झारखंड ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा : प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की हालत खस्ता, विद्यार्थियों के भविष्‍य के साथ हो रहा खिलवाड़

झारखंड में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की हालत खस्ता है. व्यवस्थागत खामियों का नतीजा हमारे विद्यार्थी भुगत रहे हैं. कहीं आवासीय स्कूल में विद्यार्थियों के पढ़ने और रहने की जगह नहीं है. कहीं शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं सिस्टम ही फेल है. कहीं बिना पढ़ाये ही परीक्षा की तिथि घोषित कर दी जाती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2020 6:47 AM
झारखंड में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की हालत खस्ता है. व्यवस्थागत खामियों का नतीजा हमारे विद्यार्थी भुगत रहे हैं. कहीं आवासीय स्कूल में विद्यार्थियों के पढ़ने और रहने की जगह नहीं है. कहीं शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं सिस्टम ही फेल है.
कहीं बिना पढ़ाये ही परीक्षा की तिथि घोषित कर दी जाती है. इस स्थिति में हम राज्य का कैसा भविष्य गढ़ रहे हैं, यह सोचना होगा. बच्चे और युवा हमारे भविष्य हैं. उसकी शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर हम भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

लातेहार : आवासीय विद्यालय में रहने की जगह नहीं, बिना पढ़े परीक्षा
झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय, हेरहंज
सुमित कुमार
चंदवा : हेरहंज प्रखंड मुख्यालय स्थित झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में छठी कक्षा के लिए सत्र 2019-20 में 47 बच्चियों का नामांकन किया गया. स्कूल में जगह नहीं होने के कारण नामांकन के बाद ही उन्हें घर वापस भेज दिया गया. नामांकन के बाद एक दिन भी इन छात्राओं ने कक्षा नहीं की. अब परीक्षा की घड़ी आ गयी है, तो वह सीधे परीक्षा देंगी. दसवीं कक्षा की छात्राओं को परीक्षा के बाद घर भेज दिया जायेगा, जिसके बाद इन छात्राओं की बुलाकर परीक्षा ली जायेगी. सातवीं कक्षा में पहुंचने पर इन छात्राओं को स्कूल में जगह मिलेगी. हाल यही रहा, तो फिर नये सत्र में छठी कक्षा में नामांकन लेनेवाली छात्राओं को भी इसी तरह घर लौटना पड़ेगा. इसका कारण विद्यालय में कमरों का अभाव है. विद्यालय का अपना भवन नहीं बन पाया है. यह उत्क्रमित मध्य विद्यालय घुर्रे में चल रहा है.
पांच कक्षाओं में कुल 237 छात्राएं हैं नामांकित : वर्ग छह में नामांकित 47 छात्राओं में अनुसूचित जाति की 12, अनुसूचित जनजाति की 22 व ओबीसी कोटे की 13 छात्राएं शामिल हैं. विद्यालय की वार्डन एलिजाबेथ कुमुद टोप्पो ने बताया कि वर्तमान में विद्यालय में कुल 237 छात्राएं नामांकित हैं. इनमें कक्षा छह में 47, कक्षा सात में 50, कक्षा आठ में 50, कक्षा नवम में 43 तथा कक्षा दस में 47 छात्राएं शामिल हैं. कक्षा छह की सभी 47 छात्राएं कमरों के अभाव के कारण विद्यालय में नहीं रहती हैं. पूर्व में यह बालूमाथ स्थित कस्तूरबा आवासीय बालिका उवि में संचालित हो रहा था.
वर्ष 2017 से उच्च मध्य विद्यालय घुर्रे में झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हो रहा है. यहां कुल 13 कमरे हैं. इनमें से आठ कमरे आवासीय विद्यालय के लिए मिले हैं. शेष पांच कमरों में उच्च मध्य विद्यालय घुर्रे की पढ़ाई होती है. मिले आठ कमरों में चार में कक्षाएं चलती हैं. वहीं तीन में बच्चियां पढ़ाई भी करती हैं और सोती भी हैं. शेष एक कमरे में हम सभी स्टाफ रहते हैं. इसी कमरे में स्टोर का भी सामान रहता है. इधर उच्च मध्य विद्यालय घुर्रे के प्राचार्य पवन कुमार ने कहा कि कमरों के अभाव में यहां की कक्षा भी प्रभावित होती है.
क्या कहती हैं वार्डेन कमरे कम है, छात्राओं को भेजा गया है घर
छात्राओं को घर भेजने के संबंध में वार्डेन एलिजाबेथ कुमुद टोप्पो ने कहा कि विद्यालय में कमरों का अभाव है. 2019-20 में कक्षा छह में जिन छात्राओं का नामांकन किया गया था, वे सभी अपने-अपने घरों में हैं. नये भवन में जाने के बाद ही स्थिति सामान्य हो पायेगी. विद्यालय की समस्याओं को लेकर उपायुक्त और उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत करा चुकी हूं. छात्राओं को समुचित शिक्षा नहीं दे पाने के कारण मैं खुद दुखी हूं.
ठेकेदार की लापरवाही के कारण अब तक नहीं बना भवन
प्रखंड मुख्यालय स्थित हुर मोड़ के समीप वर्ष 2016 से झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. विभागीय उदासीनता व संवेदक की लापरवाही के कारण भवन का निर्माण कार्य अब तक अधूरा है.
रांची विवि का कारनामा :नामांकन प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई और परीक्षा तिथि घोषित
2500 छात्रों के भविष्य पर सवाल
गुमला : रांची विवि में एमए सेमेस्टर-5 की एक दिन भी पढ़ाई नहीं हो पायी है और न ही छात्रों ने फार्म ही भरा है. वहीं रांची विश्वविद्यालय ने परीक्षा की तिथि जारी कर दी है. पांच मार्च से ही परीक्षा होनी है. ऐसे में गुमला जिले के 2500 छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है. कई छात्रों का तो नामांकन तक नहीं हुआ है. मामले को लेकर गुमला के विद्यार्थी आक्रोशित हैं.
शनिवार को अभाविप गुमला के बैनर तले विद्यार्थियों ने केओ कॉलेज में तालाबंदी कर दी. उन्होंने प्राचार्य प्रोफेसर जीतवाहन बड़ाइक, प्रोफेसर सुदामा सिंह सहित कई शिक्षकों और कर्मियों को आधे घंटे तक कार्यालय में बंद रखा. गुस्साये छात्रों ने विवि के खिलाफ नारेबाजी की. प्राचार्य व शिक्षकों द्वारा काफी समझाने के बाद विद्यार्थियों ने ताला खोला. छात्रों ने रांची विवि के कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा. जिसमें परीक्षा फार्म भरने की तिथि 15 से 20 दिन बढ़ाने की मांग की है. तिथि नहीं बढ़ाने पर अनिश्चितकाल के लिए गुमला कॉलेज में तालाबंदी करने की चेतावनी दी है.
छात्रों के भविष्य से खेल रहा विवि : कुणाल
रांची विवि छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष कुणाल शर्मा व अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री विनीता कुमारी ने कहा कि रांची विवि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. यूनिवर्सिटी ने बिना सोचे समझे परीक्षा की तिथि जारी कर दी, जबकि परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 26 फरवरी तक ही दिया गया है. यहां सवाल यह है कि नामांकन भी नहीं हुआ. ऐसे में परीक्षा की तिथि जारी करना विवि की मनमर्जी है. जिसे हम छात्र बर्दाश्त नहीं करेंगे.
टीचर नहीं , पढ़ाई बाधित
सेमेस्टर-5 की परीक्षा की तिथि जारी कर दी गयी है, जबकि अभी तक नामांकन व परीक्षा फार्म भरने की ही प्रक्रिया चल रही है. 2500 छात्रों में अभी तक 1000 से भी कम छात्रों ने ही नामांकन लिया है. टीचर नहीं रहने के कारण एक दिन भी पढ़ाई नहीं हुई है. छात्रों की जो मांग है, उसे कुलपति के पास रखा जायेगा.
प्रोफेसर जीतवाहन बड़ाइक,
प्राचार्य, केओ कॉलेज, गुमला

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