब से राज्य सरकार प्रत्येक माह 30 करोड़ रुपये पेंशन राशि का भुगतान झारखंड ऊर्जा विकास निगम को करती आ रही है. नवंबर 2019 से पेंशन राशि नहीं दी जा रही है. तब वितरण निगम, संचरण निगम और उत्पादन निगम ने अपने-अपने आंतरिक फंड से दो माह का पेंशन भुगतान कर दिया. पर अब वितरण निगम के पास भी राशि खत्म हो गयी है.
इस कारण जनवरी का पेंशन भुगतान नहीं हो सका है. राज्य सरकार को पेंशन राशि रिलीज करने का आग्रह किया गया है. इधर, वित्त विभाग द्वारा ऊर्जा विकास निगम के अधीन सभी 7,293 पेंशनधारियों की सूची मांगी गयी. सूची भेज दी गयी. अब वित्त विभाग एक-एक पेंशनधारियों की जांच कर रहा है.
पेंशन जल्द जारी करे सरकार : एसोसिएशन
जेएसइबी रिटायर्ड आॅफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वकील सिंह ने कहा कि यह पहला मौका है जब 13 फरवरी हो गये हैं और पेंशनधारियों को पेंशन नहीं मिली है. जबकि आदेश है कि हर हाल में एक तारीख तक पेंशन राशि मिल जानी चाहिए. हमने बोर्ड प्रबंधन से जल्द पेंशन राशि भुगतान करने की मांग की है.